सार
लड़की वालों ने दूल्हे के पक्ष पर दहेज की मांग और बारातियों के शराब पीकर टुन्न होने के साथ जयमाला के दौरान नशे में हंगामा करने का आरोप लगाया। बारात में लड़के तो लड़के, लड़कियां भी शराब के नशे में आई हुई थीं। वह इतना टुन्न थीं कि स्टेज पर सारी हदें पार कर दीं।
शिवपुरी. मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में एक बारात को बिना दुल्हन के बैरंग वापस लौटना पड़ा। शादी की रस्मों के दौरान बात इतनी ज्यादा बिगड़ गई कि दूल्हे पक्ष की हरकत की वजह से दुल्हन ससुराल जाने को तैयार नहीं हुई। पुलिस के मामले में दखल देने के बाद भी मामला सुलझ नहीं सका। आखिर में दूल्हा खाली हाथ अपने घर वापस आ गया।
देखते ही देखते इतना बिगड़ गई बात
दरअसल, यह पूरा मामला शिवपुरी के फिजिकल थाने का बताया जाता है। जहां पर शिवपुरी के एसडीओ आरईएस हरिओम श्रीवास्तव की बेटी आयुषी की शादी शनिवार देर रात श्योपुर के उमेश सक्सेना के बेटे गगनदीप से साथ हो रहा था। लेकिन विवाह की रश्मों के दौरन दोनों पक्षों में विवाद हो गया। देखते ही देखते यह विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों पक्ष संबंधी होने के बाद भी संबंधी नहीं बन सके।
लड़कियां भी शाराब पीकर बारात में पहुंची थीं
लड़की वालों ने दूल्हे के पक्ष पर दहेज की मांग और बारातियों के शराब पीकर टुन्न होने के साथ जयमाला के दौरान नशे में हंगामा करने का आरोप लगाया। दुल्हन के रिश्तेदारों का कहना है कि बारात में लड़के तो लड़के, लड़कियां भी शराब के नशे में आई हुई थीं। वह इतना टुन्न थीं कि स्टेज पर ही हंगामा करने लगीं। काफी समझाने के बाद भी वह नहीं मानी और सारी हदें पार कर दीं।
ऐसे शुरू हुआ था हंगामा
बता दें कि होटल में चल रही इस शादी में कमरे को लेकर भी दोनों पक्षों में विवाद हुआ। आलम यह हो गया कि लड़की वालों को अपने रिश्तेदारों को दूसरी लॉट में शिफ्ट करना पड़ा गया। वहीं लड़की के घरवालों का कहना है कि हम लोग लगन में तीन लाख रुपए नगद सहित अन्य सामान लेकर पहुंचे थे। लेकिन दूल्हे पक्ष के लोगों ने दहेज की मांग शुरू कर दी। कभी टीके के नाम पर, कभी कपड़ों के नाम पर, कभी सम्मान के नाम पर पैसों की मांग करने लगे। उनका कहना है कि कहीं वर पक्ष के लोगों की दहेज की भूख कहीं हमारे बेटी के साथ कोई अनहोनि की घटना नहीं कर दे।
पुलिस के समझाने के बाद भी दुल्हन जिद पर अड़ी रही
मामले की जानकारी लगते ही कोतवाली थाना प्रभारी सुनील खेमरिया और देहात थाना प्रभारी विकास यादव भी मौके पर पहुंचे थे। उन्होंने सुबह से लेकर शाम तक दोनों पक्षों में सुलह कराने की पहुत कोशिश की, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला। आखिर में वधु पक्ष बेटी को साथ लेकर घर चला गया। तो वहीं वर पक्ष को बिना दुल्हन के अपने घर लौटना पड़ा।