सार
दुनिया के 10 सबसे खतरनाक वायरस की बात हो तो COVID-19 और HMPV का नाम इनमें नहीं लिया जाता। मारबर्ग और इबोला जैसे वायरस का संक्रमण लगने पर जान बचना मुश्किल हो जाता है।
हेल्थ डेस्क। चीन से COVID-19 वायरस फैला और पूरी दुनिया को कोरोना नाम की ऐसी महामारी दी, जिससे लोग अभी भी उबरने की कोशिश कर रहे हैं। इस बीच चीन से एक और वायरस फैला है। इसका नाम HMPV है। भारत में भी इसके संक्रमण को दो मामले सामने आए हैं। हालांकि, मृत्युदर और भयावह होने की बात हो तो COVID-19 और HMPV दुनिया के 10 सबसे खतरनाक वायरस में नहीं आते। COVID-19 अत्यधिक संक्रामक है, लेकिन उससे मरीज के मौत की दर कम है। आइए दुनिया के 10 सबसे खतरनाक माने जाने वाले वायरस के बारे में जानते हैं।
1. मारबर्ग वायरस
मारबर्ग वायरस को सबसे खतरनाक माना जाता है। इसका नाम लाहन नदी के किनारे बसे एक छोटे शहर के नाम पर रखा गया है। मारबर्ग वायरस का संक्रमण लगने पर मरीज को बुखार होता है और उसके शरीर से खून बहने लगता है। इबोला की तरह, मारबर्ग वायरस का संक्रमण लगने पर म्यूकस मेम्ब्रेन, त्वचा और अंगों में ऐंठन होता है और खून बहता है। इसकी मृत्यु दर 90 प्रतिशत है।
2. इबोला
इबोला वायरस के पांच स्ट्रेन (जैरे, सूडान, ताई फॉरेस्ट, बुंडिबुग्यो और रेस्टन) हैं। प्रत्येक का नाम अफ्रीका के देशों और क्षेत्रों के नाम पर रखा गया है। यह बेहद घातक है। इसमें मृत्युदर 90 फीसदी तक है। गिनी, सिएरा लियोन और लाइबेरिया जैसे जगहों पर भी यह वायरस फैल रहा है। वैज्ञानिकों का कहना है कि संभव है कि चमगादड़ के चलते यह तेजी से फैला है।
3. हंतावायरस
हंतावायरस कई तरह के वायरस को कहते हैं। इसका नाम एक नदी के नाम पर रखा गया है। 1950 में कोरियाई युद्ध के दौरान अमेरिकी सैनिकों के सबसे पहले हंतावायरस से संक्रमित होने का अनुमान लगाया गया था। इसका संक्रमण लगने पर फेफड़े की बीमारी और बुखार होता है। किडनी फेल हो जाता है।
4. बर्ड फ्लू वायरस
बर्ड फ्लू वायरस के विभिन्न प्रकार दहशत की वजह हैं। इसमें मृत्यु दर 70 प्रतिशत है। H5N1 का संक्रमण सबसे घातक होता है। इसका संक्रमण पहले से संक्रमित पक्षियों (जैसे मुर्गी) के सीधे संपर्क में आने से लगता है। इसके संक्रमण के अधिकांश मामले एशिया में दिखाई देते हैं।
5. लासा वायरस
नाइजीरिया में एक नर्स लासा वायरस से संक्रमित होने वाली पहली व्यक्ति थी। इसलिए इसका नाम लासा वायरस रखा गया। यह चूहों जैसे छोटे जानवरों से फैलता है। इसके अधिकतर मामले पश्चिमी अफ्रीका में देखे गए हैं।
6. जूनिन वायरस
जूनिन वायरस के संक्रमण के मामले अर्जेंटीना में सामने आए हैं। इसमें मरीज को बुखार और शरीर से खून बहने की शिकायत होती है। मरीज के ऊतकों में सूजन होता है। उसके चमड़े से खून टपकने लगता है।
7. क्रीमिया-कांगो बुखार
क्रीमिया-कांगो बुखार वायरस टिक्स द्वारा फैलता है। इसके लक्षण इबोला और मारबर्ग वायरस जैसे हैं। संक्रमण के शुरुआती दिनों में मरीज के चेहरे, मुंह और गले से खून निकलता है।
8. माचुपो वायरस
माचुपो वायरस के संक्रमण के मामले बोलिविया में सामने आए हैं। इसमें बुखार और शरीर से खून बहने जैसे लक्षण दिखते हैं। इसे ब्लैक टाइफस भी कहा जाता है। मरीज को तेज बुखार होता है और उसके शरीर से तेजी से खून निकलता है। यह वायरस एक इंसान से दूसरे इंसान में फैल सकता है। इसे अक्सर चूहे फैलाते हैं।
9. क्यासनूर वन वायरस (KFD)
वैज्ञानिकों ने 1955 में भारत के दक्षिण-पश्चिमी तट पर वुडलैंड्स में क्यासनूर वन वायरस (KFD) की खोज की। यह टिक्स द्वारा फैलता है। मरीज को तेज बुखार, सिरदर्द और मांसपेशियों में दर्द होता है। उसके शरीर से खून भी बहता है।
10. डेंगू बुखार
डेंगू मच्छरों द्वारा फैलता है। यह हर साल 50 से 100 मिलियन लोगों को प्रभावित करता है। इलाज मिलने पर इसमें मरीज की जान बच जाती है।
यह भी पढ़ें- बेंगलुरु में बच्चे को HMPV वायरस, चीन के वायरस ने भारत में दी दस्तक