सार

यह चौंकाने वाला मामला ग्वालियर जिले का है। जहां 25 साल की सोनिया की जिंदगी उसके पति गुलफाम खां और उसके ससुराल वालों ने नर्क से भी बदत्तर बना दी। उसकी उम्र महज 25 साल है, लेकिन चेहरे से उनकी उम्र दोगुनी लगती है। महिला का हालात इतनी खराब हो चुकी है कि उसे देखकर बच्चे भी डर जाएं।

ग्वालियर (मध्य प्रदेश), महिलाएं आज हर फील्ड में सफलता का परचम लहरा रही हैं, वह पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही हैं। लेकिन अभी कुछ ऐसे लोग हैं जो अपनी बेटियों और पत्नी को घर की चार दीवारी में कैद करके रखना चाहते हैं। मध्य प्रदेश के ग्वालियर से ऐसा ही एक शर्मनाक मामला सामने आया है। जहां एक महिला को उसके पति और ससुरालवालों ने चार साल तक बंधक बनाकर रखा। उस पर जुल्म की इंतहा की सारी हदें पार कर दीं। पीडिता को सिर्फ झाड़ू-पोंछे के लिए कमरे से बाहर निकाला जाता था। फिर उसे बंद कर दिया  जाता, इतना ही नहीं उसे खाने में  रूखा-सूखा दिया जाता। वह करीब 4 साल से एक कमरे में घुट-घुटकर जी रही थी। जिसके चलते उसे टीबी (टयूबर क्यूलेसिस) बीमारी हो गई है। 

हड्डियों का ढांचा बन चुकी थी पीड़िता
दरअसल, यह चौंकाने वाला मामला ग्वालियर जिले के सुनारों की बगिया कटीघाटी का है। जहां 25 साल की सोनिया की जिंदगी उसके पति गुलफाम खां और उसके ससुराल वालों ने नर्क से भी बदत्तर बना दी। उसकी उम्र महज 25 साल है, लेकिन चेहरे से उनकी उम्र दोगुनी लगती है। महिला का हालात इतनी खराब हो चुकी है कि उसे देखकर बच्चे भी डर जाएं। वह सिर्फ हड्डियों का ढांचा बची है। दो दिन पहले जब सोनिया के घर पर कोई नहीं था तो उसकी मां उसे बाहर निकालकर लाई। इसके बाद बहोड़ापुर थाना में जाकर पति की करतूत बताते हुए उसके खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई है।

दहेज में हैवान बन गया पति
बता दें कि सोनिया की चार साल पहले 14 जनवरी 2018 को गुलफाम खां के साथ एक सम्मेलन में शादी हुई थी। पीड़ित सोनिया की मां ने अपनी गुंजाइश ना होने के बाद भी दामाद को तोहफे में एक बाइक दी थी। आरोपी पहले एक किराने की दुकान पर काम करता था। लेकिन बाद में उसने काम छोड़ दिया। इस दौरान पति ने दहेज में मिली बाइक को बेच दी। इसके बाद वह पीड़िता से दूसरी गाड़ी दिलाने की मांग करने लगा। जब सोनिया ने इसका विरोध किया तो वह उसके साथ मारपीट करने लगा। 

दो बच्चों को जन्म दिया..फिर भी सहे जुल्म
आरोपी दहेज की मांग करते हुए पत्नी को आए दिन पीटता था, फिर उसे कमरे में बंधक बनाकर रखा जाने लगा। उसे घर की नौकरानी की तरह रखने जाने लगा। पूरा काम करने के बाद भी उसे खाने में रुखी सूखी दो से चार रोटी मिलती थीं। आरोपी सुबह अपने बाहर जाने से पहले बंद कर देता और शाम को लौटने के बाद कमरा खोलता था। पीड़िता पर 4 साल से इसी तरह जुल्मों का सिलसिला चल रहा था। इस बीच उसे   2 बच्चे बेटी महक (3 ) और बेटा अरशद (2) का जन्म हुआ। लेकिन पीड़िता के जीवन में कोई भी बदलाव नहीं आया।

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