सार

Aditi Rao Hydari Wedding Venue: बॉलीवुड अभिनेत्री अदिति राव हैदरी ने तेलंगाना के रंगनायक स्वामी मंदिर में सात फेरे लिए हैं। जानें इस खूबसूरत मंदिर के बारे में और कैसे आप यहां दर्शन कर सकते हैं। 

ट्रेवल डेस्क। बधाई हो !बॉलीवुड की टॉप एक्ट्रेस अदिति राव हैदरी ने ब्वॉयफ्रेंड सिद्धार्थ (Aditi Rao Hydari Siddharth Wedding) से शादी रचा ली है। कपल बीते 4 साल से रिलेशनशिप में था। मार्च महीने में दोनों ने सगाई की थी। इंगेजमेंट के बाद अब गुपचुप शादी ने फैंस को हैरान कर दिया है। अदिति राव हैदरी ने साउथ इंडियन रीति-रिवाजों से तेलंगाना स्थित वानापार्थी में रंगनायक स्वामी मंदिर (Rangnayaka Swamy Temple) में सात फेरे लिए। मंदिर लगभग 400 साल पुराना है। बता दें, इस मंदिर से अदिति का खास कनेक्शन भी हैं तो चलिए जानते हैं आप इस मंदिर का दीदार कैस कर सकते हैं।

रंगनायक स्वामी मंदिर से अदिति का खास कनेक्शन (Rangnayaka Swamy Temple) 

बता दें, अदिति राव हैदरी रॉयल फैमिली से ताल्लुक रखती हैं। वानापार्थी में जहां एक्ट्रेस ने शादी रचाई है,वहां पर उनके नाना राजा थे। जिस वजह ये जगह अदिति के लिए बेहद खास है। ये मंदिर वाकई बहुत खूबसूरत है। जो भी मंदिर देखने आता है देखता ही रह जाता है। सेलेब्रिटीज के बीच ये मंदिर काफी फेमस हैं, अगर आप भी यहां घूमना चाहते हैं तो विजिट कर सकते हैं।

भगवान विष्णु का समर्पित रंगनायक स्वामी मंदिर 

400 साल पुराना रंगनायक स्वामी मंदिर वास्तुकला के साथ अपनी खूबसूरती के लिए जाना जाता है। ये तेलंगाना के वानापर्थी के पेब्बल मंडल गांव के अंतर्गत आने वाले श्रीरंगपुर गांव में स्थित है। इस मंदिर में हर साल 400-500 शादियां और मुंडन जैसे कार्यक्रम होते हैं। मान्यता है, जो जोड़ा इस मंदिर में शादी रचाता है,उसे आशीर्वाद देने साक्षात भगवान आते हैं। अगर आप भी मंदिर जाना चाहते हैं तो सुबह 6 बजे से दोपहर एक बजे और शाम को 4 बजे से रात के 8 बजे तक दर्शन कर सकते हैं।

रंगनायक स्वामी मंदिर का इतिहास

स्थानीय मान्यताओं के अनुसार रंगनायक स्वामी मंदिर के बारे में खुद वानापार्थी के राजा को भगवान विष्णु ने अवगत कराया था। एक दिन विजयनगर शासक श्रीरंगम घूमने गए थे। वहां पर स्थित एक मंदिर राजा के दिल में बस गया। वह हुबहू वैसा ही मंदिर अपने राज्य में बनवाना चाहते थे। इसी बीच भगवान विष्णु उनके सपने में आएं और मंदिर के बारे में जानकारी दी। इतना ही नहीं, राजा को मूर्ति के बारे में भी बताया। अगले दिन राजा उस जगह पर जाना चाहते थे लेकिन समझ नहीं आ रहा था कि वह कहां से शुरू करें। इसी बीच एक चील उनके साथ-साथ चलने लगी। पहले दिन तो राजा को कुछ समझ नहीं आया लेकिन उन्होंने दूसरे दिन चील के पीछे चलने का फैसला किया। धीरे-धीरे वह कोठाकोटा पहाड़ों पर जा पहुंचे जहां भगवान की मूर्ति रखी थी। इसके बाद राजा ने बिना वक्त जाया करते हुए राज्य में रंगनायक स्वामी मंदिर का निर्माण करवाया।

रंगनायक मंदिर तक कैसे पहुंच सकते हैं?

रंगनायक मंदिर तक पहुंचने के लिए अगर आप फ्लाइट से आ रहे हैं तो सबसे हैदराबाद आना होगा। यहां से मंदिर की दूरी महज 200 किलोमीटर है। आप बस, निजी कार या फिर टैक्सी से यहां पहुंच सकते हैं। इसके अलावा अगर ट्रेन से आ रहे हैं तो हैदराबाद उतरने की बजाय आप मंदिर से 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित गढ़वाल रेलवे स्टेशन की ट्रेन पकड़ सकते हैं। यहां से सीधा मंदिर के लिए बस और टैक्सी मिल जाएगी।

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