MalayalamNewsableKannadaKannadaPrabhaTeluguTamilBanglaHindiMarathiMyNation
  • Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • ताज़ा खबर
  • राष्ट्रीय
  • वेब स्टोरी
  • राज्य
  • मनोरंजन
  • लाइफस्टाइल
  • बिज़नेस
  • सरकारी योजनाएं
  • खेल
  • धर्म
  • ज्योतिष
  • फोटो
  • Home
  • Lifestyle
  • Health
  • एंजियोप्लास्टी से बचाई गई सुष्मिता सेन की जान, जानें इस सर्जरी के बारे में सबकुछ

एंजियोप्लास्टी से बचाई गई सुष्मिता सेन की जान, जानें इस सर्जरी के बारे में सबकुछ

हेल्थ डेस्क. 47 साल की उम्र में भी खुद को काफी फिट रखने वाली अदाकारा सुष्मिता सेन के हार्ट अटैक की खबर सुनकर हर कोई दंग रह गया। उन्होंने बताया कि डॉक्टर ने उन्हें बचाने के लिए नसो में स्टेंट डाला है। आइए जानते हैं एंजियोप्लास्टी सर्जरी के बारे में। 

4 Min read
Nitu Kumari
Published : Mar 03 2023, 07:33 AM IST
Share this Photo Gallery
  • FB
  • TW
  • Linkdin
  • Whatsapp
  • GNFollow Us
18
Image Credit : Getty

हार्ट का ख्याल रखना बेहद जरूरी है। अगर ये काम करना बंद कर दे तो इंसान मौत के दरवाजे तक पहुंच सकता है। बॉलीवुड अदाकारा सुष्मिता सेन अपने पोस्ट के जरिए इसके बारे में बताया। उन्होंने लिखा,'मेरे पिता कहते हैं अपने दिल को हमेशा खुश और साहसी रखें और जब आपको इसकी सबसे ज्यादा जरूरत होगी, तो यह आपका साथ देगा। कुछ दिनों पहले मुझे हार्ट अटैक आया था। एंजियोप्लास्टी हुई, स्टेंट लगा और सबसे महत्वपूर्ण बात कि मेरे कार्डियोलॉजिस्ट ने मुझे बताया कि मेरा दिल बहुत बड़ा है।'

28
Image Credit : Getty

क्या है एंजियोप्लास्टी
जी हां, अदाकारा की जान एंजियोप्लास्टी करके बचाई गई। ये एक ऐसी सर्जिकल प्रक्रिया है। जिसमें हार्ट की मांसपेशियों तक ब्लड सप्लाई करने वाली रक्त वाहिकाओं यानी कोरोनरी आर्टरीज़ को खोला जाता है। हार्ट अटैक या स्ट्रोक आने पर डॉक्टर एजियोप्लास्टी मरीज का करते हैं।

38
Image Credit : Getty

तीन धमनियां यानी आर्टरी दिल के ऊपरी सतह पर होती है, जो मांसपेशियों को खून देती हैं
1.LAD यानी लार्जेस्ट कोरोनरी आर्टरी, ये मेन धमनी है। ये दिल की 70 प्रतिशत मांसपेशियों को खून देती हैं।
2. राइट कोरोनरी आर्टरी जो 20-25 प्रतिशत मांसपेशियों को ब्लड की सप्लाई करती है।
3. सेराफ्लेक्स आर्टरी जो दिल के पीछे होती है। यह 10 प्रतिशत तक खून देती है।

48
Image Credit : Getty

क्या होता है जब ये ब्लॉक हो जाए
अगर ये धमनियां ब्लॉक हो जाती हैं तो मरीज को कई तरह की समस्या का सामना करना पड़ता है। जैसे चलने फिरने में दिक्कत होना, सांस फूलना। ये दिल को कमजोर कर सकती हैं। जिससे दिल धीरे-धीरे खून को पंप करता है। जिससे अचनाक हार्ट अटैक आ सकते हैं।
 

