सार
हेल्थ डेस्क। अधिकतर लोग बाजार से पैकेट वाला दूध लाने पर सबसे पहले उसे उबालते हैं। इसके बाद पीते हैं या किसी और काम में इस्तेमाल करते हैं। कहा जाता है कि उबालने से दूध में मौजूद कीटाणु खत्म हो जाएंगे। दूसरी ओर यह भी कहा जाता है कि पैकेट वाला दूध पाश्चुरीकृत होता है। इसलिए इसे उबालना नहीं चाहिए। इससे पोषण घट जाता है। जानें एक्सपर्ट्स क्या कहते हैं।
पुरानी है दूध उबालने की आदत
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार डॉ. राकेश गुप्ता ने बताया कि भारत में दूध को पीने से पहले उबालना पुरानी आदत है। परंपरागत रूप से दूध स्थानीय किसानों से लिया जाता था। ऐसे में बीमारी पैदा करने वाले बैक्टीरिया और अन्य सूक्ष्मजीवों को मारने के लिए इसे उबालना जरूरी था। पैकेज्ड दूध आने के बाद लोगों की यह आदत बनी रही। भारत के गरम मौसम और कोल्ड स्टोरेज इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी के चलते यह आवश्यक है।
दूध उबालने पर क्या होता है?
पुणे के मणिपाल अस्पताल के डॉ. विचार निगम ने बताया है कि दूध का तापमान 100 डिग्री सेल्सियस से अधिक होने पर उबलता है। इस तापमान पर दूध में मौजूद अधिकांश जीव (जैसे साल्मोनेला या क्लॉस्ट्रिडियम) आमतौर पर नष्ट हो जाते हैं। दूध में मौजूद बैक्टीरिया, वायरस और अन्य सूक्ष्मजीव मर जाते हैं। यह पीने के लिए सुरक्षित हो जाता है। उबाले जाने से दूध के प्रोटीन अधिक पचने योग्य हो जाते हैं। वसा के अणु टूट जाते हैं।
दूध में मौजूद लैक्टोज कारमेलाइज होता है, इससे दूध मीठा बनता है। इसकी बनावट गाढ़ी और मलाईदार हो जाती है। उबालने से दूध के खराब होने का जोखिम कम हो जाता है। इसकी शेल्फ लाइफ बढ़ जाती है।
क्या आपको पैकेज्ड दूध उबालना चाहिए?
डॉ. निगम के अनुसार पैकेट वाला दूध अगर अनपाश्चुराइज्ड है तो उसे उबालना चाहिए। उसमें अभी भी जीवाणु हो सकते हैं। पैकेट वाला दूध अगर पाश्चुराइज्ड है तो उसे उबालना जरूरी नहीं। यह पहले ही हीट ट्रीटमेंट से गुजर चुका होता है।