सार
Anxiety Symptoms and Treatment: एंग्जाइटी डिसऑर्डर एक मानसिक रोग है। स्टडी बताती है कि नींद पूरी न होने से शरीर में 86% रोग बढ़ जाते हैं, जिनमें डिप्रेशन व एंग्जाइटी सबसे ज्यादा हैं। जानें कैसे करें एंग्जाइटी का उपचार।
हेल्थ डेस्क: लेजेंड्री क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने अपने स्वास्थ्य को लेकर एक बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि अपने 24 साल के करियर के एक बड़े हिस्से को एंग्जाइटी में रहते हुए गुजारा है। सचिन तेंदुलकर ने खुलासा किया कि वह अपने करियर के एक महत्वपूर्ण हिस्से के लिए एंग्जाइटी से जूझ रहे थे। तेंदुलकर ने बताया कि मानसिक स्वास्थ्य पर चर्चा करते समय स्वीकृति महत्वपूर्ण है। जब भी मैच शुरू होता था और मेरे ग्राउंड में पैर रखने से काफी समय पहले ही मेरा इंजाइटी लेवल बहुत हाई हो जाता था।
सचिन तेंदुलकर ने बताया कि मैंने 10-12 साल तक चिंता महसूस की और कई मैच से पहले कई रातों को नींद नहीं आती थी। बाद में मैंने यह स्वीकार करना शुरू किया कि यह मेरी तैयारी का हिस्सा था। मैंने समय के साथ इसे संभालना शुरू किया, क्योंकि मैं रात में सो नहीं पा रहा था। फिर मैंने अपने दिमाग को कंफर्टेबल रखने के लिए कुछ करना शुरू किया।
एंग्जाइटी क्या होता है?
एंग्जाइटी डिसऑर्डर एक मानसिक रोग है। इसमें रोगी को तेज बैचेनी के साथ-साथ हमेशा निगेटिव विचार, डर और चिंता का आभास रहता है। स्टडी बताती है कि नींद पूरी न होने से शरीर में 86% रोग बढ़ जाते हैं, जिनमें डिप्रेशन व एंग्जाइटी सबसे ज्यादा हैं। अगर इसका सही इलाज ना किया जाए तो यह मिर्गी का कारण भी बन सकता है ।
एंग्जाइटी के लक्षण
- छाती में खिंचाव महसूस होना
- अचानक दिल की धड़कन का बढ़ जाना और फिर सांस फूलना
- मांसपेशियों में तनाव का बढ़ जाना
- लगातार थकान महसूस होते रहना
- व्यक्ति को बार-बार पैनिक अटैक्स का अनुभव होना
- किसी के लिए बहुत ज्यादा लगाव होना
- कई तरह के फोबिया होना
- लगातार चिड़चिड़ापन महसूस होना
- हर समय तनाव में रहना और काम में ध्यान न लग पाना
एंग्जाइटी के घरेलू उपचार
एंग्जाइटी महसूस होने पर संगीत सुनें
संगीत से ब्लड प्रेशर, हार्ट रेट और तनाव दूर होता है। इसीलिए जब आप एंग्जाइटी या डिप्रेशन महसूस करें तो अपनी पसंद का संगीत सुनें।
हर दिन व्यायाम अवश्य करें
एंग्जाइटी से बचने के लिए हेल्दी लाइफस्टाइल को अपनाएं। हर दिन 30 मिनट कम से कम व्यायाम अवश्य करें। एक्सपर्ट बताते हैं अपनी दिनचर्या में योग जरूर शामिल करें।
साइकोथेरेपी का इस्तेमाल करें
एंग्जाइटी को दूर करने में साइकोथैरेपी बहुत कारगर मानी जाती है। इस थैरेपी में पीड़ित व्यक्ति को मन पर नियंत्रण करना सिखाया जाता है। ताकि वो अपने हर काम में मन लगा सके।
खुद पर यकीन रहें और वर्तमान पर ध्यान दें
एंग्जाइटी इसलिए भी होती है क्योंकि इससे पीड़ित लोग हमेशा भविष्य के बारे में बहुत अधिक सोचते हैं। इसलिए रोज खुद से जानने का प्रयास करें और हमेशा वर्तमान में रहने की कोशिश करें। ऐसा करने से धीमे-धीमे गैरजरूरी चिंताएं मिटने लगेंगी।
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