सार
मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में एक किसान परिवार दबंगों से इतना परेशान हो चुका है कि उसने सामूहिक रूप से आत्महत्या करने का फैसला लिया है। साथ पीड़ित परिवार ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद एक पत्र भी लिखा है, जिसमें उसने 11 सदस्यों के साथ इच्छा मृत्यु की मांग की है।
ग्वालियर. मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। जहां एक परिवार के 11 सदस्यों ने एक साथ इच्छा मृत्यु की मांग की है। इसके लिए किसान ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद एक पत्र भी लिखा है, जिसे उन्होंने जिला प्रशासन और पुलिस को सौंपा है। परिवार का कहना है कि ऐसे जैसे से अच्छा है कि हम एक साथ मर ही जाएं।
'पुश्तैनी जमीन गई तो जी नहीं पाएंगे'
दरअसल, यह दुखद मामला जिले के घाटीगांव तहसील के वीराबली गांव का है। यहां के निवासी किसान साबिर खां ने बताया कि उसकी वीराबली गांव में पुश्तैनी जमीन है। जिसपर खेती करके ही उनका जीवन यापन चलता है। लेकिन गांव के ही दबंग जितेंद्र अग्रवाल और विजय काकवानी ने इसी जमीन पर अब कब्जा करना चाहते हैं। जमीन को छोड़ने के लिए इन्होंने हमें परेशान कर रखा है। रोजाना हमें धमकी देते हैं।
परिवार ने सुनाई अपनी दर्द भरी दांस्ता
पीड़ित किसान परिवार ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा की तहसील कार्यालय के सर्वे के मुताबिक, सर्वे क्रमांक 1584 में उनकी एक बीघा और 2 बिस्वा जमीन है। लेकिन इस बर दबंग अपनी कालोनी बनाने चाहते हैं। इसलिए वह इसको छीन रहे हैं। इस पर जितेंद्र अग्रवाल, विजय काकवानी और उनके साथी प्लॉट काटकर ऊंचे-ऊंचे दामों में बेचने की जुगत में हैं।
जमीन चली गई तो कर लेंगे आत्महत्या
बता दें कि किसान परिवार इन दबंगों की शिकायत तहसील से लेकर थाने तक कर चुके हैं। लेकिन कहीं पर भी उसकी सुनवाई नहीं हो रही है। जमीन का सीमांकन के लिए तहसीलदार के यहां 2 महीने पहले आवेदन दिया, फिर भी जांच करने के लिए कोई नहीं आया है। पीड़ित का आरोप है कि राजस्व विभाग की मिलीभगत से उनकी जमीन पर जबरन कब्जा कराना चाहते हैं। इसलिए उन्होंने अब इच्छा मृत्यु की मांग की है। परिवार का कहना है कि अगर हमारी जमीन चली गई तो हम सभी 11 सदस्य आत्महत्या कर लेंगे। इसलिए प्रशासन से विनती है कि वह कॉलोनाइजर जितेंद्र अग्रवाल से हमारी जमीन मुक्त कराए और उससे रक्षा करे। बताया जा रहा है कि किसान का इच्छा मृत्यु पत्र कलेक्टर कार्यालय और एसपी कार्यालय में पहुंचा दिया गया है।