सार
मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा कोरोना से प्रभावित इंदौर शहर हुआ है। हालांकि अब वहां भी महामारी पर नियंत्रण होते हुए दिख रहा है। लेकिन कोरोना से हो रही मौतों के मामले में स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों में हो रही हेराफेरी सामने आई है।
इंदौर. मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा कोरोना से प्रभावित इंदौर शहर हुआ है। हालांकि अब वहां भी महामारी पर नियंत्रण होते हुए दिख रहा है। लेकिन कोरोना से हो रही मौतों के मामले में स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों में हो रही हेराफेरी सामने आई है। जहां प्रशासन दो महीने पहले हुई मौतों को अब जाकर धीरे-धीरे बता रहा है।
97 में से 34 मौतें पिछले माह की बताईं
दरअसल, स्वास्थ्य विभाग ने अप्रैल-मई में हुई मौतों को पहले तो छिपाया गया और अब जाकर इनको धीरे-धीरे खपा रहा है। एक अखबार की रिपोर्ट के मताबिक, जून महीने में बताई 97 में से 34 मौतें तो पिछले महीने की बताई जा रही हैं।
एक महीने तक छिपाकर रखा
दैनिक भास्कर में छपी खबर के अनुसार, इंदौर के दशहरा मैदान क्षेत्र के एक 56 वर्षीय पुरुष की 17 मई को कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। जहां उसको इसी दिन शहर के अरबिंदो अस्पताल में भर्ती किया गया था। 22 मई को मरीज की मौत हो गई थी। लेकिन स्वास्थ्य विभाग उसकी मौत 16 जून को बताई।
2 माह बाद बताई मौत
इसी तरह इंदौर पुलिस लाइन निवासी 67 साल के मरीज के साथ भी ऐसा ही हुआ। जहां युवक की रिपोर्ट 28 अप्रैल को पॉजिटिव आई थी और 3 दिन बाद उसकी मौत भी हो गई थी। लेकिन विभाग ने उसकी मौत 3 जून को बताई। ऐसे कई मामले हैं जिनको प्रशासन अब जाकर बता रहा है।
कोरोना से होने वाली मौत की सूची गायब है नाम
इतना ही नहीं गुरुकृपा कॉलोनी निवासी 63 वर्षीय महिला की मौत दो महीने पहले कोरोना से मौत हुई थी। अस्पताल ने स्वास्थ्य विभाग को इसकी सूचना भी दे दी थी, लेकिन इस मौत को अब तक कोरोना से होने वाली मृत्यु वाली सूची में शामिल नहीं किया है। पता नहीं ऐसे कितने लोग होंगे जिनको इस लिस्ट में नहीं जोड़ा गया होगा।
किसी पर नहीं होगी कोई कार्रवाई
वहीं इस मामले में इंदौर के सीएमएचओ डॉ. प्रवीण जाड़िया का कहना है कि कई अस्पतालों ने मौतों के आंकड़ों के बारे में देर से बताया। जब स्वास्थ्य विभाग ने बाद में पड़ताल की, तो सच्चाई सामने आई। हालांकि, उन्होंने किसी पर कार्रवाई से मना कर दिया है।