सार
किसानों के मुद्दे पर पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने प्रदेश की कमलनाथ सरकार पर हमला बोला है। वहीं, कांग्रेस ने भी बीजेपी के आरोपों पर पलटवार करते हुए केंद्र सरकार पर पैसा न देने का आरोप लगाया है।
इंदौर. मध्यप्रदेश में मॉनसून की भारी बारिश और बाढ़ के कहर का सामना करने वाले किसानों के मुद्दों पर पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सूबे की कमलनाथ सरकार पर सोमवार को निशाना साधा। महाजन ने आरोप लगाया कि यह सरकार किसानों के दु:ख-दर्द के प्रति असंवेदनशील है। महाजन ने यहां जिलाधिकारी कार्यालय के सामने भाजपा के विरोध प्रदर्शन में कहा, "प्रदेश में कांग्रेस को सत्ता मिली है, तो वह जनता के हित में काम भी करे। भारी बारिश और बाढ़ से सोयाबीन तथा अन्य फसलें बर्बाद हो गयीं। लेकिन प्रदेश सरकार के नुमाइंदे किसानों के दु:ख-दर्द की सुध लेने नहीं पहुंचे।"
वादा पूरा करने में नाकाम सरकार
उन्होंने आरोप लगाया कि कमलनाथ सरकार किसानों का दो लाख रुपये तक का कर्ज माफ करने से जुड़ा कांग्रेस का अहम चुनावी वादा निभाने में भी नाकाम रही है। यह वादा वरिष्ठ कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सूबे के नवंबर 2018 के पिछले विधानसभा चुनावों के दौरान किया था। प्रदर्शन के दौरान भाजपा नेताओं ने यह आरोप भी लगाया कि कमलनाथ सरकार के राज में गरीबों को बिजली के भारी-भरकम बिल थमाये जा रहे हैं। उन्होंने विरोध जताते हुए बिजली बिलों की प्रतीकात्मक होली भी जलायी।
कांग्रेस का पलटवार, केंद्र सरकार नहीं दे रही पैसा
उधर, कांग्रेस ने पलटवार करते हुए भाजपा नीत केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। इंदौर संभाग के आयुक्त (राजस्व) कार्यालय के सामने प्रदर्शन के दौरान स्थानीय कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि भारी बारिश और बाढ़ से परेशान किसानों को केंद्र के खजाने से राहत की रकम पहुंचाने में मध्यप्रदेश के साथ भेदभाव किया जा रहा है। कांग्रेस नेताओं ने राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन भी भेजा जिसमें कहा गया है कि सूबे में अतिवृष्टि और बाढ़ से भारी नुकसान के मद्देनजर कमलनाथ सरकार ने केंद्र से 6,621.28 करोड़ रुपये की राहत राशि मांगी है। लेकिन अब तक यह राशि प्रदान नहीं की गयी है।
(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)