सार
खतना को लेकर ज्यादातर लोगों ने यहीं सुना होगा कि ये मुस्लिम पुरुष में होता है। लेकिन इस दर्द से महिलाएं भी गुजरती हैं। खतना में महिलाओं के वजाइन के एक हिस्से को ब्लेड से काटकर अलग कर दिया जाता है। 90 देशों में मुस्लिम लड़कियां इस दर्द से गुजरती हैं।
रिलेशनशिप डेस्क. कई मुस्लिम समुदाय में महिलाओं को तब तक अशुद्ध और शादी के लिए तैयार नहीं माना जाता है जबतक उनका खतना न किया जाए। भारत में भी बोहरा सुमदाय की मुस्लिम महिलाओं को इस दर्दनाक प्रथा का शिकार होना पड़ता है। 1 से 15 साल की उम्र की लड़कियों को इसका शिकार होना पड़ता है। खतना में लड़कियों के वजाइना के एक हिस्से को तेज ब्लेड या फिर चाकू से काटकर अलग कर दिया जाता है।
संयुक्त राष्ट्र (UN) ने इसे 'मानवाधिकारों का उल्लंघन' माना है। दिसंबर 2012 में यूएन में एक प्रस्ताव पारित करके महिलाओं में खतना जिसे फीमेल जेनिटल म्यूटिलेशन (FGM) कहा जाता है को दुनिया भर में खत्म करने का संकल्प लिया गया था। इसे रोकने और जागरुकता फैलाने के मकसदस से 6 फरवरी को 'इंटरनेशनल डे ऑफ़ ज़ीरो टॉलरेंस फ़ॉर एफ़जीएम' मनाया जाता है।
भारत में 75 प्रतिशत बोहरा समुदाय की लड़कियों का हो चुका है खतना
बावजूद इसके दुनिया के 90 देशों में मुस्लिम समुदाय की बच्चियों को इसका दर्द झेलना पड़ता है। 2008 में मिस्र ने महिलाओं के खतना पर बैन लगा दिया था, लेकिन वहां पर सबसे ज्यादा खतना के मामले सामने आते हैं। वहीं, यमन से बोहरा मुसलमान इंडिया आए। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो दुनिया के 80 प्रतिशत बोहरा मुसलमान भारत में रहते हैं और इस क्रूर प्रथा को फॉलो करते हैं। साल 2018 की रिपोर्ट की मानें तो यहां पर दाउदी वोहरा कम्युनिटी की 7 साल या उससे ज्यादा उम्र की 75 प्रतिशत लड़कियों का खतना हो चुका है।
आंकड़े दहलाने वाले
इक्विलिटी नाऊ की रिपोर्ट की मानें तो दुनिया के 90 से ज्यादा देशों में महिलाओं का खतना किया जाता है।वहीं, यूनिसेफ की रिपोर्ट के मुताबिक 31 देशों की 20 करोड़ महिलाओं का खतना हुआ है। जिसमें 27 देश अफ्रीका महाद्वीप के हैं। यहां 80 प्रतिशत महिलाएं इस दर्द से गुजर चुकी हैं।यूएन के मुताबिक, इस वर्ष करीब 40 लाख से ज्यादा लड़कियां इस खौफनाक प्रक्रिया से गुजर सकती हैं।वहीं, ग्लोबल लीडर्स ने साल 2030 तक इसे पूरी तरह खत्म करने का संकल्प लिए हैं।
खतना जीवन भर का देता है दर्द
खतना की वजह से कई महिलाएं जीवन भर सेक्स लाइफ को एन्जॉय नहीं कर पाती हैं। उन्हें रिलेशनशिप बनाते वक्त दर्द से गुजरना होता है। दरअसल, सेक्शुअल प्लेजर में क्लिटोरिस की भूमिका महिलाओं में अहम होती है। लेकिन खतने के दौरान क्लिटोरिस को नुकसान पहुंचता है। जिसकी वजह से उनका सेक्स लाइफ प्रभावित होता है।‘द क्लिटोरल हुड ए कॉन्टेस्टेड साइट' ने साल 2018 में इसे लेकर एक स्टडी कराया। जिसमें 33 प्रतिशत महिलाों ने माना कि खतना की वजह से उनका सेक्स लाइफ इफेक्ट हुआ है।
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