पौधों की हेल्थ सीधे पानी देने की आदतों पर निर्भर करती है। अगर आप ओवर वाटरिंग से बचकर संतुलित तरीके से पानी देंगे, तो पौधे ज्यादा हेल्दी, ग्रीन और लॉन्ग-लास्टिंग रहेंगे। 

घर या ऑफिस में पौधे लगाने से माहौल न सिर्फ सुंदर बनता है बल्कि पॉजिटिव एनर्जी भी आती है। लेकिन पौधों की देखभाल करते समय लोग अक्सर एक गलती कर बैठते हैं ओवर वाटरिंग (Overwatering) यानी जरूरत से ज्यादा पानी देना। यह समस्या सबसे आम है और पौधों की हेल्थ को धीरे-धीरे खराब कर देती है। जब पौधों को उनकी जरूरत से ज्यादा पानी मिलता है, तो मिट्टी लगातार गीली रहती है। नतीजा पौधों की जड़ों को ऑक्सीजन नहीं मिल पाती और जड़ें सड़ने लगती हैं। इसका असर पत्तियों, फूलों और पूरे पौधे पर साफ नजर आने लगता है। अगर आप अपने पौधों को हेल्दी और ग्रीन रखना चाहते हैं, तो ओवर वाटरिंग से बचना बेहद जरूरी है। 

मिट्टी की नमी चेक करना न भूलें

सबसे पहला रूल यही है कि पानी डालने से पहले मिट्टी की ऊपरी 1-2 इंच परत को जरूर टच करें। अगर मिट्टी सूखी हो तभी पानी डालें, वरना कुछ और दिन इंतजार करें। कई बार पौधे ऊपर से सूखे दिखते हैं लेकिन अंदर मिट्टी गीली होती है।

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सही पॉट का सिलेक्शन करें

हमेशा ऐसे पॉट का इस्तेमाल करें जिनके नीचे ड्रेनेज होल (छेद) हों। ये छेद एक्स्ट्रा पानी को बाहर निकाल देते हैं और मिट्टी में पानी जमा नहीं होने देते। अगर पॉट के नीचे प्लेट रखी है तो उसमें जमा पानी को तुरंत हटा दें।

मॉइश्चर मीटर या स्टिक टेस्ट का इस्तेमाल करें

आजकल मार्केट में मॉइश्चर मीटर आसानी से मिल जाता है, जो मिट्टी की नमी लेवल बता देता है। अगर आपके पास यह नहीं है तो एक लकड़ी की स्टिक को मिट्टी में डालें। अगर वह गीली निकलती है तो पानी देने की जरूरत नहीं है।

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प्लांट में पानी देने का सही समय चुनें

हर मौसम में पौधों की पानी की जरूरत अलग होती है। गर्मियों में पौधों को ज्यादा और सर्दियों में कम पानी चाहिए होता है। कोशिश करें कि सुबह के समय ही पौधों को पानी दें, ताकि दिन भर मिट्टी में नमी बनी रहे और रात तक वह हल्की सूख भी जाए।