29 सालों से चल रही सचखंड एक्सप्रेस नांदेड़ से अमृतसर तक मुफ्त भोजन सेवा देती है। सिख सेवा परंपरा के तहत, सभी यात्रियों को बिना भेदभाव के खिचड़ी या कढ़ी-चावल परोसा जाता है।

ट्रेन में सफर तो आप सभी ने कभी न कभी किया ही होगा, ट्रेन में सफर के दौरान बहुत से लोग सफर के लिए खाना घर से पैक करके ले जाते हैं, और बहुत से लोग ट्रेन में ही खाना बुक करते हैं। बहुत से ट्रेन जैसे राजधानी एक्सप्रेस में भोजन की सुविधा होती है। इन सभी जगह खाना के लिए या तो स्वयं मेहनत करना पड़ा है, या फिर पैसा देकर खूद ट्रेन में बुक करते हैं। लेकिन एक ट्रेन ऐसा है, जो अपने सभी यात्री को खाना देता है, जी हां आपने ठीक सुना भारतीय रेलवे का एक रेल ऐसा है, जो अपने ट्रेन में यात्रा करने वाले यात्रियों को मुफ्त में भोजन करवाता है।

इस ट्रेन का नाम है सचखंड एक्सप्रेस, पिछले 29 सालों से ये ट्रेन अपनी सर्विस दे रही है, साथ ही लोगों के बीच इंसानियत, समर्पण और सेवा का मिसाल बना हुआ है। सचखंड एक्सप्रेस महाराष्ट्र के नांदेड़ से अमृतसर, पंजाब तक 2000 किलोमीटर की दूरी तय करती है, जिसमें 39 स्टॉप आती है।

सालों से एक भी मुसाफिर नहीं सोया भूखा

सचखंड एक्सप्रेस भारत की एक ऐसी ट्रेन है, जिसमें हर यात्री को बिना की पैसे और भेदभाव के मुफ्त में भोजन करवाया जाता है। गरीब हो या फिर अमीर , बालक, वृद्ध और पर्यटक समेत हर वर्ग के लोगों को खिचड़ी या कढ़ी-चावल सर्व किया जाता है। रास्ते में आने वाले 6 मुख्य स्टेशन में यात्रियों के लिए फ्रेश भोजन तैयार किया जाता है।

सिख सेवा परंपरा के अंतरगत परोसते हैं भोजन

यात्रियों के नेक सेवा के पीछे सिख धर्म का सेवा भाव है। रेल रूट पर पड़ने वाले गुरुद्वारे अपने दान, अनाज और सेवा घंटों से ट्रेन में चलने वाला ये लंगर चलता है। इस सेवा लंगर में कोई धन देता है, कोई अनाज तो कोई अपना किमती वक्त से सेवा करता है।

ट्रेवलर्स के प्लेट में सर्व करते हैं भोजन

ट्रेन में यात्रियों को लंगर खिलाने के लिए किसी भी तरह के प्लास्टिक या फिर डिस्पोजल प्लेट और बर्तनों का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। यात्री भोजन के लिए अपना खुद का बर्तन यूज करते हैं, जिससे ये पता चलता है कि ये लंगर पूरी सेवा भाव का है, बल्कि ईको फ्रेंडली काम की ओर भी ध्यान रखता है। जहां बाकी ट्रेन यात्रियों को उनके मंजिल तक पहुंचाते हैं, वहीं ये स्पेशल ट्रेन लोगों के दिलों तक पहुंचती है। सचखंड एक्सप्रेस मानवता का मीसाल है।