सार
तमिलनाडु (TamilNadu) के कुन्नूर (Coonoor) में 8 दिसंबर को हेलिकॉप्टर क्रैश (helicopter crash) की घटना में घायल हुए ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह (Group Captain Varun Singh) का बुधवार को निधन हो गया। वे 7 दिन से बेंगलुरु (Bangalore) के अस्पताल में भर्ती थे। ग्रुप कैप्टन की पार्थिव देह गुरुवार दोपहर 2.30 बजे सेना के विमान से भोपाल के राजाभोज एयरपोर्ट आएगी।
भोपाल। तमिलनाडु (TamilNadu) के कुन्नूर (Coonoor) में 8 दिसंबर को हेलिकॉप्टर क्रैश (helicopter crash) की घटना में घायल हुए ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह (Group Captain Varun Singh) का बुधवार को निधन हो गया। वे 7 दिन से बेंगलुरु (Bangalore) के अस्पताल में भर्ती थे। ग्रुप कैप्टन की पार्थिव देह गुरुवार दोपहर 2.30 बजे सेना के विमान से भोपाल के राजाभोज एयरपोर्ट आएगी। यहां से एयरपोर्ट रोड पर इनरकोर्ट अपार्टमेंट में श्रद्धांजलि दी जाएगी। शुक्रवार सुबह 11 बजे भदभदा विश्राम घाट पर अंतिम संस्कार किया जाएगा। इसमें शामिल होने के लिए वरुण के गृह जिले देवरिया (उत्तर प्रदेश) से भी परिवार के लोग भोपाल आ रहे हैं।
इनरकोर्ट अपार्टमेंट में रहने वाले और पूरे इंतजाम देख रहे कर्नल केसी त्यागी ने बताया कि परिजन ने इच्छा जताई है कि जब क्लब हाउस में पार्थिव शरीर रखा जाए तो उस दौरान सिर्फ परिजन ही मौजूद रहेंगे। किसी को अंदर जाने की इजाजत नहीं होगी। इसके बाद 2 घंटे के लिए सोसायटी के मैदान में पार्थिव देह को रखा जाएगा। यहां लोग अंतिम दर्शन और श्रद्धांजलि दे सकेंगे। बता दें कि गुरुवार दोपहर 2.30 बजे से 2.45 बजे के बीच पार्थिव देह भोपाल एयरपोर्ट आएगी। इस दौरान उनके साथ कुल 20 लोग मौजूद रहेंगे। इसमें पिता कर्नल केपी सिंह, माता उमा सिंह, छोटे भाई लेफ्टिनेंट कमांडर तनुज सिंह और वरुण की पत्नी गीतांजलि, बेटा रिद्धिमन, बेटी आराध्या शामिल रहेंगे। एयरपोर्ट से पार्थिव शरीर 3.30 बजे केपी सिंह के इनरकोर्ट अपार्टमेंट में लाया जाएगा। इसके लिए कॉलोनी में रहने वाले 350 परिवार व्यवस्थाओं में लगे हैं। इनमें 19 परिवार सेना से ताल्लुक रखते हैं, जबकि 14 परिवार उसी अपार्टमेंट में रहते हैं।
भोपाल में रहते मम्मी-पापा, छोटे भाई मुंबई में...
