सार

मध्य प्रदेश के हरद जिले से एक हृदयविदारक घटना सामने आई है। जहां दुर्गाष्टमी पूजन से पहले पति-पत्नी और उनकी दो मासूमों बेटियों की एक सड़क हादसे में मौत हो गई। सोमवार सुबह जब एक ही घर से 4 अर्थियां एक साथ उठी, तो हर किसी की आंखें नम हो गई। 

हरदा (मध्य प्रदेश). देश में नवरात्रि पर्व की धूम है, हर कोई पूजा-पाठ कर देवी मां से अपने परिवार की खुशियों की मन्नत कर रहा है। इसी बीच मध्य प्रदेश के हरदा जिले से एक दिल को झकझोर देने वाली खबर सामने आई है। जहां एक ही घर से चार लोगों की अर्थियां उठीं। जब लोगों ने इन अर्थियों पर पति-पत्नी और उनके दो मासूम बच्चों के शव देखे तो कलेजा फट गया। वह रोककर भी अपने आंसू नहीं रोप पाए। बता दें कि एक दिन पहले हरदा का शुक्ला परिवार सागर के पास सड़क दुर्घटना का शिकार हो गया था। जिसमें चार लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी। सोमवार दोपहर सभी का एक साथ अंतिम संस्कार किया गया।

टक्कर इतनी भयानक थी कि कार पिचक गई और परिवार उसमें फंस गया
दरअसल, अंदर से हिलाकर रख देने वाली ये घटना हरदा शहर की है। जहां कल तक यहां शुक्ला परिवार हंसी-खुशी रह रहा था। वह रविवार सुबह खुशी-खुशी अष्टमी पूजन के लिए उन्नाव में अपने पैतृक गांव के लिए दो कारों से निकले थे। लेकिन उनकी एक कार का सागर-राहतगढ़ स्टेट हाईवे पर एक्सीडेंट हो गया। साइड से आ रहे एक ट्रक ने तेज रफ्तार में कार को टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भयानक थी कि गाड़ी पिचक गई और परिवार उसके अंदर ही बुरी तरह फंसकर रह गया। जिसमें शुक्ला दंपती सहित उनकी दोनों मासूम बेटियां की दर्दनाक मौत हो गई। जबकि एक युवक गंभीर रुप से घायल हो गया था। 

पैतृक गांव जा रहे सभी लोग काफी खुश थे, लेकिन अगले पल थम गईं सांसे
जिन चार लोगों की इस भयानक हादसे में मौत हुई है। उनके नाम मोहित शुक्ला (40),पत्नी दक्षा शुक्ला (35) और 2 बेटियों मान्या (8) और लावण्या (14) की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि मोहित के चाचा पंकज शुक्ला (55) घायल हो गए हैं। उनका इलाज सागर के निजी अस्पताल में चल रहा है। पैतृक गांव जा रहे सभी लोग काफी खुश थे, क्योंकि वह काफी दिनों बाद अपने गांव जा रहे थे। लेकिन उन्हें क्या पता था कि वह पहुंचने से पहले ही इस दुनिया को छोड़ जांएगे।

चार अर्थियां एक साथ देख हर किसी की आंखें हो गईं नम
बता दें कि सोमवार सुबह जैसे ही शुक्ला परिवार के घर से पति-पत्नी और दो बच्चों के शव की अंतिम यात्रा निकली तो पूरे शहर में शोक की लहर दौड़ गई। परिवार के आसपास रहने वाले लोगों ने अपनी दुकानें बंद रखीं। चार अर्थियां एक साथ उठी, तो यहां हर किसी की आंखें नम हो गई। वहीं पति-पत्नी को अलग अलग और मासूम बच्चियों का एक ही चिता पर अंतिम संस्कार किया गया।

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