58
Image Credit : Getty

एंजियोप्लास्टी कैसे की जाती है?
एंजियोप्लास्टी में एक छोटा सा प्लास्टिक का कैथिटर (पतला सा ट्यूब) हाथ से या जांघ से शरीर के अंदर डाला जाता है। उसे धमनियों तक वायर या पाइप के सहारे ले जाते हैं। एंजियोग्राफी से पहले चेक किया जाता है कि ब्लॉकेज कहा है। फिर कैथिटर से जुड़े वायर को ब्लॉकेज के आरपार ले जाया जाता है। वहां पर फिर बलून को फुला देते हैं। इसके फूलने से धमनी यानी आर्टरी के अंदर मौजूद रुकावट खुल जाती है। फिर 
उस बलून को बाहर निकाला जाता है। फिर खुली हुई धमनी में स्टेंट से लिपटा बलून फिर से घुसाया जाता है। स्टेंट एक मेटल का स्प्रिंग टाइप ट्यूब होता है जो दवाइयों से लिपटी होती है। जिसेस धमनियां दोबारा बंद नहीं होती है। बलून के सहारे स्टेंट को वहां पर प्लेस कर दिया जाता है, ताकि धमनी दोबारा बंद ना हो।इस पूरी प्रक्रिया को एंजियोप्लास्टी कहते हैं।

68
Image Credit : our own

एंजियोप्लास्टी का खर्चा
यह सर्जरी काफी सेफ होता है। डॉक्टर की मानें को 1 प्रतिशत से भी कम खतरा इस सर्जरी में होता है। डेढ़ से ढाई लाख के बीच एंजियोप्लास्टी सर्जरी हो जाती है। मरीज के जरूरत के हिसाब से स्टेंट डाला जाता है। किसी को एक स्टेंट की जरूरत पड़ती है तो किसी को दो से तीन भी।

78
Image Credit : our own

एंजियोप्लास्टी की जरूरत किसे
अचानक जिसे हार्ट अटैक आता है उसे एंजियोप्लास्टी की जाती है।
जिसे दिल की बीमारी है उसकी भी एंजियोप्लास्टी कराई जाती है।
जिन पेशेंट की बाईपास सर्जरी हो चुकी है और कुछ वक्त बाद समस्या आ जाती है तो फिर एंजियोप्लास्टी की जाती है।
ऐसे मरीज जिनमें बाईपास नहीं हो सकता, उनमें भी एंजियोप्लास्टी की जाती है।
 

88
Image Credit : Getty

एंजियोप्लास्टी के बाद क्या करें
एंजियोप्लास्टी के कुछ घंटों बाद ही मरीज चलने फिरने लगता है। एक से दो दिन बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी जाती है। हालांकि मरीज को कुछ सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।
दवाइयां टाइम पर लेने को कहा जाता है।
रोज वक्त पर ब्लड थिनर लेने को कहा जाता है।
सर्जरी के दो से तीन दिन बाद वॉक करने को कहा जाता है।
घी तेल का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
फल और सब्जियां ज्यादा खाना चाहिए।
शुगर और कार्बोहाइड्रेट से खुद को रखें दूर।

और पढ़ें:

सुष्मिता सेन को आया हार्ट अटैक, नसों में डाला गया स्टेंट, जानें क्यों पड़ती है इसकी जरूरत

बहुत खतरनाक है मायोकार्डियल इंफार्क्शनस, जानें इस बीमारी के कारण, लक्षण और ट्रीटमेंट
 

About the Author

NK
Nitu Kumari
नीतू कुमारी। इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया में 13 साल से अधिक का अनुभव। नवंबर 2021 से एशियानेट न्यूज हिंदी के साथ जुड़कर लाइफ स्टाइल बीट देख रही हैं। इन्होंने मास कम्युनिकेशन में एमए किया हुआ है। एंटरटेनमेंट, पॉलिटिकल, सोशल और वूमेन इंटरेस्ट की स्टोरी पर इनकी रुचि है। इनसे nitu.kumari@asianetnews.in पर संपर्क किया जा सकता है।

Latest Videos
Recommended Stories
Related Stories
Asianet
Follow us on
  • Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • Download on Android
  • Download on IOS
  • About Website
  • Terms of Use
  • Privacy Policy
  • CSAM Policy
  • Complaint Redressal - Website
  • Compliance Report Digital
  • Investors
© Copyright 2025 Asianxt Digital Technologies Private Limited (Formerly known as Asianet News Media & Entertainment Private Limited) | All Rights Reserved