सार
एक मां उस वक्त गुस्से से भर गई जब स्कूल ने बताया कि उनकी का नाम बदलकर "रंगी" कर दिया गया है। जो उनका पारंपरिक सरनेम का शॉर्ट रूप है। आइए बताते हैं पूरी कहानी।
रिलेशनशिप डेस्क. रिलेशनशिप डेस्क. अपनी पांच साल की बेटी का नाम नर्सरी की ओर से बदलने जाने से एक मां का नाराज होना लाजमी है। उपनाम (Surname) उनकी बेटी की पहचान हैं। वाकई माता-पिता का अरमान अपने बच्चों के नाम से जुड़ा होता है। वो काफी सोच समझकर एक यूनिक नाम उसके लिए चुनते हैं। बिना बताए अगर कोई उसे बदल दे तो गुस्सा होना स्वाभाविक है।
न्यूज़ीलैंड मे रहने वाली माओरी मां पेरिस (Paris) बताती हैं कि उनकी बेटी का नाम महिनारंगी ताउतु (Mahinarangi Tautu ) है। पांच साल की उम्र में उन्होंने उसका दाखिला नर्सरी में करा दिया। जहां पर स्कूल कर्मचारी ने उसका नाम महिनारंगी से "रंगी" कर दिया। स्कूल का कहना था कि बच्ची को उस नाम से पुकारने में दिक्कत हो रही थी। पेरिस ने द मिरर से बातचीत में बताया कि कुछ बच्चे उनकी बेटी के पारंपरिक नाम पर हंसते हैं। वो इसका उच्चारण करने की कोशिश करने की जहमत भी नहीं उठाते।
बेटी का नाम उनके पूर्वजों से है जुड़ा
उन्होंने बताया कि उनकी बेटी का नाम उनके पूर्वजों से जुड़ा है। ये उसकी पहचान है। अगर उसमें बदलाव किया जाता है तो ये उसके सम्मान को चोट पहुंचाना है। बच्ची का नाम बदलने की वजह से पेरिस ने उसे नर्सरी स्कूल से निकाल लिया। अब दूसरे नर्सरी स्कूल में बेटी का दाखिला करवा दिया है, जहां पर सभी लोग उसे उसके सही नाम से बुलाते हैं। बेटी और मैं, दोनों लोग यह सब देखकर खुश हैं।
बेटी के नाम में छुपा है ये अर्थ
पेरिस ने बताया कि बेटी के नाम के पीछे एक अर्थ छुपा है जिसका मतलब है 'आसमान में चांद'। इतना ही नहीं वो यह भी कहती हैं कि बेटी के सम्मान और उसकी रक्षा के लिए वो पूरी दुनिया से भी मुकाबला कर सकती हैं। उन्होंने दूसरे माता-पिता से अपील की कि अपने बच्चों को उनके नाम के महत्व के बारे में याद दिलाएं। अगर उनका नाम उनकी संस्कृति और परंपरा से जुड़ा हो तो। जो नाम उसे माता-पिता ने दिया है उसे गलत उच्चारण करने या फिर बदलने का अधिकार किसी के पास नहीं है।
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