सार
इस साल प्रयागराज में महाकुंभ मेला लगा है, जिसे लेकर विद्वानों को का कहना है कि ये योग 144 साल बाद आया है। यागराज को भारतीय संस्कृति और धार्मिक आस्था का केंद्र माना जाता है। यहाँ स्थित त्रिवेणी संगम, जहाँ गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती नदियाँ मिलती हैं, विश्वप्रसिद्ध है। ऐसे में यदि आप भी महाकुंभ स्नान करने जा रहे हैं और भीड़-भाड़ के कारण त्रिवेणी संगम में स्नान के लिए नहीं जा पाए हैं, तो त्रिवेणी संगम के अलावा भी प्रयागराज में कई ऐसे स्थान हैं, जहाँ स्नान का विशेष धार्मिक और पौराणिक महत्व है। आइए इन स्थानों और उनके महत्व को विस्तार से समझें।
1. अरैल घाट
यमुना नदी के किनारे स्थित यह घाट त्रिवेणी संगम के पास है। यह घाट शांति और ध्यान के लिए जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि यहां स्नान करने से पापों का नाश होता है और आत्मा को शुद्धि मिलती है। यह घाट भीड़भाड़ से दूर है और ध्यान व साधना के लिए उपयुक्त स्थान है।
2. दशाश्वमेध घाट
यह घाट त्रिवेणी संगम के नजदीक है। माना जाता है कि भगवान ब्रह्मा ने यहां दस अश्वमेध यज्ञ किए थे। यहाँ स्नान करने से दस यज्ञों के बराबर पुण्य मिलता है। इस घाट पर धार्मिक अनुष्ठानों और पूजा-पाठ के लिए विशेष व्यवस्था होती है।
3. अक्षयवट (अमर वट) के पास का स्नान स्थल
प्रयागराज के पवित्र अक्षयवट पेड़ के पास। अक्षयवट को अमरता और शाश्वत जीवन का प्रतीक माना जाता है। यहाँ स्नान करने से जीवन के सभी कष्टों का निवारण होता है। यह स्थान मोक्ष की कामना रखने वालों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है।
4. हनुमान मंदिर घाट
प्रसिद्ध हनुमान मंदिर के पास। यहाँ स्नान करने से स्वास्थ्य संबंधी कष्टों से छुटकारा मिलता है और हनुमान जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस घाट पर स्नान के बाद हनुमान मंदिर में दर्शन का विशेष महत्व है।
5. सरस्वती कूप के पास स्नान स्थल
सरस्वती कूप, जो अदृश्य सरस्वती नदी का स्रोत माना जाता है। यहां स्नान करने से ज्ञान और विद्या की प्राप्ति होती है। यह स्थान विद्यार्थियों और विद्वानों के लिए विशेष महत्व रखता है। सरस्वती कूप को अदृश्य शक्तियों का केंद्र भी माना गया है।
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6. नागवासुकी घाट
यह घाट गंगा नदी के किनारे स्थित है। नाग देवता की पूजा के लिए प्रसिद्ध इस स्थान पर स्नान करने से राहु-केतु के दोषों का निवारण होता है। नागपंचमी और अन्य धार्मिक अवसरों पर यहाँ बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं।
स्नान का धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व:
धार्मिक दृष्टिकोण:
- माना जाता है कि प्रयागराज में स्नान करने से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
- त्रिवेणी संगम और अन्य घाटों पर स्नान से व्यक्ति के जीवन की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण:
- गंगा और यमुना के जल में पाए जाने वाले विशेष तत्व मानसिक और शारीरिक शुद्धता प्रदान करते हैं।
- इन घाटों पर बहता पानी त्वचा संबंधी बीमारियों को दूर करने में सहायक होता है।
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