Japanese Techniques for Work: आलस दूर करने और काम में मन लगाने के लिए जापानी टेक्निक जैसे काइजेन, इकिगाई, नेमावाशी और शोशिन जैसी जापानी तकनीकें अपनाएं। ये तरीकें धीरे-धीरे बेहतर बदलाव लाती हैं।
काम करने के लिए हम सभी को मोटिवेशन की जरूरत होती है। कई बार आलस के चक्कर में काम एक बड़ी चुनौती सा बन जाता है और अधूरा पड़ा रहता है। अगर आप चाहते हैं कि समय के साथ आपका काम भी हो जाए और उसमें मन भी लगा रहे, तो इसके लिए आपको कुछ जापानी तकनीक का इस्तेमाल करना पड़ेगा। ऐसा करने से आपको काम करने में बोर भी महसूस नहीं होगा और बिना आलस के आप अपनी मानसिकता में बदलाव कर पाएंगे। तो आइए जानते हैं कि आखिर ऐसी कौन सी जापानी तकनीक है, जो आलस को दूर भगाने का काम करती है।
काइजेन से होगा काम में सुधार
स्थिर या फिर छोटी प्रगति जापान का मूल सिंद्धांत माना जाता है। जब कभी भी काम के दौरान आपको आलस महसूस हो, तो काइजेन का इस्तेमाल कर सकते हैं। काइजेन का मतलब है कि आप काम को एक साथ करने के बजाय छोटे-छोटे चरणों में करें। आप 1 घंटे काम करने के बजाय पांच मिनट काम करने से शुरू कर सकते है। इससे आपको आलस भी नहीं आएगा और परिणामों में भी परिवर्तन महसूस होगा।
अस्तित्व की अवधारणा है इकिगाई
इकिगाई को अस्तित्व की अवधारणा से जोड़ा गया है। आप ऐसे काम का चुनाव करें जिसमें आप बहुत अच्छे हैं। इससे काम करने में आलस महसूस नहीं होगा और साथ ही आप जीने का तरीका भी जान पाएंगे।
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नेमावाशी के अंतर्गत बनाएं योजनाएं
नेमावाशी का अर्थ किसी भी काम की जड़े जमाने से है। सबसे पहले सावधानीपूर्वक आप योजनाएं बनाएं और फिर छोटे-छोटे कदमों से तैयारी करें। ऐसा करने से किसी भी काम भी काम को करने में देरी कम होगी और योजनाएं बनाने में दिक्कत नहीं होगी।
शोशिन से चुनौतियों होगी स्वीकार्य
शोशिन का मतलब शुरुआती मन से है, जो जैन बौद्ध धर्म से आया है। किसी भी कार्य और चुनौतियों का खुलेपन, जिज्ञासा और विनम्रता के साथ सामना करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। इससे काम करने में आलस नहीं आता और काम तेजी से पूरा होता है।
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