सार
बदलते समय के साथ बीमारियां भी रुप बदलकर हमारे घरों में प्रवेश कर रही हैं। रोगों के लक्षणों को लेकर हमें सतर्क रहना चाहिए और तुरंत इलाज शुरु करना चाहिए। अब सवाल यह उठता है कि हम अपनी नियमित देखभाल कैसे करें?
सुनील यादव। बदलते समय के साथ बीमारियां भी रुप बदलकर हमारे घरों में प्रवेश कर रही हैं। रोगों के लक्षणों को लेकर हमें सतर्क रहना चाहिए और तुरंत इलाज शुरु करना चाहिए। अब सवाल यह उठता है कि हम अपनी नियमित देखभाल कैसे करें? इसके लिए घरों में बीपी मशीन, ग्लूकोमीटर और थर्मामीटर जरुर रखें। परिवार के बुजुर्ग सदस्य, महिलाओं और बच्चों की नियमित देखभाल के लिए घर में फर्स्ट एड किट बनाकर रखना चाहिए, ताकि वह इमरजेंसी में काम आए।
ब्लड प्रेशर की मशीन क्यों है जरुरी?
वर्तमान समय में ब्लड प्रेशर की समस्या आम है। यह शरीर में दिल के अलावा अन्य गंभीर बीमारियों को न्यौता देती है। ब्लड प्रेशर का नियमित चेकअप करके हम अपने शरीर में पनपने वाली बीमारियों पर नजर रख सकते हैं। सही खान—पान और व्यायाम से भी इस दिक्कत को दूर रखा जा सकता है। ब्लड प्रेशर की गणना भी अधिकतम और न्यूनतम दो प्रकार से मिलाकर की जा ती है। ऊपर के ब्लड प्रेशर को सिस्टोलिक कहते हैं और नीचे के ब्लड प्रेशर को डायलोस्टिक कहा जाता है। सिस्टोलिक की नार्मल रीडिंग 110 से 120 के बीच सामान्य मानी जाती है और डिस्टोलिक की सामान्य रीडिंग 80 ठीक मानी जाती है। यदि इन दोनों रीडिंग में कुछ अंतर हो तो व्यक्ति को अपने चिकित्सक से सम्पर्क करना चाहिए।
ग्लूकोमीटर क्या है?
तकनीकी के बढ़ते चलन ने हमारी लाइफस्टाइल को पूरी तरह बदल कर रख दिया है। जिसका असर हमारे स्वास्थ्य पर पड़ा है। मौजूदा समय में शुगर एक आम बीमारी हो गई है। सामान्यत: हर तीन परिवारों में से एक परिवार शुगर की समस्या से पीड़ित मिलेगा। अब यदि ब्लड में शुगर की मात्रा कम है तो भी परेशानी और यदि शुगर का लेवल बढ़ गया तो भी समस्या। यदि आपके परिवार का कोई सदस्य ब्लड शुगर से पीड़ित है तो समय समय पर उसकी मानीटरिंग बहुत जरुरी है। इसके लिए घर में ग्लूकोमीटर का होना आवश्यक है। यह शरीर में शुगर लेवल की बिना इंतजार कराए, तुरंत जानकारी दे देता है।
थर्मामीटर से खुद ही चेक कर सकते हैं बुखार
हम लोगों ने कोरोना महामारी का भयावह दौर देखा है। हर व्यक्ति को बुखार की आशंका से ग्रस्त था। मौसम भी परिवर्तनशील है। हर बदलते मौसम में कुछ लोगों की इम्युन सिस्टम कमजोर होने लगता है और उन्हें बुखार की समस्या होती है। यदि घर में थर्मामीटर उपलब्ध रहता है तो आप खुद ही यह चेक कर सकते हैं कि आपको बुखार है या नहीं। थर्मामीटर इसको लेकर आपको अलर्ट करता है और फिर आप अपने चिकित्सक से सम्पर्क कर समय पर इलाज करा सकते हैं। ध्यान रखें सावधानी ही बचाव है।
—लेखकर उत्तर प्रदेश फार्मेसी काउंसिल के पूर्व चेयरमैन और फार्मेसिस्ट फेडरेशन के अध्यक्ष हैं।