सार
एक स्टडी के मुताबिक साइंटिस्ट आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का प्रयोग करके व्यक्तियों के डीएनए में जीन को देखकर दिल से जुड़ी बीमारी की भविष्यवाणी करने में सक्षम हो सकते हैं। एट्रियल फाइब्रिलेशन और दिल की विफलता कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों के उदाहरण हैं।
हेल्थ डेस्क.विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार दिल से जुड़ी बीमारी दुनियाभर में मौत का प्रमुख कारण बन गया है।हृदय रोग (कार्डियोवैस्कुलर हार्ट डिजीज) की वजह से हर साल करीब 17.9 मिलियन (1 करोड़ 79 लाख) लोगों की जान जानें का अनुमान है। ऐसे में दिल के जोखिम को देखते हुए शोधकर्ताओं ने ऐसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का मॉडल विकसित किया है जो दिल से जुड़ी बीमारी का पहले ही पता लगा सकता है।
नस्ल, लिंग और उम्र से जुड़े हृदय रोग जीन के जुड़ाव की भविष्यवाणी
रटगर्स इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ, हेल्थ केयर पॉलिसी एंड के कोर फैकल्टी सदस्य जीशान अहमद ने बताया कि हमारे मॉडल के सफल प्रभाव के साथ हमने नस्ल, लिंग और उम्र से जुड़े अत्यधिक महत्वपूर्ण हृदय रोग जीन के जुड़ाव की भविष्यवाणी की। एजिंग रिसर्च और जीनोमिक्स में यह अध्ययन प्रकाशित हुआ है।
AI पहले पता लगा लेगा दिल की बीमारी
WHO के मुताबिक हृदय रोग विश्व स्तर पर मृत्यु का प्रमुख कारण है, फिर भी यह अनुमान लगाया गया है कि 75 प्रतिशत से अधिक समय से पहले हृदय रोग को रोका जा सकता है। एट्रियल फाइब्रिलेशन और दिल की विफलता सभी हृदय रोग से होने वाली मौतों में लगभग 45 प्रतिशत का योगदान करती है। दिल से जुड़ी बीमारियों के निदान, रोकथाम और उपचार में अहम प्रगति होने के बाद भी पीड़ित रोगियों में से करीब आधे विभिन्न कारणों से निदान प्राप्त करने के 5 साल के भीतर मर जाते हैं। इसके पीछे वजह जेनेटिकल और एनवायरनमेंटल है। शोधकर्ताओं ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग का उपयोग उन जीनों की पहचान करने की हमारी क्षमता को तेज कर सकता है जिनका हृदय रोग के लिए महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है, जिससे पहचान और उपचार में सुधार हो सकता है।
वैसे जीन की पहचान हुई जो दिल की बीमारी से जुड़े थे
IFH के शोधकर्ताओं ने स्वस्थ रोगियों और हृदय रोग से पीड़ित रोगियों का विश्लेषण किया और एट्रियल फाइब्रिलेशन और दिल की विफलता सहित हृदय रोग की सबसे आम अभिव्यक्तियों से जुड़े जीन की जांच करने के लिए AI और मशीन-लर्निंग मॉडल का उपयोग किया। उन्होंने एक जीन के समूह की पहचान की जो हृदय रोग से महत्वपूर्ण रूप से जुड़े थे।
आयु, लिंग दिल की विफलता से संबंधित हैं
शोधकर्ताओं ने हृदय रोग के आधार पर नस्ल, लिंग और उम्र के कारकों में भी महत्वपूर्ण अंतर पाया। जबकि आयु और लिंग कारक दिल की विफलता से संबंधित हैं, आयु और नस्ल कारक एट्रियल फाइब्रिलेशन से संबंधित हैं। उदाहरण के लिए, जिन रोगियों की जांच की गई, वे जितने पुराने थे, उनमें हृदय रोग होने की संभावना उतनी ही अधिक थी।
AI से लाखों लोगों की जिंदगी बचाई जा सकती है
रटगर्स रॉबर्ट वुड जॉनसन मेडिकल स्कूल में मेडिसिन विभाग में सहायक प्रोफेसर अहमद ने कहा, 'हृदय रोग की समय पर समझ और सटीक ट्रीटमेंट मौत के उच्च जोखिम को कम करके और जीवन की गुणवत्ता में सुधाकर करके लाखों लोगों की जिंदगी को बेहतर बना सकता है। शोधकर्ताओं ने कहा कि भविष्य के शोध में कार्डियोवैस्कुलर बीमारी वाले मरीजों में जीन के पूर्ण सेट का विश्लेषण करके इस दृष्टिकोण का विस्तार करना चाहिए, जो कार्डियोवैस्कुलर बीमारी की संवेदनशीलता से जुड़े महत्वपूर्ण बायोमार्कर और जोखिम कारकों को प्रकट कर सकता है। AI का उपयोग करके ये पता लगाया जा सकता है कि किस शख्स के अंदर दिल से जुड़ी बीमारियों वाला जीन मौजूद हैं और किस में नहीं। जिससे जीन वाले व्यक्ति को अलर्ट किया जा सकता है।
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