क्या मछली की दवा सच में दमा ठीक करती है? जानें अस्थमा के कारण
Asthma Causes & Risk Factors: दमा या अस्थमा एक बीमारी है। इसे कम करने के लिए कई तरह की दवाइयाँ उपलब्ध हैं, फिर भी कुछ लोग मछली की दवा पर बहुत विश्वास करते हैं। क्या मछली की दवा वाकई इस बीमारी को कम करती है? इस लेख में हम इस बारे में जानेंगे।

अस्थमा क्या होता है?
दमा या अस्थमा, एक लंबी चलने वाली फेफड़ों की बीमारी है। इसे ब्रोन्कियल अस्थमा भी कहते हैं। इस बीमारी में श्वास नलियां सूज जाती हैं। डॉक्टरों का कहना है कि यह बीमारी वंशानुगत भी हो सकती है।
अस्थमा के लक्षण
सीने में दर्द, सांस लेने में तकलीफ, श्वास नलियों में सूजन, रात में ज्यादा खांसी आना, सांस लेते समय सीटी जैसी आवाज आना आदि।
अस्थमा के कारण
वंशानुगत होने की संभावना, प्रदूषण, धूल, धुआं, एलर्जी, ठंडा मौसम, मौसम में बदलाव, बीमारियाँ (फ्लू, सर्दी-जुकाम जैसी), मानसिक तनाव या डर आदि।
दुनिया भर में 30 प्रतिशत लोग अस्थमा से पीड़ित
इसका उम्र से कोई लेना-देना नहीं है। छोटे बच्चों से लेकर बड़ों तक, किसी को भी यह बीमारी हो सकती है। दुनिया भर में 30 प्रतिशत लोग अस्थमा से पीड़ित हैं, जिनमें से 5 प्रतिशत बच्चे हैं। कम उम्र में ही बच्चे इस बीमारी की चपेट में आकर परेशान हो रहे हैं।
अस्थमा में क्या करें?
इन्हेलर का उपयोग करना, डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाइयां समय पर लेना, एलर्जी पैदा करने वाली चीजों से दूर रहना, सांस संबंधी व्यायाम करना आदि।
180 सालों से दमा के लिए मछली
बत्तीन परिवार के सदस्य 180 सालों से दमा के लिए मछली की दवा बांट रहे हैं। हर साल 5 लाख से ज्यादा लोग मछली का प्रसाद लेते हैं। बत्तीन भाइयों की मौजूदगी में मछली का प्रसाद बांटा जाता है। यह मछली की दवा लेने के लिए न केवल तेलुगु राज्यों से, बल्कि तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, ओडिशा, दिल्ली से भी दमा के मरीज शहर आते हैं।