सार
आईएमए देहरादून में तैनात एक लेफ्टिनेंट कर्नल पर लगे गंभीर आरोप से सेना में मचा हड़कंप। सिविलियन महिला से शारीरिक संबंध बनाने और स्पर्म डोनेट करने की मिली कठोर सजा।
रिलेशनशिप डेस्क.कहते हैं कि मोहब्बत और जंग में सब जायज होता है। लेकिन जिसने सेना की वर्दी पहन रखी हो उसके लिए कानूनी और नैतिकता दोनों तकाजे पर कोड ऑफ कंडक्ट का पालन करना जरूरी है। अगर ऐसा नहीं किया तो देहरादून आईएमए में तैनात लेफ्टिनेंट कर्नल जैसा हाल हो सकता है। आरोप है कि इस आर्मी अफसर को आईएमए में काम करने वाली एक महिला क्लर्क से मोहब्बत हो गई। लेकिन इश्क का रंग बेवफा हुआ तो कर्नल साहब की वर्दी दागदार हो गई। इसकी कीमत लेफ्टिनेंट कर्नल को कोर्ट मार्शल से चुकानी पड़ी।
आर्मी अफसर को स्पर्म डोनेट करना भारी पड़ा
आरोप है कि लेफ्टिनेंट कर्नल को जिस महिला से मोहब्बत हुई वो सिविलियन थी। शुरू-शुरू में तो दोनों का रिश्ता खूब परवान चढ़ा। दोनों ने साथ वक्त गुजारा और इस दौरान दोनों के बीच शारीरिक रिश्ता भी बन गया। हैरानी की बात ये कि प्यार में सारी नियम-कायदे भूल चुके आर्मी अफसर ने अपनी प्रेमिका के लिए स्पर्म भी डोनेट किया। बताया जा रहा है कि महिला मां बनना चाहती थी। इसके लिए लेफ्टिनेंट कर्नल ने अपना स्पर्म डोनेट किया ताकि आईवीएम ट्रीटमेंट से महिला प्रेग्नेंट हो सके। लेकिन कई बार स्पर्म डोनेट करने के बावजूद बात नहीं बनी। इस बीच अधिकारी का ट्रांसफर हो गया और आईएमए बाहर उसकी तैनाती हुई। इस बदलाव के बाद दोनों के रिश्ते में भी बदलाव हुआ और बात यहां तक पहुंच गई।
प्रेमिका ने यौन शोषण का लगाया आरोप
जिस महिला को लेफ्टिनेंट कर्नल ने दिल दिया उससे बाद में रिश्ता इतना खराब हुआ कि यौन शोषण का आरोप लग गया। महिला का आरोप है कि सैन्य अधिकारी ने उसके साथ जबरन शारीरिक संबंध बनाए। आरोप सेना के बड़े अफसर पर लगे थे इसलिए महकमे में भूचाल आ गया। शिकायत ऊपर पहुंची तो जांच शुरू हुई। पूछताछ के दौरान अधिकारी ने खुद पर लगे सभी आरोप खारिज कर दिए। इस पर उसकी पूर्व प्रेमिका ने मोबाइल फोन का रिकॉर्ड सामने रख दिया। उसमें दोनों के बीच हुई चैट से लेकर कॉल रिकॉर्डिंग जैसे सबूत भी पाए गए। इसके बाद लेफ्टिनेंट कर्नल ने सारे आरोप कबूल कर लिए।
प्यार के इमोशन ने करा दिया डिमोशन
लेफ्टिनेंट कर्नल के खिलाफ पुख्ता सबूत मिलने के बाद सेना की ओर से कार्रवाई शुरू हुई। सबसे पहले आरोपी अधिकारी का कोर्ट मार्शल की प्रक्रिया शुरू की गई। आरोप सही साबित हुए और आर्मी अफसर को दोषी करार दिया गया। सजा के तौर पर उसका डिमोशन करते हुए लेफ्टिनेंट कर्नल की रैंक वापस ले ली गई। इतना ही उसका बढ़ा हुआ वेतन और तीन साल की वरिष्ठता रैंकिंग भी छीन ली गई। हालांकि सेना की ओर से इसकी आधिकारिक जानकार या पुष्टि नहीं की गई है, लेकिन ये मामला बीईईजी रुड़की में काफी चर्चा में है।
इश्क में आग के दरिया से सावधान !
सेना के वरिष्ठ अधिकारी पर लगा ये अपनी तरह का अनोखा आरोप है। क्योंकि इसमें प्यार का अफसाना और तकरार की तलवार के साथ-साथ स्पर्म डोनेशन वाला सनसनीखेज ऐंगल भी है। लेकिन सवाल सेना की वर्दी पर लगे दाग का है, इसलिए कार्रवाई तो तय थी। बतौर आर्मी अफसर आरोपी ने न सिर्फ अपनी हदों को तोड़ा बल्कि सेवा शर्तों का भी उल्लंघन किया। इस अंधे रिश्ते में आगे बढ़ते हुए उसे निश्चित रूप से सेना के कोड ऑफ कंडक्ट का ख्याल रखना चाहिए था। साथ ही इस मामले ने ये भी साबित कर दिया है रिश्ते में बेवफाई या धोखेबाजी का अंजाम कितना बुरा हो सकता है।
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