सार

 एमपी में बारिश के लिए मेंढक और मेंढकी की शादी का टोटका भी काफी प्रचलित है, जिसके बारे में आपने सुना भी होगा। लेकिन अब इनके तलाक की खबरें भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहीं हैं। 

भोपाल (मध्य प्रदेश). करीब दो महीने पहले एमपी के हजारों लोगों ने राज्य में अच्छी बारिश होने के लिए भगवान से दुआ मांगी थी और तरह-तरह के टोने- टोटके भी किए थे। ताकि इस सीजन में जोरदार बारिश हो सके। कुछ लोगों ने इसके लिए भजन-कीर्तन तो कईयों ने रामायण पाठ भी करवाए। वहीं एमपी में बारिश के लिए मेंढक और मेंढकी की शादी का टोटका भी काफी प्रचलित है, जिसके बारे में आपने सुना भी होगा। लेकिन अब इनके तलाक की खबरें भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहीं हैं। 

जिन लोगों ने करवाई शादी, अब वही करवा रहे हैं तलाक
दरअसल एमपी के कुछ जिलों के लोगों का ऐसा मानना है कि जब बारिश ना हो और सूखा जैसे हालत बन जाएं तो मेंढक-मेंढकी की शादी करवा दो जिससे बारिश होने लगती है। कुछ इलाकों में ऐसा किया भी गया। बकायदा दोनों की शादी करवाई गई और कई जगह तो भोज भी दिया गया। लेकिन पिछले 10 दिन से जारी मूसलाधार बारिश और बाढ़ की वजह से लोगों का जब जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया तो अब वही लोग मेंढक-मेंढकी का तलाक करा रहे हैं। ताकि किसी तरह उनका यह टोटका सफल हो और बारिश रुक जाए। लोग मंदिरों में मंत्रोच्चारण और विधि-विधान से दोनों का तलाक करा रहे हैं।

बारिश अब ला रही तबाही
मूसलाधार बारिश की वजह से मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों के लिए प्रदेश के करीब 15 जिलों में रेड अलर्ट और 19 जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी कर दिया है। प्रदेश की सभी नदी और नर्मदा अपने खतरे के निशान 5 से 6 फिट ऊपर बह रही हैं। बारिश ने इस तरह तबाही मचाई हुई है कि लोगों के घर में पानी भरने लगा है। आलम यह है कि सड़कें पूरी तरह से डूब चुकी हैं। गांवों का शहरों से संपर्क टूट गया है। 

इस साल कई बार खोले जा रहे हैं सभी डैमों के गट
बारिश के कारण जबलपुर के बरगी बांध पानी से लबालब हो गया है। एक दिन पहले ही बांध के 21 गेट खोल दिए गए हैं। वहीं भोपाल के भदभदा डैम और कलियासोत डैम को भी एक बार खोलना पड़ा है। साथ ही रायसेन के बारना डैम के सभी गेटों के साथ होशंगाबाद के तवा के 9 गेट खोले गए। प्रदेश में कई जगह खतरे के निशान से ऊपर बह रही है नर्मदा नदी। यहां आसपास रहने वाले लोगों को भी चेतावनी दे दी गई है। इस सीजन में पहली बार इंदिरा सागर और ओंकारेश्वर बांध के गेट खोलकर पानी छोड़ा जा रहा है