- रेलवे के विकास से देश में पर्यटन की संभावनाएं भी मजबूत होती हैं। पिछले दिनों रामायण सर्किट ट्रेन की शुरुआत हुई, अगले कुछ दिनों में कुछ और भी रामायण सर्किट ट्रेनें चलाई जाएंगी।
- बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर भारत की आकांक्षा ही नहीं, बल्कि आवश्यकता भी है। इसलिए हमारी सरकार रेलवे समेत इन्फ्रास्ट्रक्चर के हजारों प्रोजेक्ट पर अभूतपूर्व निवेश कर रही है।
- रेलवे का लाभ आम यात्रियों, विद्यार्थियों, व्यापारियों सहित विभिन्न वर्गों को तो मिलता ही है, लेकिन अब रेलवे की समयबद्धता के चलते किसानों के उपज भी दूर तक भेजे जा रहे हैं, जिसका सीधा लाभ छोटे किसानों को ही मिल रहा है।
- हमारे देश के मध्यम वर्ग और करदाताओं को सभी सुविधाएं रेलवे देगा, जिसका वह हकदार है। देश के 175 से अधिक रेलवे स्टेशनों का कायाकल्प हो जा रहा है। रेलवे सुनिश्चित कर रहा है कि किसी भी विकास कार्य में कोई देरी न हो, बाधा न आए।
- देश ने कुछ दिनों पूर्व गुजरात के गांधीनगर रेलवे स्टेशन का नया आधुनिक रूप देखा था। आज रानी कमलापति रेलवे स्टेशन देश को मिला है, जो आईएसओ से प्रमाणित है। यहां वह सुविधा मिल रही है, जो कभी सिर्फ एयरपोर्ट पर ही मिला करती थी।
- Home
- States
- Madhya Pradesh
- PM Modi Bhopal Visit: मोदी ने रानी कमलापति रेलवे स्टेशन का लोकार्पण किया, कहा- रेलवे ने छवि बदली
PM Modi Bhopal Visit: मोदी ने रानी कमलापति रेलवे स्टेशन का लोकार्पण किया, कहा- रेलवे ने छवि बदली
भोपाल : PM नरेंद्र मोदी (Narendra Modi)ने सोमवार को वर्ल्ड क्लास रेलवे स्टेशन रानी कमलापति रेलवे स्टेशन (Rani Kamalapati) का लोकार्पण किया। इसी के साथ ही इंदौर (Indore) से उज्जैन (Ujjain) आने-जाने वाले यात्रियों के लिए प्रधानमंत्री ने बड़ी सौगात दी है। उन्होंने उज्जैन-इंदौर और इंदौर-उज्जैन के बीच मेमू ट्रैन का लोकार्पण किया। यह ट्रेन शुरू होने से रेल यात्रियों को बड़ी राहत मिलेगी। पीएम ने भोपाल-बरखेड़ा की तीसरी रेल लाइन शाहिद अन्य गांव का भी लोकार्पण किया। इस दौरान अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि आज के दिन को भोपाल, मध्यप्रदेश और देश के लिए अहम बताया। एक समय था जब लोगों ने रेलवे की सुविधाओं में सुधार की उम्मीद छोड़ दी थी, लेकिन हम उन उम्मीदों को पूरा करने का काम कर रहे हैं।
- FB
- TW
- Linkdin
मोदी ने कहा कि भारतीय रेल सिर्फ दूरियों को कनेक्ट करने का माध्यम नहीं है, बल्कि ये देश की संस्कृति, देश के पर्यटन और तीर्थाटन को कनेक्ट करने का भी अहम माध्यम बन रही है। आजादी के इतने दशकों बाद पहली बार भारतीय रेल के इस सामर्थ्य को इतने बड़े स्तर पर explore किया जा रहा है। मोदी ने कहा कि पहले रेलवे को टूरिज्म के लिए अगर उपयोग किया भी गया तो उसको एक प्रीमियम क्लब तक ही सीमित रखा गया। पहली बार सामान्य मानवीय को उचित राशि पर पर्यटन और तीर्थाटन का दिव्य अनुभव दिया जा रहा है। रामायण सर्किट ट्रेन ऐसा ही एक अभिनव प्रयास है।
