Aparajita Yellow Leaves Solution: अपराजिता के पत्ते एक समय के बाद पीले पड़ने लगते हैं। पीले पत्ते होने के कई कारण हैं और ये पौधे की ग्रोथ को भी रोक देते हैं। इसलिए इसे ठीक करना भी जरूरी है। यहां हमने पीले पत्तों का कारण और उपचार दोनों बताया है।  

Aparajita Plant Caring Tips: अपराजिता एक बेहद खूबसूरत बेलनुमा पौधे है, जिसके नीले या सफेद फूल बगीचे और गमले की शोभा बढ़ाते हैं। आयुर्वेद में भी इसे औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है, तो वहीं धार्मिक ग्रंथों में इसका विशेष महत्व बताया गया है। इसलिए बहुत से घरों में इसके बेल को लगाया जाता है, लेकिन अक्सर लोग इस पौधे की पत्तियों के पीले पड़ने की समस्या से परेशान रहते हैं। यह सवाल हर गार्डन लवर के मन में आता है कि आखिर पत्तियों का यह पीला रंग किसी बीमारी का संकेत है या फिर यह हमारी देखभाल में हुई लापरवाही का रिजल्ट।

अपराजिता के पीलेपन का कारण

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  • पत्तियों के पीले पड़ने के कई कारण हो सकते हैं। सबसे आम वजह पौधे को जरूरत से ज्यादा या कम पानी देना है। अगर मिट्टी में लगातार पानी भरा रहता है, तो जड़ों को ऑक्सीजन नहीं मिल पाती और पत्तियां पीली हो जाती हैं।
  • दूसरी ओर, जब लंबे समय तक पौधा सूखा रहता है तो पोषण की कमी के कारण भी पत्ते पीले होने लगते हैं।
  • इसके अलावा, धूप की सही मात्रा न मिलने पर भी अपराजिता कमजोर पड़ जाती है। यह पौधा तेज धूप पसंद करता है, लेकिन अगर लंबे समय तक छांव में रखा जाए तो इसकी पत्तियां चमक खोकर पीली पड़ने लगती हैं।
  • कभी-कभी मिट्टी में नाइट्रोजन की कमी, या कीटों का हमला जैसे एफिड्स और मिलीबग भी पत्तियों को नुकसान पहुंचाते हैं। ऐसे में पत्तियां पहले हल्की पीली, फिर मुरझाई हुई दिखाई देते हैं।

अपराजिता के पत्तों के पीलेपन को कैसे ठीक करें

  • सबसे पहले पौधे को संतुलित मात्रा में पानी देना जरूरी है। मिट्टी की ऊपरी सतह सूखने पर ही पानी डालें और गमले में ड्रेनेज का सही इंतजाम रखें। पौधे में जरूर से ज्यादा पानी या मिट्टी में लंबे समय तक नमी बने रहने से भी पत्तों के झड़ने और पीले होने की शिकायत आती है।
  • हर महीने पौधे को जैविक खाद जैसे गोबर की खाद, वर्मी कम्पोस्ट या सरसों की खली का घोल देते रहें। इससे नाइट्रोजन और अन्य पोषक तत्वों की कमी पूरी होगी और पत्तियों में फिर से हरियाली लौट आएगी।
  • पौधे को ऐसी जगह पर लगाएं या रखें जहां रोजाना कम से कम 5 से 6 घंटे की धूप जरूर मिले।
  • अगर बेल में कीड़े या मेली बग लग गए हैं, तो नीम का तेल या साबुन के पानी का हल्का स्प्रे करें। यह नेचुरली कीटों को पौधे से दूर करेगा और पत्तों को बचाएगा।

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अपराजिता की देखभाल में इन बातों का रखें ध्यान

  • अपराजिता को समय-समय पर छंटाई करना भी जरूरी है। इससे पौधे में नई शाखाएं निकलती हैं और पत्तियां ताजी व हरी बनी रहती हैं।
  • नई शाखाओं से ज्यादा फूल भी खिलते हैं।
  • पौधे को बार-बार जगह बदलने से बचाएं और मौसम के अनुसार पानी व खाद की मात्रा में बदलाव करें।

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