सार

Summer indigestion home remedies: गर्मी में पाचन कमजोर? हल्के भोजन, खूब पानी और प्रोबायोटिक्स से पेट को रखें स्वस्थ। मैदा और मसालेदार खाने से बचें!

How to improve digestion in summer: गर्मी के मौसम में सबसे ज्यादा पेट से जुड़ी दिक्कत होती है, ज्यादा तेल मसाले वाली चीजें या फिर मैदे से बनी चीजें खा लिए तो पेट में गैस, अपच या फिर एसिडिटी की परेशानी हो ही जाती है। इस मौसम में टेंपरेचर बढ़ने से इसका असर सीधा हमारे पेट पर पड़ता है। गर्मी के दिनों में शरीर टेंपरेचर कंट्रोल करने के लिए ब्लड का फ्लो स्किन की ओर कर देता है, बल्ड की मदद से स्किन से पसीना निकलता है, जिससे हमारा शरीर ठंडा रहता है। इस प्रक्रिया के कारण खून आंत तक पर्याप्त मात्रा में नहीं पहुंच पाता है, इसलिए शरीर में पाचन संबंधी परेशानी बढ़ती है। चलिए इस बारे में विस्तार से समझते हैं कि गर्मियों में पाचन तंत्र को कैसे मजबूत और स्वस्थ बनाए रखें।

ब्लड फ्लो क्यों बदलता है गर्मियों में?

  • गर्मी में शरीर थर्मल रेगुलेशन के लिए ज्यादा ब्लड स्किन की सतह पर भेजता है ताकि पसीना निकले और शरीर ठंडा हो सके।
  • इसी वजह से पेट और आंतों में ब्लड सप्लाई कम हो जाती है, जिससे पाचन क्रिया धीमी पड़ जाती है।

गर्मियों में पेट को स्वस्थ रखने के लिए क्या करें:

हल्का और सुपाच्य खाना खाएं

  • खिचड़ी, दलिया, मूंग दाल, ताजे फल, छाछ, दही जैसे हल्के फूड्स डाइजेशन में मदद करते हैं।
  • फाइबर युक्त चीज़ें जैसे पपीता, खीरा और तरबूज शामिल करें।

हाइड्रेशन बनाए रखें

  • दिनभर में कम से कम 2.5 से 3 लीटर पानी पिएं।
  • नारियल पानी, नींबू पानी और बेल शरबत जैसे प्राकृतिक ड्रिंक्स लें।

खाने में जल्दी न करें और ओवरईटिंग से बचें

  • छोटे-छोटे मील लें।
  • खाना धीरे-धीरे चबाकर खाएं ताकि पेट पर कम दबाव पड़े।

प्रोबायोटिक लें

  • दही, छाछ, कंबुचा जैसे प्रोबायोटिक्स पेट की अच्छे बैक्टीरिया को बनाए रखते हैं और इम्युनिटी भी मजबूत होती है।
  • हींग, जीरा और सौंफ खाएं
  • इन चीजों से गैस की समस्या दूर होती है और पाचन अच्छा रहता है।

गर्मियों में इनसे बचें:

बहुत ठंडा पानी या आइसक्रीम

पाचन तंत्र को झटका लग सकता है जिससे गैस और अपच हो सकती है।

कार्बोनेटेड और पैकेज्ड ड्रिंक्स

ये सिर्फ डिहाइड्रेशन बढ़ाते हैं और पेट को नुकसान पहुंचाते हैं।

बासी और स्ट्रीट फूड

बैक्टीरिया जल्दी पनपते हैं गर्मी में, जिससे फूड पॉइजनिंग और डायरिया हो सकता है।