सार

बुटीक पर काम करके अपने बेटे की परवरिश कर रही थी मां, 23 जनवरी को बस से उतरते वक्त एक्सीडेंट में घायल हुई थी महिला...

भोपाल, मध्य प्रदेश. 10 साल के मासूम ने मां की मौत के बाद उनके सभी अंग दान करने का फैसला लेकर सबको चौंका दिया है। उसकी मां एक दुर्घटना में घायल होने के बाद वेंटिलेटर पर थी। शनिवार को डॉक्टरों ने उनका ब्रेन डेड होने की घोषणा की थी। इसके बाद बेटे ने मां के सभी अंग दान करने का फैसला किया। दुखद यह है कि मासूम के पिता का 7 साल पहले निधन हो चुका है।


रोते हुए कहा, मेरी मां जिंदा रहेगी..
मयंक छवानी की मां दिशा का शनिवार को निधन हो गया। अब उनके सभी अंग अलग-अलग लोगों को ट्रांसप्लांट किए जाएंगे। उनका हमीदिया अस्पताल में इलाज चल रहा था। मयंक के बड़े पापा जगदीश छवानी ने बताया कि 23 जनवरी को हलालपुर, बीरआरटीएस बस स्टैंड पर बस से उतरते वक्त दिशा का एक्सीडेंट हो गया था। वे बुरी तरह घायल हो गई थीं। उन्हें हमीदिया हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। उनकी हालत बेहद नाजुक थी। लिहाजा उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया। शनिवार को डॉक्टरों ने उनके ब्रेन को डेड घोषित कर दिया। इसके बाद महिला के अंग दान करने का फैसला मासूम बेटे पर छोड़ा गया था। बेटे ने रोते हुए इसकी स्वीकृति देते हुए कहा कि उसकी मां के अंगों से अगर किसी को जीवन मिलता है, तो इससे अच्छा और क्या होगा। उसकी मां दूसरों के शरीर में जीवित रहेगी। 

7 साल पहले पिता की हुई थी मौत
मयंक के बड़े पापा वकील हैं। वे बताते हैं कि उनके छोटे भाई और मयंक के पिता की ब्लड प्रेशर लो होने के बाद 8 जनवरी 2013 को मौत हो गई थी। उस वक्त मयंक सिर्फ 3 साल का था। मयंक का उसकी मां ने बड़े संघर्ष से परवरिश कर रही थीं। वे एक बुटीक में काम करती थीं। इस परिवार में दो दिनों में दो मौतें हुई हैं। शुक्रवार को जगदीश की चाची मोहनी देवी का निधन हो गया था। शनिवार को उनका अंतिम संस्कार किया गया। इसके बाद दिशा का।