सार
Nirmala Sitharaman Budget 2023: निर्मला सीतारमण लाल साड़ी पहनकर संसद में बजट पेश किया। वो इस साड़ी में बहुत ही ज्यादा सुंदर लग रही थीं। वित्त मंत्री की ये साड़ी काफी खास हैं, चलिए इसके बारे में बताते हैं।
लाइफस्टाइल डेस्क. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को पांचवीं बार देश का बजट पेश किया। बजट में घोषणा के साथ-साथ हर बार उनकी साड़ी भी चर्चा का विषय बन जाती हैं। 2019 में कार्यभार संभालने के बाद से ही वो हर जगह साड़ी में नजर आती हैं। केंद्रीय बजट पेश करते वक्त वो हर बार स्टेटमेंट-मेकिंग हथकरघा साड़ियां पहनी हैं। इस बार वो ब्राउन बॉर्डर वाली हाथ से बुनी इरकल सिल्क मैरून साड़ी पहनी थी।
हथकरघा से बनी साड़ियों को पसंद करती हैं वित्त मंत्री
दरअसल, हथकरघा से बनी साड़ियों को बढ़ावा देने के लिए सीतारमण हमेशा मुखर रही हैं। 2019 में, भारतीय वस्त्रों के प्रति अपने प्रेम को व्यक्त करते हुए उन्होंने ट्वीट किया था,'रेशम या कपास, ओडिशा-हथकरघा साड़ियां मेरे पसंदीदा में से एक हैं। रंग, बुनाई, बनावट, बस इतनी अच्छी होती है।'
इरकल सिल्क साड़ी को बजट भाषण के लिए निर्मला सीतारमण ने चुना
इस साल के बजट के लिए, निर्मला सीतारमण ने नवलगुंडा कढ़ाई के साथ हाथ से बुनी एक मैरून इरकल सिल्क साड़ी को चुना। कर्नाटक के धारवाड़ की साड़ी उन्हें केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने उपहार में दी थी। प्रल्हाद जोशी ने एक कार्यक्रम में मंत्री निर्मला सीतारमण को नवलगुंडा कढ़ाई कला और सांस्कृतिक समृद्धि के बारे में बताया था। यह साड़ी धारवाड़ के आरती शिल्प से खरीदी गई थी। बता दें कि धारवाड़ शहर के नारायणपुर स्थित आरती हिरेमठ के स्वामित्व वाली आरती शिल्प की महिलाओं ने इस साड़ी पर विशेष रूप से कढ़ाई की है।
आरती शिल्प ने कढ़ाई करके वित्त मंत्री को भेजा
दिसंबर में मंत्री निर्मला सीतारमण को कुल सात प्लेन इल्कल सिल्क साड़ियां भेजी गईं। उन सात साड़ियों में से उन्होंने दो को चुना, एक मैरून और दूसरा नीला। उस पर कढ़ाई का काम आरती शिल्प द्वारा किया गया था। साड़ी में मोर, कमल, रथ और गोपुरम की आकृतियां बनाई जाती हैं।
स्वरोजगार को बढ़ा आरती हिरेमथ दे रही हैं
आरती क्राफ्ट्स की मालकिन आरती हिरेमथ ने कढ़ाई का व्यापार करीब 32 साल पहले शुरू किया था। धीरे-धीरे उनका बिजनेस बढ़ता गया। आज के वक्त में उनके साथ 210 महिलाएं काम कर रही हैं। उन्होंने इन महिलाओं को आवश्यक कढ़ाई प्रशिक्षण देकर उन्हें स्वरोजगार दिया है।
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