Sexual trauma से survivors के intimacy में कई चुनौतियां आती हैं, जैसे ट्रिगर, डर, भावनात्मक दूरी, और सेक्स में परेशानी। सही सपोर्ट, थेरेपी और खुद को समझकर, वे अपने शरीर और रिश्तों से दोबारा जुड़ सकते हैं।

SA surviovrs Deal with Intimacy: यौन शोषण किसी भी इंसान के लिए बेहद गहरा और दर्दनाक अनुभव हो सकता है। यह न केवल आपकी आत्म-छवि (Self-image) प्रभावित करता है, बल्कि आपके रिश्तों और अंतरंगता (intimacy) की समझ को भी बदल सकता है। लेकिन समय, ट्रीटमेंट और सही सपोर्ट के साथ, आप दोबारा अपने शरीर से जुड़ सकते हैं और रिश्तों में प्यार व आनंद महसूस कर सकते हैं।

यौन हिंसा अंतरंग रिश्तों को कैसे प्रभावित करती है?

यौन शोषण या हमला किसी भी उम्र, लिंग वाले व्यक्ति के साथ हो सकता है। यह एक बार का अनुभव हो सकता है या कई बार का। सबसे अहम बात यह याद रखना है कि यह आपकी गलती नहीं थी। यह इसलिए हुआ क्योंकि किसी ने आपकी सहमति (consent) को नजरअंदाज किया और आपकी शक्ति छीन ली।

हर व्यक्ति का अनुभव अलग होता है। कुछ लोग तुरंत आघात (trauma) महसूस करते हैं जबकि कुछ हफ्तों, महीनों या सालों बाद लक्षण महसूस करते हैं। इसका असर केवन आपके मन और शरीर पर नहीं पड़ता, बल्कि आपके नजदीकी रिश्तों पर भी गहरा होता है। जब कोई यौन हिंसा का अनुभव करता है, तो भरोसा, सुरक्षा और आनंद जैसी बुनियादी चीजें टूट जाती हैं, जो इंटीमेसी की नींव होती हैं।

इंटीमेटी को दोबारा बनाने में आने वाली चुनौतियां

यौन शोषण के बाद कई तरह की चुनौतियाँ सामने आती हैं, जैसे-सेक्स से डर या परहेज करना। SA सर्वाइवल इससे बचने के लिए थकान का बहाना बनाते हैं, अलग सोते हैं या फिर छूने पर डर जाते हैं।

फ्लैशबैक और ट्रिगर –किसी आवाज, गंध या स्पर्श से अचानक आघात याद आना और घबराहट या पैनिक होना।

शर्म और अपराधबोध – खुद को दोषी मानना, जबकि हकीकत में गलती आपकी नहीं थी।

डेटिंग और रिश्तों में कठिनाई – भरोसा करने में मुश्किल होना और नए लोगों से घबराहट।

सेक्स को बोझ समझना – आनंद लेने की बजाय सेक्स केवल फर्ज जैसा लगना।

कुछ तरह के स्पर्श से गुस्सा या डर – पहले जो स्पर्श अच्छा लगता था, अब वह गुस्सा या घृणा पैदा कर सकता है।

शारीरिक तकलीफे – दर्द, उत्तेजना की कमी, या ऑर्गेज्म में कठिनाई।

भावनात्मक दूरी – पार्टनर से जुड़ाव न महसूस होना।

सांस्कृतिक या धार्मिक दबाव – समाज या परिवार के कारण चुप रहने के लिए मजबूर किया जाना।

ये सारी चुनौतियां सामान्य हैं और आपके शरीर का तरीका है आपको यह बताने का कि उसे समर्थन और उपचार की जरूरत है।

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सेक्स और अंतरंगता से दोबारा जुड़ने के सुझाव अपने ट्रिगर्स को समझें और उनसे निपटें-ध्यान दें कि कौन सी चीजे (गंध, आवाज़, शब्द, स्पर्श) आपको ट्रिगर करती हैं। अपने रिएक्शन को लिखें और नोट करें कि कब और कैसे होती है।

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ग्राउंडिंग तकनीक अपनाएं – पानी धीरे-धीरे पिएं। गहरी सांस लें। खुद से दोहराएं कि मैं सुरक्षित हूं।

अपने शरीर से दोबारा जुड़ें- बॉडी स्कैन मेडिटेशन करें। सांसों पर फोकस करें।

सेल्फ-केयर करें – अच्छा खाना, नींद, व्यायाम, और शौक अपनाएं।

ट्रॉमा-इन्फॉर्म्ड योगा करें (विशेष रूप से यौन हिंसा पीड़ितों के लिए डिजाइन किया गया)।

खुद के बॉडी से जुड़ें-खुद को समय दें और केवल आनंद पर ध्यान दें, ऑर्गेज्म जरूरी नहीं। अगर ट्रिगर हों, तो रुक जाए और सेल्फ-केयर करें।

पार्टनर से बातचीत करें-आप चाहें तो अपने अनुभव साझा करें, लेकिन यह जरूरी नहीं है। ट्रिगर्स और जरूरतों के बारे में धीरे-धीरे बताएं। अगर आमने-सामने बातचीत में दिक्कत हो रही है, तो लिखकर या फिर फोन पर करें।

समर्थन (Support) लें- अगर आपको जरूरत लगे, तो थेरेपिस्ट से मिलें। वो आपको हिल करने में मदद करेंगे। इसके अलावा आप सपोर्ट ग्रुप जॉइन कर सकती हैं। यहां अपने अनुभव को शेयर करके मन को हल्का कर सकते हैं।

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