गणेश चतुर्थी पर डेकोरेशन का क्रेज हर साल बढ़ता है, लेकिन अब लोग प्लास्टिक और थर्माकोल छोड़कर सस्टेनेबल डेकोर पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं। यहां जानें सबसे बेस्ट मॉडर्न और एनवायरनमेंट फ्रेंडली टिप्स।

गणेश चतुर्थी 2025 इस बार 26 अगस्त को मनाई जाएगी और इसकी तैयारियां देशभर में जोरों पर हैं। हर साल की तरह इस बार भी गली-मोहल्लों से लेकर घरों तक बप्पा के स्वागत में डेकोरेशन का क्रेज देखने लायक रहेगा। इस फेस्टिवल में लाइट्स, फूल और थीम-बेस्ड डेकोरेशन सबको अट्रैक्ट करते हैं। लेकिन इस बार का सबसे बड़ा बदलाव इको फ्रेंडली डेकोर (eco-friendly décor) है। लोग प्लास्टिक और थर्माकोल छोड़कर मिट्टी की मूर्तियां, रिसाइकल डोकोर और सस्टेनेबल ऑप्शन चुन रहे हैं। यहां जानें आप भी कुछ सबसे बेस्ट डेकोर ऑप्शन।

मिट्टी की गणपति मूर्तियों का बड़ा ट्रेंड

पहले जहां Plaster of Paris (POP) की मूर्तियां आम थीं, वहीं अब लोग शुद्ध मिट्टी की गणेश प्रतिमा अपना रहे हैं। ये पानी में आसानी से घुल जाती हैं और एनवायरनमेंट को नुकसान नहीं पहुंचाती हैं। मिट्टी की मूर्तियों में अब मॉडर्न टच भी आ चुका है इसमें आपको कलरफुल फिनिश, एलिगेंट डिजाइन और छोटे-साइज के आइडल मिल जाएंगे, जिन्हें आप घर पर आराम से रख सकते हैं।

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फ्लावर्स और पत्तियों से करें गणपति पंडाल डेकोर

महंगे आर्टिफिशियल फ्लावर्स की जगह गेंदा, कमल, अशोक या आम की पत्तियां इस्तेमाल करें। ये न सिर्फ ताजगी लाते हैं बल्कि पूजा का माहौल भी दिव्य बना देते हैं। पूजा के बाद इन्हें खाद (compost) में भी बदल सकते हैं।

ट्रेंडी और स्मार्ट रिसाइकल डेकोर चॉइस

गणपति फेस्टिवल में डेकोर के लिए थर्माकोल और प्लास्टिक की जगह कपड़े, जूट, पेपर, बांस और फूल इस्तेमाल करने का ट्रेंड बढ़ रहा है। पेपर लालटेंन, जूट हैंहिंग और नैचुरल फ्लोवर डेकोरेशन न सिर्फ eco-friendly हैं बल्कि बजट फ्रैंडली भी हैं। कई हाउसिंग सोसाइटी अब जीरो वेस्ट डेकोरेशन थीम अपना रही हैं, जहां हर चीज रेसाइक्लेबल होती है।

लाइटिंग से लेकर बैकड्रॉप तक सस्टेनेबल डेकोर

लाइटिंग में LED लाइट्स और सोलर पावर लैंप का इस्तेमाल तेजी से बढ़ा है। साथ ही बैकड्रॉप के लिए हैंड पैंट वाले क्लोद और बैंबो मैट्स का ट्रेंड देखने को मिलेगा। ये इको फ्रेंडली होने के साथ-साथ घर को एक नेचुरल लुक भी देते हैं।

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मिट्टी और बांस के डेकोरेटिव आइटम्स

थर्माकोल या प्लास्टिक की बजाय क्ले दिये, बांस के झूमर और टेराकोटा शोपीसेस का इस्तेमाल करें। ये लंबे समय तक चलेंगे और त्योहार के बाद घर की सजावट में भी यूज हो सकते हैं।

क्यों है Eco-friendly सजावट जरूरी?

गणेश उत्सव के बाद लाखों मूर्तियां और सजावट का कचरा नदियों और सड़कों पर फैल जाता है, जिससे पॉपुशन और हेल्थ इश्यू बढ़ते हैं। eco-friendly décor इस समस्या को काफी हद तक कम करता है। 2025 में सबसे बड़ा लाइफस्टाइल चेंज यही है कि लोग अब धूमधाम और सस्टेनेबिटिली दोनों को साथ लेकर चलना चाहते हैं। तो अगर आप भी इस बार गणेश चतुर्थी को खास और ट्रेंडी बनाना चाहते हैं, तो इको फ्रेंडली डेकोर अपनाएं।