सार

अमेरिका में एक रिपोर्ट के अनुसार, कुछ कंडोम में PFAS नामक जहरीला रसायन पाया गया है जो कैंसर का कारण बन सकता है। इस रिपोर्ट के बाद कंडोम बनाने वाली कंपनियों के खिलाफ जांच शुरू कर दी गई है।

वाशिंगटन: एक से ज्‍यादा पार्टनर के साथ संबंध बनाने वाले लोग सेक्‍सुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्‍शन से बचने के लिए कंडोम का इस्‍तेमाल करते हैं. वहीं कुछ लोग अनचाहे गर्भ से बचने के लिए गर्भनिरोधक के तौर पर कंडोम का इस्‍तेमाल करते हैं. लेकिन हाल ही में आई एक रिपोर्ट ने कंडोम यूजर्स के मन में एक नई चिंता पैदा कर दी है. आखिर क्‍या है वो रिपोर्ट और क्‍यों परेशान हैं कंज्‍यूमर्स, आइए जानते हैं.
 
अमेरिका का कहना है कि कंडोम के इस्‍तेमाल से कैंसर का खतरा बना रहता है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिका का नंबर वन कंडोम ट्रोजन में कैंसर पैदा करने वाला एक जहरीला केमिकल पाया गया है. इस मामले में अमेरिका के मैथ्‍यू गुडमैन नाम के शख्‍स ने मैनहट्टन फेडरल कोर्ट में केस दर्ज कराया है. उनका कहना है कि ट्रोजन कंपनी के अल्‍ट्रा थिन कंडोम में पॉलीफ्लोरोएल्किल नाम का पदार्थ मौजूद है. इसे PFAS भी कहा जाता है. PFAS एक ऐसा पदार्थ है जो सेहत के लिए काफी नुकसानदेह होता है और लंबे समय तक पर्यावरण और इंसान के शरीर में बना रहता है. आमतौर पर PFAS का इस्‍तेमाल नॉन स्‍टिक और जेल बेस्‍ड चीजों में होता है.

शिकायतकर्ता मैथ्‍यू के मुताबिक, ट्रोजन अल्‍ट्रा थिन कंडोम की लैब में जांच कराई गई तो उसमें ऑर्गेनिक फ्लोरीन की मौजूदगी का पता चला. कंडोम के पैकेट पर PFAS मार्क भी होता है. हालांकि, सभी कंपनियां अपने कंडोम के पैकेट पर ये जानकारी नहीं देती हैं. उनका कहना है कि अगर PFAS मार्क कर दिया जाए तो ग्राहक उसे खरीदेंगे नहीं या फिर कंपनी को उसकी कीमत कम करनी पड़ेगी. मैथ्‍यू ने कोर्ट से मांग की है कि देशभर में इस कंडोम को खरीदने वाले ग्राहकों को 5 मिलियन डॉलर का मुआवजा दिया जाए. 

क्‍या होता है PFAS? क्‍या इससे कैंसर होता है?
PFAS को एक ऐसा हानिकारक केमिकल माना जाता है जिससे कैंसर का खतरा होता है. ऐसा भी कहा जाता है कि अगर कोई व्‍यक्ति PFAS वाले कंडोम का इस्‍तेमाल करता है तो उसका असर उसके बच्‍चों पर भी पड़ सकता है. बच्‍चों का वजन बढ़ सकता है और उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो सकती है. इस बारे में कई स्‍टडी की गई हैं और कंडोम में इस्‍तेमाल होने वाले लुब्रिकेंट्स की जांच की गई है. 

 

एक प्रमाणित लैब में 29 अलग-अलग कंपनियों के कंडोम के सैंपल की जांच की गई. इनमें ट्रोजन के सैंपल भी शामिल थे. जांच में पाया गया कि 29 में से 14 फीसदी कंडोम में PFAS के कण मौजूद थे. तीन कंडोम में जहां PFAS पाया गया, वहीं दो के लुब्रिकेंट में इस जहरीले तत्‍व की पहचान हुई. बताया जाता है कि इन केमिकल कणों का इस्‍तेमाल कंडोम को स्‍मूद और दाग-धब्‍बों से बचाने के लिए किया जाता है.

रिपोर्ट आने के बाद सभी कंडोम कंपनियों को PFAS का इस्‍तेमाल पूरी तरह से बंद करने का निर्देश दिया गया है. साथ ही PFAS का इस्‍तेमाल करने वाली कंपनियों के खिलाफ जांच शुरू कर दी गई है. जांच में इस बात का पता लगाया जाएगा कि क्‍या PFAS वाले प्रॉडक्‍ट के इस्‍तेमाल से पुरुष या महिला के प्राइवेट पार्ट को किसी तरह का नुकसान तो नहीं पहुंचा है.

कंडोम के इस्‍तेमाल से होने वाले नुकसान
*कंडोम में मौजूद लुब्रिकेंट से कुछ लोगों को एलर्जी हो सकती है.
*अगर कंडोम का इस्‍तेमाल सही तरीके से न किया जाए तो संबंध बनाने के दौरान वो फट सकता है या निकल सकता है.
*अगर संबंध बनाने के दौरान कंडोम डैमेज हो जाता है तो प्रेग्‍नेंसी का खतरा बना रहता है.