सार
पीठ दर्द, डिप्रेशन, हड्डियों का कमजोर होना, थकान, सिर दर्द... अगर आपको भी इनमें से कोई भी समस्या परेशान कर रही है तो इसके कई कारण हो सकते हैं। लेकिन एक मुख्य कारण विटामिन डी की कमी भी हो सकती है! जी हां, शरीर में कैल्शियम, मैग्नीशियम और फास्फोरस, इन सबको संभालने की ताकत इसी विटामिन डी में होती है। इसे एक और नाम से जानते हैं, क्या आपको पता है? इसे 'सूरज का विटामिन' भी कहते हैं। जी हां, इंसान को होने वाली सैकड़ों बीमारियों का इलाज है ये सूरज। सुबह और शाम की धूप अगर शरीर पर पड़े तो कई समस्याएं दूर भागती हैं। उन्हीं में से एक है विटामिन डी की कमी। क्या आपको पता है? सूरज की किरणें त्वचा, हृदय, बैक्टीरिया, कोलेस्ट्रॉल, ब्लड प्रेशर आदि को नियंत्रित करती हैं।
तो विटामिन डी क्यों जरूरी है? इसकी कमी से क्या होता है? इन सब सवालों के जवाब आपको यहां मिलेंगे। सबसे पहले तो जैसा कि हमने बताया, विटामिन डी की कमी से कई तरह की परेशानियां हो सकती हैं। अगर आपके खून में 20ng/ml से कम विटामिन डी पाया जाता है तो इसका मतलब है कि आपके शरीर में विटामिन डी की कमी है। आइए जानते हैं शरीर में विटामिन डी की कमी से क्या-क्या हो सकता है:
सबसे पहली समस्या जो सामने आती है वो है, शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता का कमजोर होना। हमारे शरीर में बीमारियों से लड़ने की ताकत कम हो जाती है। इसकी वजह से बार-बार सर्दी, जुकाम जैसी समस्याएं परेशान करती हैं, तो विटामिन डी की कमी भी एक कारण हो सकती है। बच्चों में ये समस्या ज़्यादा देखने को मिलती है। साथ ही, बार-बार बीमार पड़ने की आशंका भी बढ़ जाती है। दूसरी मुख्य समस्या जो सामने आती है वो है, सांस लेने में तकलीफ, चक्कर आना और थकान। बार-बार सिर दर्द होना। इनके अलग-अलग कारण हो सकते हैं लेकिन विटामिन डी की कमी भी एक अहम कारण हो सकती है। इतना ही नहीं, हड्डियों को कैल्शियम सोखने में मदद करने के लिए भी इस विटामिन की जरूरत होती है। इसलिए इसकी कमी से हड्डियां कमजोर भी हो सकती हैं। डॉक्टरों का कहना है कि ये समस्या पुरुषों की तुलना में महिलाओं में ज़्यादा होती है। कई मामलों में, खासकर मध्यम आयु के बाद डिप्रेशन का एक बड़ा कारण विटामिन डी की कमी भी हो सकता है।
इसका एक और प्रमुख लक्षण है, शरीर पर लगे घाव का जल्दी न भरना। डायबिटीज के मरीजों में ये एक आम लक्षण है लेकिन विटामिन डी की कमी भी एक वजह हो सकती है। इसके अलावा बालों का झड़ना, मांसपेशियों में दर्द की शिकायत भी हो सकती है। गर्भवती महिलाओं में अगर ये समस्या हो तो इसका असर बच्चे की सेहत पर भी पड़ सकता है।
कहते हैं कि इसका इलाज सूरज ही है। तो कैसे लें धूप? किस समय धूप लेना फायदेमंद है? आइए जानते हैं।
धूप की जरूरत है तो इसका मतलब ये नहीं कि आप तेज धूप में ही निकल जाएं, इससे और भी समस्याएं हो सकती हैं। ज़्यादातर सुबह 8 बजे से पहले की धूप और शाम को 4 बजे के बाद की धूप शरीर के लिए अच्छी होती है। लेकिन एक शोध के मुताबिक 50% लोग तो धूप में ही नहीं निकलते। इसलिए उन्हें कई तरह की परेशानियां घेर लेती हैं। दिन में 8-15 मिनट धूप में रहना फायदेमंद होता है। गोरी त्वचा वालों की तुलना में सांवली त्वचा वालों को थोड़ी ज़्यादा देर धूप की जरूरत होती है। इसी तरह, उम्र बढ़ने के साथ-साथ धूप में ज़्यादा देर रहना फायदेमंद होता है। अगर आप मांसाहारी हैं तो मछली और समुद्री भोजन, खासकर टूना, सैल्मन, झींगा, केकड़ा जैसी मछलियों में विटामिन डी भरपूर मात्रा में पाया जाता है। अंडे की जर्दी में भी ये पाया जाता है। इनके अलावा संतरे का जूस, ओटमील, अनाज में भी विटामिन डी मिलता है। लेकिन फिर भी, धूप से बेहतर कोई दवा नहीं है।