सार

राजस्थान के सियासी भूचाल के बाद अब कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव बड़ा ही दिलचस्प हो गया है। क्योंकि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने इस रेस में खुद को शामिल करते हुए नामांकन फार्म लिया है। वह कल  राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनाव के लिए पर्चा भरेंगे।
 

भोपाल. कांग्रेस में राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनाव और राजस्थान में चल रहे सियासी घमासान को लेकर दिल्ली के दस जनपथ पर बैठक चल रही है। जहां राजस्थान के मुख्यमंत्री पद के चेहरे से लेकर कांग्रेस अध्यक्ष पद के उम्मीदवार पर फैसला होगा। इसी बीच मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह भी दिल्ली पहुंच गए हैं। जल्द ही वह भी सोनिया गांधी से मिलने वाले हैं। उन्होंने साफ कर दिया है कि वो अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए चुनाव लड़ेंगे। बता दें कि अचानक से कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष रेस में सभी दिग्गजों को पीछे छोड़ते हुए वह सबसे आगे नजर आ रहे हैं। जानिए क्या है इसकी असली वजह...

दिग्विजय सिंह ने कहा-कल मैं नामांकन करूंगा...
दरअसल, दिल्ली पहुंचने के बाद दिग्विजय सिंह ने सबसे पहले कांग्रेस दफ्तर पहुंचे। जहां उन्होंने मीडिया से बात करते हुए क्लियर कर दिया कि वह अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ेंगे। मैं यहां नामांकन फॉर्म लेने आया हूं और कल नामांकन करूंगा। अभी में दस जनपथ जा रहा हूं, जहां पर सोनिया गांधी और अशोक गहलोत से मुलाकात करूंगा।

पार्टी की पहली पसंद गहलोत पर संशय बरकरार...
बता दें कि अब कांग्रेस में राजस्थान सियासी संकट कुछ कम होने के बाद पार्टी अध्यक्ष पद के लिए एक बार फिर से सुगबुगाहट शुरू हो गई। जहां दिग्विजय सिंह नामांकन फार्म लेने के लिए पहुंचे हैं वहीं, इस रेस में शामिल इससे पहले कांग्रेस नेता शशि थरूर, पार्टी कोषाध्यक्ष पवन बंसल नामांकन पत्र ले चुके हैं। लेकिन अभी तक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर चुनाव लड़ने को लेकर संशय बरकरार है। बता दें कि इन नेताओं से पहले गहलोत ही सबसे पहले पार्टी नेतृत्व की पहली पसंद थे। लेकिन राजस्थान में सीएम की कुर्सी को लेकर शुरू हुआ विवाद उनको अलग मोड़ पर ले गया। अब देखना होगा किया वह क्या फैसला लेते हैं।

इस कारण से सभी दिग्गजों को पीछे छोड़ते हुए सबसे आगे हुए दिग्विजय सिंह
दिग्विजय सिंह अचानक से कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष रेस में शामिल होने के बाद अब कयास लगने लगे हैं कि वह आखिर कैसे सबको पीछे छोड़ते हुए आगे निकल गए। दिग्गी को करीब से जानने वालों का कहना है कि दिग्विजय सिंह सियासी दांव-पेंच में माहिर सबसे आगे हैं। उनके सबसे आगे होने की एक बड़ी वजह यह भी है कि उनकी संगठन में मजबूत पकड़ हैं। मध्य प्रदेस से लेकर दिल्ली तक कांग्रेस कार्यकर्ता उनको जानते हैं। इसके अलावा वह  गांधी परिवार के सबसे नजदीकी माने जाते हैं। राजीव गांधी के दौर से लेकर सोनिया गांधी और राहुल गांधी के तक के विश्ववास पात्र हैं। इसलिए आलाकमान ने उनको  ग्रीन सिग्नल दे दिया है। एक तरफ जहां उनके कांग्रेस के हर नेता से रिश्ते अच्छे हैं तो वहीं विरोधियों पर सियासी पलटवार करने में भी वह माहिर हैं।

राष्ट्रीय अध्यक्ष की रेस से कमलनाथ ने खुद को किया बाहर
कुछ दिन पहले तक कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव लड़ने वालों में शामिल मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ ने अपने आप को राष्ट्रीय अध्यक्ष की रेस से पूरी तरह अलग कर लिया है। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा-वो सोनिया गांधी के बुलाने पर दिल्ली पहुंचे थे। जिसके बाद से मीडिया में खबरें चलने लगी थीं कि में भी चुनाव के लिए नामंकन भरने वाला हूं। लेकिन  मध्य प्रदेश छोड़ने का मेरा फिलहाल कोई इरादा नहीं है। क्योंकि एक साल बाद ही मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसलिए अभी मेरा फोकस सिर्फ और सिर्फ एमपी पर है। इसलिए मेरा इंवॉल्व कहीं और हो गया तो मध्य प्रदेश से मेरा ध्यान हट जाएगा।

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