सार
एक सर्वे में भारत के शादीशुदा मर्दों की असलियत बाहर आई। जिस महिला के साथ वो सात जन्म ईमानदारी से साथ निभाने का वादा करते हैं। उससे छुपकर किसी और के सपने देखा करते हैं।
रिलेशनशिप डेस्क. 'वन मैन वूमन' वाला फ्रेज तो आपने अमूमन हर पुरुष से सुना होगा। मैं एक ही औरत के लिए हूं जैसी बातें उनके मुंह से सुनकर अच्छा भी लगता है। लेकिन आज के दौर में यह फ्रेज बस एक धोखा बनकर रह गया है। भारतीय समाज में बेवफाई को लेकर एक बड़ा आंकड़ा सामने आया है जिसे जानकर वाकई आपको हैरानी होगी। अपनी पत्नी को ही जीवन भर चाहूंगा जैसी बातें अब झूठी हो गई हैं। एक्स्ट्रा मैरिटल डेटिंग ऐप ग्लीडेन ने शादीशुदा मर्दों की सच्चाई को सामने लाने के लिए एक सर्वे किया। जिसका नतीजा हम नीचे बताने जा रहे हैं।
ग्लीडेन सर्वेक्षण (The Gleeden survey)
ग्लीडेन ने शादी, बेवफाई और सांस्कृतिक मानदंडों के प्रति भारत के बदलते नजरिए पर एक स्टडी किया। कंपलीसिटी का पता लगाने के लिए 25 से 50 वर्ष की आयु के बीच बड़े और छोटे शहरों के 1,503 शादीशुदा पुरुषों का एनालिसिस किया। सर्वे में पता चला कि 60 प्रतिशत पुरुष गैर-पारंपरिक डेटिंग तरीकों को अपना रहे हैं, जैसे कि स्विंगिंग (एक सेक्सुअल एक्टिविटी जिसमें सिंगल या फिर कमिटमेंट पार्टनर दूसरे से सिर्फ मनोरंजन के लिए शामिल होता है।)। यह दिखाता है कि कमिटमेंट होने के बाद भी दूसरे विकल्प की तलाश में लोग बढ़ रहे हैं। खासकर भारतीय समाज में जहां प्रेम और शादी को पवित्र मना गया है।
हालांकि, यह स्टडी आधुनिक भारतीय रिश्तों की एक तस्वीर दिखाता है जो काफी स्पष्ट रूप से विकसित हो रहे हैं। स्टडी में बेवफाई के तरीकों का जिक्र किया गया है जिसमें शामिल है-
प्लेटोनिक इंटरैक्शन (46 प्रतिशत)
बेवफाई किसी अन्य शख्स के साथ शारीरिक जुड़ाव तक सीमित नहीं है। बेवफाई को दिखाने के कई तरीके हैं। यदि कोई खास तौर से प्लेटोनिक रिश्ते में इमोशनल रिलेशनशिप को देखता है को यह भी पार्टनर के साथ धोखा ही होता है। स्टडी में पाया गया कि 46 प्रतिशत पुरुष प्लेटोनिक इंटरैक्शन करते हैं। कोलकाता में यह प्रतिशत ज्यादा है। यहां 52 प्रतिशत शादीशुदा होने के बाद भी दूसरी महिला के साथ प्लेटोनिक इंटरैक्शन करते हैं।
वर्चुअल छेड़खानी (36-35 प्रतिशत)
डिजिटल युग में, ऑनलाइन फ़्लर्टेशन बेवफाई का एक सामान्य रूप बन गया है। रिपोर्ट से पता चलता है कि 36 प्रतिशत महिलाओं और 35 प्रतिशत पुरुषों को वर्चुअल फ़्लर्टिंग आकर्षक लगती है। हालांकि अलग-अलग एरिया के आंकड़े अलग हैं, लेकिन कोच्चि में 35 प्रतिशत लोग इस तरह के वर्चअल गेम में शामिल हैं।
अपने साथी के अलावा किसी और से जुड़े सपने (33-35 प्रतिशत)
यह अब आम हो गया है और अपने साथी के अलावा किसी और के बारे में कल्पनाएं करना कोई बड़ी बात नहीं मानी जाती है। आंकड़ों से पता चलता है कि 33 फीसदी पुरुष और 35 फीसदी महिलाएं खुलेआम ऐसी कल्पनाएं करने की बात स्वीकार करते हैं। जयपुर में 28 प्रतिशत और लुधियाना में 37 प्रतिशत है, जो बेवफाई के इस पहलू पर अलग नजरिया रखते हैं।
शायद, ग्लीडेन का फ्रेश स्टडी आंखें खोलने वाली है। यह दिखाता है कि समय के साथ रिश्ते कैसे विकसित हुए। यह भारतीय समाज में रिश्तों के बदलते चेहरे पर प्रकाश डालता है।इसलिए, अगली बार जब आप अपने साथी के अलावा किसी और के बारे में कल्पनाएं करने के लिए खुद को डांटें, तो याद रखें कि आप अकेले नहीं हैं।
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