सार

चुनाव आयोग ने अपनी तरफ से तैयार है, वह सरकार से पूछा है कि क्या वह तैयार है। सरकार का जवाब मिलते ही मतदान की तारीख की घोषणा कर दी जाएगी।  जिसकी तारीखों का ऐलान इसी महीने 25 दिसंबर के बाद आयोग कर सकता है।

भोपाल. मध्य प्रदेश में लंबे समय से अटके नगरीय निकाय चुनाव को लेकर अब खबरें तेज हो गईं हैं। इसके लिए राज्य राज्य निर्वाचन आयोग ने पूरा कार्यक्रम तैयार कर लिया है। बताया जा रहै है कि चुनाव की वोटिंग 344 निकायों में होने वाली वोटिंग 2 चरणों में होगी। जिसकी तारीखों का ऐलान इसी महीने 25 दिसंबर के बाद आयोग कर सकता है।

सरकार के जवाब का है इंतजार
बताया जा रहा है कि चुनाव आयोग ने अपनी तरफ से तैयार है, वह सरकार से पूछा है कि क्या वह तैयार है। सरकार का जवाब मिलते ही मतदान की तारीख की घोषणा कर दी जाएगी। हालांकि यह भी खबरें सामने आ रही हैं कि जनवरी में शुरु होने जा रहे विधानसभा के शीतकालीन सत्र को ध्यान में रखते हुए पहले सप्ताह तक इसे टाला जा सकता है।

पहली बार आया ऐसा नया नियम
राज्य चुनाव आयोग ने इस बार नगर निकाय चुनाव के लिए पहली बार ऐसा नया नियम तैयार किया है, जिसके तहत पार्षद प्रत्याशी तय की गई चुनावी खर्च सीमा में खर्च कर सकेंगे। इतना ही नहीं चुनाव से पहले प्रत्याशी अपनी खर्ची की सारी जानकारी भी आयोग की बातानी होगी। इसके अलावा आयोग ने आबादी के हिसाब से अलग-अलग सीमा तय की है। जहां महानगर में पार्षद कैंडिडेट 8 लाख 75 हजार रुपए, नगर पंचायत चुनाव में इस खर्च की लिमिट 75 हजार रुपए रखी गई है। अगर इसके बावजूद भी कोई कैंडिडेट खर्चे की गलत जानकारी देता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई के अलावा उसे अयोग्य भी किया जाएगा।

इस बार कैंडिडेट के लिए यह नए नियम
बता दें कि मध्य प्रदेश के नगर निकाय के चुनाव में इस बार बहुत सी चीजें नई होंगी। जैसे कैंडिडेट को चुनावों में खर्च की गए रुपए का सोर्स बताना होगा। वह कितने सोशल मीडिया प्लेटफार्म यूज करता है, इन पर कैसे प्रचार प्रसार करेगा, इनका खर्च, उसके कितने एजेंट बनाकर रखे हैं, प्रत्याशी को पार्टियों के अलावा और कहां-कहां से फंड मिला है, गिप्ट और दान में दी गए रुपए या वस्तू, प्रचार में लगने वाली गाड़ियां, के साथ साथ प्रचार में कितने कार्यकर्ता काम कर रहे हैं। यह सारी जानकारी चुनाव आयोग को देनी होगी।

6 नगर निगमों में जारी हो चुकी है मेयर पद की आरक्षण सूची
बता दें कि पहले ही मध्य प्रदेश के 16 नगर निगमों में महापौर पद के आरक्षण की सूची जारी हो चुकी है। जहां आधी सीटों पर महिलाओं के लिए आरक्षित की गई हैं। इंदौर और जबलपुर में मेयर अनारक्षित रहेगा। भोपाल और खंडवा पिछड़े वर्ग की महिला के लिए रखी गई। वहीं मुरैना एससी समुदाय की महिला और सागर, बुरहानपुर, ग्वालियर, देवास और कटनी में महापौर पद सामान्य वर्ग की महिला के लिए आरक्षित किए गए हैं।

 1 जनवरी 2020 वोटर होंगे शामिल
नगर निकाय और पंचायत चुनावों में  1 जनवरी 2020 की मतदाता वोटर लिस्ट में होंगे। जिमसें अभी तक 1 करोड़ 51 लाख 89 हजार 400 वोटर्स के नाम हैं। बता दें कि देश में 407 में से 344 निकायों में चुनाव होगा। इसमें 16 नगर निगम, 75 नगर पालिका और 253 नगर परिषद शामिल हैं।

निकाय के बाद पंचायत चुनाव की तैयारी
बताया जा रहा है कि चुनाव आयोग निकाय के चुनावों का परिणाम 30 जनवरी घोषित करने की योजना बना रहा है। जिससे इसके बाद पंचायत के चुनाव फरवरी से अप्रैल के बीच में हो सकें। हालांकि इसकी तैयारी आयोग ने अभी शुरू से कर दी है।