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World Hepatitis Day: हेपेटाइटिस और प्रेग्नेंट महिलाओं से जुड़े जोखिम समेत 6 सवालों के जानें सतर्क करने वाले जवाब
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हेपेटाइटिस क्या है और इसके कितने प्रकार होते हैं?
हेपेटाइटिस (Hepatitis) एक वायरल बीमारी होता है जो मुख्य रूप से हेपेटाइटिस वायरस में से किसी एक द्वारा लीवर को प्रभावित करता है। हेपेटाइटिस का कारण बनने वाले सबसे आम वायरस (Virus) हेपेटाइटिस ए, बी, सी, डी, ई और जी हैं। हेपेटाइटिस के अन्य कम सामान्य कारण साइटोमेगालोवायरस, एपस्टीन-बार वायरस, हर्पीस सिम्प्लेक्स वायरस और फाल्सीपेरम मलेरिया हैं। हेपेटाइटिस वायरस के संपर्क में आने पर करीब दो तिहाई रोगियों में कोई लक्षण दिखाई नहीं देते हैं। जिसकी वजह से यह दूसरों में तीव्र और खतरनाक तरीके से फैलता है।
वायरल हेपेटाइटिस कैसे फैलता है?
हेपेटाइटिस ए (एचएवी) यह मल मार्ग से फैलता है। यह खराब स्वच्छता स्थितियों से जुड़ा है। भारत समेत अविकसित देशों में बचपन के दौरान एचएवी संक्रमण अक्सर होता है। यह हल्का हेपेटाइटिस होता है, लेकिन गर्भावस्था के दौरान थोड़ा खतरा होता है।
हेपेटाइटिस बी (एचबीवी) कैसे फैलता है?
एचबीवी सुई की नोंक से हुए जख्म, गोदने, छेदने और दूषित ब्लड और लार से होता है। इसके अलावा शारीरिक संपर्क बनाने के दौरान भी फैलता है। तीव्र संक्रमण फ्लू जैसे लक्षणों से प्रकट होता है। लगभग 90% व्यक्तियों में संक्रमण खुद ब खुद ठीक हो जाता है। जबकि 5-10 प्रतिशत लोगों में यह लंबे समय तक रहता है।
हेपेटाइटिस बी गर्भवती महिलाओं करता है प्रभावित?
यह अक्सर जन्म के समय मां से बच्चे में फैलता है। प्रसव के दौरान योनि स्राव या स्तनपान के दौरान बच्चे को हो जाता है। यदि किसी मरीज का हेपेटाइटिस बी वायरस पॉजिटिव पाया जाता है, तो गर्भावस्था के दौरान और प्रसव के बाद एचबीवी एंटीवायरल दवा जारी रखनी चाहिए।गर्भवती महिलाओं को थकान, मतली और उल्टी, पेट में दर्द या बेचैनी, भूख न लगना, हल्का बुखार, गहरे रंग का पेशाब और जोड़ों में दर्द का अनुभव हो सकता है। इसके अलावा गर्भवती महिलाओं में हेपेटाइटिस बी की नियमित जांच की जाती है।
हेपेटाइटिस ई कैसे फैलता है
हेपेटाइटिस ई का प्रसार भी मल मार्ग से होता है। हेपेटाइटिस ई से पीड़ित गर्भवती महिलाओं, विशेष रूप से उनकी दूसरी या तीसरी तिमाही में लीवर फेल, भ्रूण हानि और मृत्यु का खतरा बढ़ जाता है।
वायरल हेपेटाइटिस से बचाव के उपाय क्या हैं?
हेपेटाइटिस का टीका होता है। इसलिए इसे हर किसी को लगाना चाहिए। इसके अलावा साफ-सफाई से बचा जा सकता है। घर और आसपास के इलाकों को साफ करें। साफ पानी पीएं। ब्लड से जुड़े काम को लेकर सावधानी बरतें। सुई और पुराने निडल का प्रयोग ना करें। ब्लड लेते और देते वक्त उसका टेस्ट करें। इसके अलावा हेपेटाइटिस उनके फैलने के तरीकों और समुदाय के बीच निवारक उपायों के बारे में जागरूकता से इन संक्रमणों को रोकने में मदद मिलती है।
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