Trump Travel Ban Palestine: ट्रंप सरकार ने फिलिस्तीन समेत दूसरे कई देशों की एंट्री अमेरिकी में बैन कर दी है। ट्रैवल पर उन्होंने 7 देशों के लोगों के लिए पूर्णत बैन लगा दिया है। अब तक अमेरिकी ने करीब 30 देशों पर सख्त कदम उठाए हैं। 

अमेरिका जाकर घूमना, काम करना अब आसान नहीं है। ट्रंप सरकार अमेरिका की सुरक्षा के नाम पर आए दिन नए-नए नियम जारी कर रही है। वहां ट्रैवल करना 30 देशों के लिए मुश्किल भरा हो गया है। 7 देश पर तो पूर्ण यात्रा प्रतिबंध लगा दिया गया है। जिसमें फिलिस्तीन भी शामिल है। 16 दिसंबर 2025 को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रीय सुरक्षा और वेटिंग प्रक्रिया में कमियों का हवाला देते हुए अमेरिका में प्रवेश पर लगे यात्रा प्रतिबंधों का विस्तार किया है। ट्रंप ने पहले भी कई देशों पर बैन लगा रखा है। बता दें कि थैंक्सगिविंग वीकेंड पर एक अफगान नागरिक की गिरफ्तारी हुई थी। जिसके बाद यह कदम और सख्त किया गया है।

किन देशों पर लगा पूरा ट्रैवल बैन?

नई सूची के अनुसार अब जिन देशों के नागरिकों पर पूरी तरह अमेरिका में प्रवेश प्रतिबंधित किया गया है, उनमें फिलिस्तीन है। माली, बुर्किना फासो, नाइजर, साउथ सूडान, सीरिया और लाओस शामिल है। यानी कुल 7 देशों के नागरिकों पर पूरी तरह ट्रैवल बैन किया गया है। फिलिस्तीन को लेकर यह फैसला सबसे ज्यादा राजनीतिक रूप से संवेदनशील माना जा रहा है। इस फैसले के तहत फिलिस्तीनी दस्तावेजों पर यात्रा करने वालों को केवल विशेष मामलों में ही छूट दी जाएगी।

पहले से बैन में शामिल थे ये 12 देश

इससे पहले जून में ट्रंप प्रशासन ने 12 देशों पर पूरी यात्रा पाबंदी लगाई थी। ये है लिस्ट

  • अफगानिस्तान
  • म्यांमार
  • चाड
  • कांगो गणराज्य
  • इक्वेटोरियल गिनी
  • इरिट्रिया
  • हैती
  • ईरान
  • लीबिया
  • सोमालिया
  • सूडान
  • यमन

इन 15 देशों पर आंशिक वीजा प्रतिबंध

पूरी पाबंदी के अलावा 15 देशों पर आंशिक प्रतिबंध लगाए गए हैं, जिनमें सख्त वीजा जांच और सीमित वीजा कैटेगरी शामिल हैं-

  • अंगोला
  • एंटीगुआ और बारबुडा
  • बेनिन
  • कोट डी आइवर
  • डोमिनिका
  • गैबॉन
  • गांबिया
  • मलावी
  • मॉरिटानिया
  • नाइजीरिया
  • सेनेगल
  • तंजानिया
  • टोंगा
  • जाम्बिया
  • जिम्बाब्वे

इन देशों पर आरोप है कि यहां से आने वाले लोगों में वीजा ओवरस्टे, कमजोर पहचान प्रणाली और डिपोर्टेशन में सहयोग की कमी पाई गई है।

व्हाइट हाउस ने क्या वजह बताई?

अमेरिकी प्रशासन का कहना है कि इन देशों में सरकार अस्थिर है। यहां फर्जी या अविश्वसनीय दस्तावेज बनाए जाते हैं। इन देशों में भ्रष्टाचार है। आपराधिक रिकॉर्ड की जानकारी की कमी जैसी समस्याएं हैं, जिससे अमेरिका के लिए सुरक्षा जोखिम बढ़ता है।

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 कानूनी चुनौती संभव?

मानवाधिकार संगठनों और इमिग्रेशन एक्टिविस्ट्स ने इस फैसले की आलोचना करते हुए इसे पहले के “मुस्लिम ट्रैवल बैन” की पुनरावृत्ति बताया है। माना जा रहा है कि इस फैसले को कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है। बता दें कि इससे पहले अमेरिकी ने प्रेग्नेंट महिलाओं को वीजा देने पर रोक लगा दी है। उनका कहना है कि वो अमेरिका में बच्चा पैदा करके बच्चे के लिए अमेरिकी नागरिकता लेने आती हैं। हालांकि कुछ विशेष स्थिति में छूट मिलेगी।

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