सार

Balochi embroidery: बलोच कढ़ाई, जो कभी शाही परिधानों की शान थी, आज फैशन इंडस्ट्री में छाई हुई है। जानिए इस कला का इतिहास, खासियत और फैशन में इसका क्रेज!

भारतीय उपमहाद्वीप और मध्य एशिया की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत में बलोच कढ़ाई (Balochi Embroidery) का एक विशेष स्थान है। यह कढ़ाई न केवल पारंपरिक परिधानों की शान बढ़ाती है, बल्कि फैशन इंडस्ट्री में भी इसका क्रेज बरकरार है। अपनी बारीक हस्तकला, रंगीन धागों और जटिल डिजाइनों के कारण, बलोच कढ़ाई ने दुनिया भर के डिजाइनर्स को हमेशा अट्रैक्ट किया है। आइए जानते हैं इसका इतिहास, विशेषताओं और फैशन इंडस्ट्री पर इफेक्ट।

बलोच कढ़ाई का इतिहास

बलोच कढ़ाई की उत्पत्ति बलूचिस्तान (जो वर्तमान में पाकिस्तान, ईरान और अफगानिस्तान के कुछ हिस्सों में फैला हुआ है) से हुई मानी जाती है। यह कला बलोच समुदाय की महिलाओं द्वारा सदियों से संजोई और संवारती आई है। इस कढ़ाई की जड़ें 9वीं-10वीं शताब्दी तक जाती हैं, जब इसे पारंपरिक परिधानों पर सजाने का चलन शुरू हुआ था।बलोच कढ़ाई को शाही संरक्षण भी मिला, खासकर मुगल और फारसी साम्राज्य में। इसे खासतौर पर रॉयल गारमेंट्स, दुपट्टों और घर की सजावटी वस्तुओं में इस्तेमाल किया जाता था। समय के साथ, इसने आधुनिक फैशन का भी हिस्सा बनकर अपनी पहचान बनाई।

बलोच कढ़ाई की खासियत क्या?

इंट्रीकेट डिजाइन और डिटेलिंग: बलोच कढ़ाई की सबसे खास बात इसकी बारीक और जटिल डिजाइन होती हैं। इनमें ज्यामितीय पैटर्न, फूल-पत्तियां और पारंपरिक रूपांकन होते हैं, जो इसे अनोखा बनाते हैं।

कलरफुल रंगों का खेल: इस कढ़ाई में मुख्य रूप से गहरे लाल, नारंगी, नीले, हरे और काले रंग का उपयोग किया जाता है, जो बलूचिस्तान के रेगिस्तानी और पहाड़ी जीवनशैली से प्रेरित होते हैं।

हैंडक्राफ्ट कारीगरी : यह पूरी तरह से हाथ से की जाने वाली कढ़ाई है, जिसमें महीनों लग सकते हैं। इसे बनाने में पारंपरिक सुई-कला तकनीकों का उपयोग किया जाता है।

कढ़ाई में शीशे और मोतियों का उपयोग: कुछ डिजाइनों में शीशे और मोतियों का भी इस्तेमाल किया जाता है, जिससे कपड़ों में एक शाही और शाही लुक आता है।

बलोच कढ़ाई के अलग-अलग प्रकार

  1. डोची (Doch embroidery): सबसे जटिल और डिटेल पैटर्न वाली कढ़ाई।
  2. कंट (Kant embroidery): जिसमें मोटे धागों से सुंदर डिज़ाइन बनाए जाते हैं।
  3. पुक (Puk embroidery): जिसमें छोटे-छोटे ब्लॉक पैटर्न होते हैं।

फैशन इंडस्ट्री में क्यों छाई बलोच कढ़ाई?

ट्रेडिशनल से मॉडर्न आउटफिट्स तक : पहले बलोच कढ़ाई सिर्फ सलवार-कुर्तों और शॉल्स में देखी जाती थी, लेकिन आज यह डिजाइनर ड्रेसेस, जैकेट्स, स्कर्ट्स, ब्लाउज़, बैग और फुटवियर का अहम हिस्सा बन चुकी है।

इंटरनेशनल डिजाइनर्स की पसंद : इंटरनेशनल फैशन डिजाइनर्स ने भी इस कला को अपनाया है। फ्रांस, इटली और मिडल ईस्ट के कई डिजाइनर्स अपने कलेक्शन में बलोच कढ़ाई को शामिल कर रहे हैं।

बॉलीवुड और सेलेब्रिटीज की पसंद : बॉलीवुड और हॉलीवुड सेलेब्रिटीज भी बलोच कढ़ाई वाले आउटफिट्स पहनकर इसे प्रमोट कर रहे हैं। दीपिका पादुकोण, करीना कपूर और सोनम कपूर जैसी अभिनेत्रियों को बलोच कढ़ाई वाले आउटफिट्स में देखा गया है।

हैंडमेड और सस्टेनेबल फैशन : आज जब सस्टेनेबल और इको-फ्रेंडली फैशन का दौर है, तो बलोच कढ़ाई की मांग और भी बढ़ गई है। यह पूरी तरह से हस्तनिर्मित होती है, जिससे इसे पहनने से पारंपरिक कला को भी बढ़ावा मिलता है।