- आज यहां जिन रेल लाइनों के दोहरीकरण और विद्युतीकरण का लोकार्पण हुआ है, उससे रेल के परिचालन में ज्यादा सुगमता आएगी। महाकाल की नगरी और स्वच्छता में शीर्ष इंदौर शहर के बीच में चलने से लोगों को बड़ी सुविधा मिलेगी।
- आज का दिन भोपाल ही नहीं, वल्कि मध्य प्रदेश और देश के लिए महत्त्व का दिन है। यह हमारे अतीत और भविष्य के संगम का दिन है। गिन्नौरगढ़ की रानी कमलापति का नाम जुड़ने से इस रेलवे स्टेशन का महत्व और भी बढ़ गया है।
- मोदी ने भोपाल को विश्वस्तरीय रेलवे स्टेशन दिया और इसका नाम गोंड रानी कमलापति जी के नाम पर किया। इसके लिए मैं पूरे मध्यप्रदेश की तरफ से आपका हृदय से धन्यवाद करता हूं। एक जमाना था, जब रेलवे के इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को भी ड्रॉइंग बोर्ड से ज़मीन पर उतरने में ही सालों-साल लग जाते थे। लेकिन आज भारतीय रेलवे में भी जितनी अधीरता नए प्रोजेक्ट्स की प्लानिंग की है, उतना ही गंभीरता उनको समय पर पूरा करने की है।
- मोदी ने कहा- आज का भारत, आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण के लिए रिकॉर्ड Investment तो कर ही रहा है, ये भी सुनिश्चित कर रहा है कि प्रोजेक्ट्स में देरी ना हो, किसी तरह की बाधा ना आए।
- भारत कैसे बदल रहा है, सपने कैसे सच हो सकते हैं, ये देखना हो तो आज इसका एक उत्तम उदाहरण भारतीय रेलवे भी बन रही है। भोपाल के इस ऐतिहासिक रेलवे स्टेशन का सिर्फ कायाकल्प ही नहीं हुआ है, बल्कि गिन्नौरगढ़ की रानी, कमलापति जी का इससे नाम जुड़ने से इसका महत्व भी और बढ़ गया है। गोंडवाना के गौरव से आज भारतीय रेल का गौरव भी जुड़ गया है।
मोदी ने कहा कि आज का भारत, आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण के लिए रिकॉर्ड Investment तो कर ही रहा है, ये भी सुनिश्चित कर रहा है कि प्रोजेक्ट्स में देरी ना हो। हाल में शुरू हुआ पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान इसी संकल्प की सिद्धि में देश की मदद करेगा। जो सुविधाएं कभी एयरपोर्ट में मिला करती थीं, वो आज रेलवे स्टेशन में मिल रही हैं। भारत कैसे बदल रहा है, सपने कैसे सच हो सकते हैं, ये देखना हो तो आज इसका उत्तम उदाहरण भारतीय रेलवे भी बन रहा है।
इस रेलवे स्टेशन में मध्य प्रदेश के पर्यटन और दर्शनीय स्थल- भोजपुर मंदिर, सांची स्तूप और भीमबैठका के चित्र प्रदर्शित किए जा रहे हैं। स्टेशन के मेन गेट के अंदर दोनों ओर की दीवारों पर भील, पिथोरा पेंटिंग्स भी होंगे। जनजातीय शिल्पकला पेपरमेशी से बनाए गए जनजातीय मुखौटे को मुख्य गेट के सामने की वॉल पर लगाया गया है। फर्स्ट फ्लोर पर टूरिस्ट इंफॉर्मेशन लाउंज में एक बड़ी LED स्क्रीन इंस्टॉल की गई है, जिससे यात्रियों और पर्यटकों को प्रदेश के पर्यटन स्थलों की संपूर्ण जानकारी मिल सकेंगी।
