सार

डिप्रेशन इन दिनों आम समस्या बनती जा रही हैं। इसके इलाज में पैसे पानी की तरह बहाए जा रहे हैं। लेकिन घर पर ही फैमिली मेंबर डिप्रेशन से पीड़ित व्यक्ति को ठीक कर सकते हैं। नए स्टडी में इसका खुलासा किया गया है।

हेल्थ डेस्क. भागदौड़ भरी जिंदगी और सबसे आगे निकलने की होड़ में लोग चिंता और डिप्रेशन के शिकार हो रहे हैं। यह एक आम समस्या बनती जा रही हैं। प्रोफेशनल लाइफ में असफल होना..फैमिली लाइफ में खुश नहीं होना जैसी बातों को लेकर लोग डिप्रेशन में चले जा रहे हैं। एक वक्त ऐसा आता है जब ऐसे लोग खुद को खत्म करने की सोचने लगते हैं। हालांकि दिमाग से जुड़ी इस बीमारी का इलाज है, अगर ये पता चल जाए कि सामने वाला इंसान डिप्रेशन का शिकार हो गया है।

ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी में हुए एक स्टडी के मुताबिक डिप्रेशन या एंग्जायटी के इलाज के कुछ नए तरीके सामने आए हैं। इसके अनुसार कोई व्यक्ति डिप्रेशन या एंग्जायटी से पीड़ित है तो उसके प्रति दयालु और अच्छा रवैया अपनाकर उसे ठीक किया जा सकता है। जी हां, अगर इससे पीड़ित व्यक्ति के साथ अच्छा बर्ताव किया जाए, उसके प्रति दयालुता दिखाई जाए तो उसे इससे निकाला जा सकता है। शोधकर्ताओं ने पाया कि इसके इलाज के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले दूसरे ट्रीटमेंट्स की तुलना में दयालु और अच्छा व्यवहार सबसे कारगर होता है।

सोशल कनेक्शन से लोग एक दूसरे से ज्यादा जुड़ाव महसूस करते हैं

ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी में मनोविज्ञान में अपने पीएचडी शोध प्रबंध के हिस्से के रूप में काम का नेतृत्व करने वाले सह लेखक डेविड क्रेग ने भी इस ट्रीटमेंट को मददगार बताया। क्रेग ने बताया कि सोशल कनेक्शन से लोग एक दूसरे से ज्यादा जुड़ाव महसूस करते हैं। इसका फायदा मिलता है। इसलिए दयालु व्यवहार और अपनापन लोगों के बीच संबंधों को और ज्यादा बढ़ा देता है।अध्ययन हाल ही में द जर्नल ऑफ पॉजिटिव साइकोलॉजी में पब्लिश हुआ था।

डिप्रेशन के शिकार लोगों को दयालु रवैया अपनाने के लिए कहा जाना चाहिए

ओहियो स्टेट में मनोविज्ञान के प्रोफेसर जेनिफर चेवेन्स ने कहा कि डिप्रेशन से ग्रसित लोगों के बारे में अन्य लोगों के मन में बहुत गलत धारणा और सोच होती है। हम अक्सर यह सोचते हैं कि ड्रिप्रेशन से पीड़ित लोगों के पास खुद से निपटने के लिए काफी समस्याएं हैं। इसलिए हम उन्हें दूसरों की मदद करने के लिए कहकर उनपर दबाव नहीं डालना चाहते हैं। लेकिन स्टडी का परिणाम बिल्कुल अलग है। लोगों के लिए अच्छी चीजें करना और दूसरों की जरूरतों पर फोकस करना वास्तव में डिप्रेशन और चिंता वाले लोगों को अपने बारे में बेहतर महसूस करने में मदद कर सकता है। जब लोग दूसरों की मदद करते हैं, तो यह उन्हें अपने डिप्रेशन और चिंता के लक्षणों से लड़ने के लिए पॉजिटिव डिस्ट्रैक्शन देता है।

122 लोगों के साथ स्टडी, नतीजा कुछ ऐसा रहा

इस स्टडी में ओहियो के ही 122 लोगों को शामिल किया गया। जिनमें डिप्रेशन , चिंता और तनाव के कम या गंभीर लक्षण देखने को मिले थे। फिर इन्हें तीन ग्रुप में बांटा गया। दो ग्रुप के ड्रिप्रेशन के शिकार लोगों के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली थेरेपी सीबीटी का प्रयोग किया। वहीं तीसरे ग्रुप को सप्ताह में दो दिनों के लिए दिन में तीन दयालु कार्य करने के लिए कहा गया। वो ऐसा काम करें जिससे लोगों को खुशी महसूस हो।

तीनों ग्रुप में देखा गया सुधार 

इस ग्रुप के लोगों ने बताया कि उन्होंने अपने दोस्तों के लिए कुकीज बनाई, किसी ने दोस्त को राइड ऑफर की और अपने रूममेट के लिए नोट छोड़ा। पांच हफ्ते तक तीनों ग्रुप को टास्क फॉलो करने के लिए कहा गया। इसके बाद जांच की गई। जिसमें देखा गया कि सभी तीन समूहों में प्रतिभागियों ने अध्ययन के 10 हफ्तों के बाद लाइफ में सेटिस्फैक्शन और डिप्रेशन और चिंता के लक्षणों में कमी दिखी। दयालु और अपनापन दिखाने वाले ग्रुप में शामिल लोगों का भी डिप्रेशन और चिंता कम हुई थी।

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