ग्रुप कैप्टन वरुण के पिता केपी सिंह सेना में कर्नल रहे हैं। रिटायरमेंट के बाद वे भोपाल के एयरपोर्ट रोड स्थित इनकोर्ट अपार्टमेंट में रहते हैं। उनके साथ पत्नी उमा सिंह भी रहती हैं। वरुण की पोस्टिंग तमिलनाडु के वेलिंगटन में थी, इसलिए वे परिवार समेत अब तक वहां शिफ्ट थे। जबकि वरुण के छोटे भाई तरुण नेवी में पोस्टेड हैं और परिवार समेत मुंबई में रहते हैं। वरुण अक्सर माता-पिता से मिलने भोपाल आते-जाते थे। हालांकि, घटना के वक्त से वरुण के परिवार का कोई भी सदस्य अभी यहां नहीं है और घर में ताला लगा है।
दिवाली पर भोपाल आए थे वरुण सिंह
ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह वरुण सिंह दिवाली पर नवंबर में भोपाल आए थे। वे यहां करीब 10 दिन तक रहे थे। इनरकोर्ट अपार्टमेंट में रहने वाले लोग बताते हैं कि वरुण बेहद मिलनसार थे। कॉलोनी के बच्चों से बहुत प्यार करते थे। जब भी वे यहां आते तो सभी बच्चों से मिलते और उनकी हौसला अफजाई करते थे। बच्चों से उनके लक्ष्य के बारे में पूछते, फिर उन्हें करियर टिप्स देते थे। पड़ोसी अनिल मूलचंदानी ने बताया कि भोपाल शहर वरुण को काफी पसंद था। महेंद्र त्यागी ने कहा कि वरुण के पिता उनके अच्छे दोस्त हैं। वरुण के बारे में कुछ दिन पहले ही उनसे बात हुई थी। उन्होंने कहा था कि अभी बेटा अच्छा है।
वरुण की ससुराल इंदौर में
वरुण की ससुराल इंदौर में है। वरुण की 20 जनवरी 2008 को इंदौर की गीतांजलि से शादी हुई थी। उनकी बारात इंदौर के होटल क्राउन पैलेस में रुकी थी। गीतांजलि पुणे के फर्ग्यूसन कॉलेज से BA कर रही थीं, उसी दौरान वरुण से मुलाकात हुई। तब वरुण परिवार समेत भोपाल में ही रहते थे। शादी के बाद वरुण साल में एक या दो बार इंदौर आते थे और 3-4 दिन यहां रुकते थे।
ये ख्वाहिशें रह गईं अधूरी....
- वरुण की पत्नी गीतांजलि के चचेरे भाई संजय सिंह ने बताया कि वरुण आखिरी बार कोरोना से पहले इंदौर आए थे। वे परिवार के सदस्यों को शौर्य चक्र मिलने की पार्टी देने दिसंबर में इंदौर आने वाले थे। ग्रुप कैप्टन की ये ख्वाहिश पूरी नहीं हो सकी।
- वरुण का परिवार मूल रूप से यूपी के देवरिया जिल के कन्हौली गांव का रहने वाला है। वहां वरुण के चाचा समेत परिवार रहता है। वरुण के चाचा राजीव सिंह बताते हैं कि वरुण भले अफसर हो गए थे, लेकिन सामान्य जीवन जीते थे। रिटायर्ड होने के बाद गांव में ही खेती करना चाहते थे। गांव में बनी चिनिया मिठाई, गट्टा और गुड़ का मीठा पसंद था। वे हमेशा कहते थे- जय जवान, जय किसान वाला जीवन पसंद है।
- वरुण को फोटो कैलेंडर बनाने का बेहद शौक था। वह खुद ही हर साल का कैलेंडर बनाते थे। वरुण 2004 में वायुसेना में बतौर फाइटर पायलट शामिल हुए थे। वे जगुआर और तेजस एयरकाफ्ट उड़ा चुके हैं। तेजस की सुरक्षित लैंड करवाने के लिए इसी साल उन्हें शौर्य चक्र दिया गया था।
वरुण के पिता पांच भाई...
कैप्टन वरुण सिंह (42 साल) का जन्म दिल्ली में हुआ है। वरुण के पिता पांच भाई हैं, इनमें से दिनेश प्रताप सिंह अधिवक्ता हैं, जो डीजीसी रहे। उमेश प्रताप सिंह रिटायर्ड इंजीनियर है। कृष्ण प्रताप सिंह यानी पिता रिटायर्ड कर्नल हैं। रमेश प्रताप सिंह रिटायर्ड कर्नल हैं। वरुण सिंह के चाचा अखिलेश प्रताप सिंह कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं और रुद्रपुर से विधायक रहे हैं।