पीएम ने कहा- आज भारतीय रेल का भविष्य कितना आधुनिक है, कितना उज्जवल है। इसका प्रतिबिंब भोपाल के इस भव्य रेलवे स्टेशन में जो भी आएगा, उसे दिखाई देगा। भोपाल के इस ऐतिहासिक रेलवे स्टेशन का सिर्फ कायाकल्प नहीं हुआ है, बल्कि गिन्नौरगढ़ की रानी का नाम जुड़ने से इसका महत्व और बढ़ गया है। 6 साल पहले तक जिसका भी पाला भारतीय रेल से पड़ता था, वो भारतीय रेल को ही कोसते हुए ज्यादा नजर आता था। लोग चेन लेकर बैग में ताला लगाते थे। दुर्घटना का भी डर रहता था।
मोदी ने कहा कि भारत कैसे बदल रहा है, कैसे सपने सच हो रहे हैं, ये देखना हो तो भारतीय रेल को देखकर अंदाजा लगा सकते हैं। पहले मन में रेलवे की निगेटिव छवि रहती थी। लोगों ने बदलाव की उम्मीदें तक छोड़ दी थीं। लेकिन, संकल्पों की सिद्धि से सुधार आया। पहले भीड़भाड़, गंदगी, घंटों की टेंशन, बैठने और खाने की असुविधा, सुरक्षा की चिंता रहती थी। अब रानी कमलापति रेलवे स्टेशन के रूप में देश का पहला आईएसओ सर्टिफाई, पहला पीपीपी आधारित रेलवे स्टेशन बन गया है। जो सुविधाएं पहले एयरपोर्ट पर मिलती थीं, अब स्टेशन पर मिल रही हैं।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रानी कमलापति रेलवे स्टेशन को देश का सर्वश्रेष्ठ स्टेशन बताया। उन्होंने ये भी कहा कि स्टेशनों में स्टेशन, रानी कमलापति स्टेशन। कहा- भोपाल मेट्रो को रानी कमलापति स्टेशन से इंटीग्रेट किया जाएगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने रानी कमलापति रेलवे स्टेशन का लोकार्पण कर दिया। उन्होंने हरी झंडी दिखाकर स्टेशन का उदघाटन किया। ये वर्ल्ड क्लास फैसिलिटी वाला पहला प्राइवेट स्टेशन बन गया है।
रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ने मोदी को रानी की प्रतिमा और शॉल भेंट करके स्वागत किया।
इससे पहले होशंगाबाद रोड पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की झलक पाने को लोग खासी मशक्कत करते देखे जा रहे थे। पीएम का काफिला कुछ देर होशंगाबाद रोड पर रुका और रानी कमलापति स्टेशन की धीरे-धीरे चलने लगा। बाद में रानी कमलापति रेलवे स्टेशन पहुंचा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रानी कमलापति रेलवे स्टेशन पहुंच गए हैं। वे परिसर का अवलोकन कर रहे हैं। थोड़ी देर बाद मोदी इस स्टेशन का उद्घाटन करेंगे। इससे पहले जंबूरी मैदान से रानी कमलापति स्टेशन के रास्ते में मोदी का जगह-जगह फूलों की बारिश के साथ स्वागत किया गया।
जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम स्थल पर मुस्लिम महिलाएं भी बहुत बड़ी संख्या में मौजूद हैं। उन्होंने यहां हर हर मोदी-घर घर मोदी के नारे लगाए। इसके अलावा उन्होंने ट्रिपल तलाक कानून के लिए उन्हें शुक्रिया कहा। जंबूरी मैदान कार्यक्रम स्थल से पीएम मोदी का काफिला हेलीपैड के लिए रवाना हो गया।
जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम स्थल पर मुस्लिम महिलाएं भी बहुत बड़ी संख्या में मौजूद हैं। उन्होंने यहां हर हर मोदी-घर घर मोदी के नारे लगाए। इसके अलावा उन्होंने ट्रिपल तलाक कानून के लिए उन्हें शुक्रिया कहा। जंबूरी मैदान कार्यक्रम स्थल से पीएम मोदी का काफिला हेलीपैड के लिए रवाना हो गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भोपाल के जंबूरी मैदान में बीजेपी के वयोवृद्ध नेता, समाजसेवी और पूर्व विधायक लक्ष्मी नारायण गुप्त से मुलाकात की और उनका कुशलक्षेम पूछा। गुप्ता 103 साल के हैं। मोदी ने बीते साल गुप्ता के घर फोन करके उनका हाल-चाल जाना था।
थोड़ी देर में हेलीकॉप्टर से मोदी बीयू कैंपस स्थित हेलीपैड पहुंचेंगे। यहां से मोदी का कारकेड होशंगाबाद रोड से होते हुए रानी कमलापति रेलवे स्टेशन पहुंचेगा। बीयू कैंपस से ओवरब्रिज तक मोदी का जोरदार स्वागत होगा। स्वागत के लिए आधे किलोमीटर में 30 मंच बनाए गए हैं।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गोंडवाना की गौरव रानी कमलापति जी की प्रतिमा भेंट की। रानी कमलापति ने राज्य की रक्षा के लिए मुगल शासकों का बहादुरी से सामना किया था और अंत में अपने सम्मान की रक्षा करते हुए जल समाधि ले ली थी।
मोदी थोड़ी देर बाद रानी कमलापति रेलवे स्टेशन पहुंचेंगे। वे यहां वर्ल्ड क्लास सुविधाओं से लैस स्टेशन का उदघाटन करेंगे। इसके बाद परिसर का अवलोकन करेंगे।
- मोदी ने कहा कि पहले की सरकारों में आदिवासी समाज को आगे बढ़ाने के लिए जरूरी राजनैतिक इच्छाशक्ति नहीं थी। बहुत कम थी। आदिवासी सृजन को बाजार से नहीं जोड़ा गया। हमारी सरकार ने जंगल को लेकर भी संवेदनशील कदम उठाए। राज्य में 20 लाख जमीन के पट्टे देकर जनजातीय भाइयों की चिंता दूर की। आदिवासी और शिक्षा पर भी बल दे रही है।
- आज मुझे यहां 50 एकल्वय मॉडल चलाने का अवसर मिला। हमारा लक्ष्य देश में ऐसे लगभग 750 स्कूल खोलने का है। 7 साल पहले हर छात्र पर सरकार करीब 40 हजार खर्च करती थी, जो आज बढ़कर एक लाख से अधिक हो चुका है। इससे जनजातीय छात्र-छात्राओं को अधिक सुविधा मिल रही है। केंद्र सरकार हर साल स्कॉलरशिप भी दे रही है। उच्च शिक्षा और रिसर्च से जोड़ने के लिए भी अभूतपूर्व काम किया जा रहा है।
- जनजातीय समाज के बच्चों को एक बहुत बढ़ी दिक्कत भाषा की भी होती थी, नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में स्थानीय भाषा में होगी। इसका लाभ हमारे बच्चों को मिलना तय है।
- जनजातीय समाज के आत्मविश्वास के लिए, अधिकार के लिए हम दिन-रात मेहनत करेंगे। हम इस संकल्प को फिर दोहरा रहे हैं कि जैसे हम गांधी जयंती मनाते हैं, सरदार पटेल की जयंती मनाते हैं, वैसे ही भगवान बिरसा मुंडा की जयंती हर साल जनजातीय गौरव दिवस के रूप में पूरे देश में मनाई जाएगी।