सार

मृतक ने मरने से पहले एक पेज का सुसाइड नोट भी लिखा है। जिसमें लिखा है कि वह अपने भतीजे के पास जा रहा है। वो उसका इंतजार कर रहा है, मैं क्या करूं वह बुला रहा है, इसलिए जा रहा हूं। मुझे भी उसकी बहुत याद आती है, यहां उसके बिना अकेला नहीं रह सकता हूं।


इंदौर (मध्य प्रदेश). चाचा-भतीजे का रिश्ता परिवार में सबसे अलग और अनोखा होता है। जहां वह एक दूसरे की खुशी के लिए कुछ भी करने को तैयार रहते हैं। लेकिन इंदौर से एक ऐसा दुखद मामला सामने आया है, जिसने हर किसी को दुखी कर दिया। यहां तीन दिन पहले 11 महीने के बच्ची की बीमारी के चलते मौत हो गई थी। उसके जाने से चाचा इतना दुखी हुआ कि उसने फांसी लगाकर जान दे दी। साथ ही मरने से पहले एक इमोशनल सुसाइड नोट भी लिखा है।

भतीजे की मौत के बाद सब खत्म हो गया
दरअसल, यह  दुखद घटना इंदौर के लसूडिया क्षेत्र की है। जहां के रहने वाले युवक रोहित ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। वह अपने 11 महीने के भतीजे वंश की तीन दिन पहले ही मौत बेहद दुखी था। बच्चे के जाने के बाद से वो गुमसुम रहने लगा। ना तो किसी से बात करता और ना ही किसी के पास जाता। रोहित अपने भतीजे से बेहद प्यार करता था, उसके साथ अक्सर समय बिताता था। इसलिए वह अब उसके बिना जिंदा नहीं रह सका।

भावुक पत्र पढ़ हर आंख हुई नम
मृतक ने मरने से पहले एक पेज का सुसाइड नोट भी लिखा है। जिसमें लिखा है कि वह अपने भतीजे के पास जा रहा है। वो उसका इंतजार कर रहा है, मैं क्या करूं वह बुला रहा है, इसलिए जा रहा हूं। मुझे भी उसकी बहुत याद आती है, यहां उसके बिना अकेला नहीं रह सकता हूं।

बच्चे के खिलौने को देख लगा ली फांसी
पुलिस अधिकारी देवेंद्र मरकाम ने बताया कि गया प्रसाद का छोट बेटा रोहित यहां अपने भाई-भाभी के साथ रहा करता था। उसकी अभी शादी नहीं हुई थी। बच्ची की अंत्येष्ठि में गांव गया हुआ था। वहां से अकेला ही लौट आया था। रात में भतीजे के खिलौने के देखकर उसे याद कर रहा था। इसी दौरान वह इतना भावक हो गया कि उसने साड़ी का फंदा बनाकर फांसी लगा ली। जिस वक्त उसने यह कदम उठाया उस समय घर कोई नहीं था। सभी लोग गांव गए हुए थे।