सार
फैटी लिवर के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। लिवर में जरूरत से ज्यादा फैट जमा होने की वजह से फैटी लिवर की बीमारी होती है। फैटी लिवर के मरीजों को अपने खानपान में कुछ बातों का खास ध्यान रखना चाहिए। घी, तेल जैसे संतृप्त वसा का सेवन कम से कम करें।
गलत जीवनशैली, खराब खानपान, मोटापा, शराब का सेवन जैसे कई कारणों से युवाओं में फैटी लिवर की समस्या बढ़ रही है। प्रोसेस्ड फूड, संतृप्त वसा, चीनी और ज्यादा कैलोरी वाले खाने से लिवर की कोशिकाओं में फैट जमा होने लगता है। इससे फैटी लिवर की बीमारी होती है। फास्ट फूड और मीठी ड्रिंक्स का ज्यादा सेवन इस स्थिति को और भी बदतर बना सकता है।
फैटी लिवर के मरीजों को ये चीजें कच्ची नहीं खानी चाहिए...
टमाटर
फैटी लिवर के मरीजों को कच्चा टमाटर खाने से बचना चाहिए। कच्चे टमाटर में सोलनिन नामक एक यौगिक होता है। इसकी ज्यादा मात्रा पाचन तंत्र के लिए समस्याएं पैदा कर सकती है। टमाटर को पकाने से इस यौगिक की मात्रा कम हो जाती है।
खीरा (Cucumber)
आमतौर पर खीरा खाना सुरक्षित होता है, लेकिन कई बार ज्यादा खीरा खाने से या उसमें मौजूद बैक्टीरिया की वजह से पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
पनीर
पनीर आमतौर पर पकाकर खाना सुरक्षित होता है। इसे कच्चा खाने से फूड पॉइजनिंग का खतरा बढ़ सकता है, खासकर अगर यह घर का बना हो या ठीक से स्टोर न किया गया हो। लिवर, फैटी लिवर की बीमारी होने पर, शरीर को रोगजनकों से लड़ने में मुश्किल हो सकती है।
चना
कच्चे चने में हानिकारक लेक्टिन और अन्य एंटी-न्यूट्रिएंट्स पाए जाते हैं। ये पाचन तंत्र के लिए समस्याएं पैदा करते हैं।
पालक
कच्चे पालक में पाए जाने वाले ऑक्सालेट की मात्रा ज्यादा होने से किडनी स्टोन और लिवर की सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है।
अंडा
कच्चा अंडा खाने से साल्मोनेला संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
चिकन
आधा पका हुआ चिकन खाने से भी उसमें साल्मोनेला और कैम्पिलोबैक्टर जैसे बैक्टीरिया होने की आशंका रहती है। चिकन को हमेशा सही तापमान पर पकाकर खाएं।
ध्यान दें: अपने आहार में कोई भी बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर या आहार विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।