सार

मंकी पॉक्स वायरस ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। विश्व भर में इससे हजारों लोग पीड़ित हो चुके हैं। भारत ने भी इस वायरस के लक्षण वाले मरीजों को अलग वार्ड में रखने के निर्देश दिए हैं। 

हेल्थ न्यूज। मंकी पॉक्स वायरस तेजी से लोगों अपना शिकार बना रहा है। विश्व भर में इससे हजारों लोग अब तक पीड़ित हो चुके हैं। यह वायरस किस तरह से फैलता है इसे लेकर भी लोग काफी परेशान हैं। क्या ये कोविड की तरह हवा के जरिए लोगों को इफेक्ट करता है या इस वायरस अटैक का कोई ओर कारण हैं। मंकीपॉक्स या एमपॉक्स एक वायरल जेनोटिक बीमारी है और खास तौर से मिडिल या वेस्ट अफ्रीका के अधिक वर्षा वाले क्षेत्रों में देखने को मिलती है। इस समय भी वहां करीब 14 हजार से अधिक मामले पाए गए हैं जिनमें 524 की मौत भी हो चुकी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दिया है।

कैसे फैलता है मंकी पॉक्स वायरस 
मंकी पॉक्स वायरस को कोविड 19 से भी खतरनाक बताया जा रहा है। विशेषज्ञों की माने तो यह किसी भी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैल सकता है। यह संक्रमित व्यक्ति से बातचीत करने, उसके पास बैठने या यौन संबंध बनाने से भी शरीर में प्रवेश कर जाता है। इसके साथ ही पास बैठने के दौरान आंख, सांस, नाक और मुंह से भी यह वायरस शरीर के अंदर जा सकता है। हेल्थ एक्सपर्ट की माने तो मंकी पॉक्स से इनफेक्टेड व्यक्ति की इस्तेमाल की चीजों जैसे तकिया, कंबल, चादर, रुमाल-तौलिया आदि प्रयोग करने पर भी इस घातक वायरस की चपेट में आ सकते हैं। गर्भवती महिलाओं को काफी सतर्क रहने की जरूरत है। 

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भारत में अब तक 30 मामले, क्या हैं लक्षण
भारत में इस वर्ष मार्च तक 30 मामले में सामने आ चुके हैं। एमपॉक्स के कुछ लक्षण हैं जिनके जरिए आप इसकी पहचान कर सतर्क हो सकते हैं। इस वायरस के संक्रमण में लोगों को अक्सर शरीर पर दाने हो जाते हैं जो हाथ, पैर, छाती, चेहरे या मुंह कहीं भी हो सकते हैं। इन बड़े सफेद और पीले दानों में बाद में मवाद भर जाता है और बाद में फूट जाता है। इसके अन्य मुख्य लक्षणों में बुखार के साथ सिर और मांसपेशियों में दर्द होना शामिल है।