सार
ओबीसी आरक्षण को लेकर चुनाव रद्द होने के फैसले पर खुशी मनाने वाले गौतम ने कहा कि मुख्यमंत्री और चुनाव आयोग का यह निर्णय अच्छा है। निर्णय जनहित में है। सभी प्रत्याशियों को खुशी मनाना चाहिए। चुनावी तैयारी में पैसा तो खर्च हुआ, लेकिन पैसा तो आता-जाता रहता है। इसी बहाने लोगों से मिलने का उनके बीच जाने का मौका मिला।
सतना. मध्य प्रदेश चुनाव आयोग ने बड़ा फैसला लेते हुए आगामी पंचायत चुनाव (MP Panchayat Election) को रद्द कर दिया है। वहीं चुनाव निरस्त होने के बाद एक तरफ जहां नामांकन पर्चे दाखिल कर चुके प्रत्याशी चुनाव खर्च का मुआवजा मांग रहे हैं। तो वहीं दूसरी तरफ कुछ लोग इस फैसले को लेकर खुशी जता रहे हैं। सतना जिले की पचली पंचायत में सरपंच पद के उम्मीदवार इलेक्शन कैंसिल होने से बेहद खुश हैं। इस खुशी में उन्होंने बैंड-बाडा बजवाकर बारात निकाली।
गांव में कंबल तक बांट चुके थे प्रत्याशी
दरअसल, सतना जिले के बिरसिंहपुर तहसील की पचली कला पंचायत से कृष्ण प्रकाश गौतम नाम के शख्स सरपंच पद के लिए चुनाव लड़े थे। हालांकि उनके अलावा 5 और अन्य कैंडिडेट ने नामांकन दाखिल किया था। पचली कला पंचायत में सरपंच पद अनारक्षित था। सभी प्रत्याशी प्रचार की सामग्री छपवा चुके थे। इतना ही नहीं कुछ तो ग्रामीणों को कंबल भी बांट चुके थे। इन उम्मीदवारों को चुनाव आयोग का फैसला निराश करने वाला लगा। लेकिन कृष्ण प्रकाश गौतम खुशी जता रहे हैं।
सरपंच उम्मीदवार ने ऐसे बयां की खुशी
ओबीसी आरक्षण को लेकर चुनाव रद्द होने के फैसले पर खुशी मनाने वाले गौतम ने कहा कि मुख्यमंत्री और चुनाव आयोग का यह निर्णय अच्छा है। निर्णय जनहित में है। सभी प्रत्याशियों को खुशी मनाना चाहिए। चुनावी तैयारी में पैसा तो खर्च हुआ, लेकिन पैसा तो आता-जाता रहता है। इसी बहाने लोगों से मिलने का उनके बीच जाने का मौका मिला। कृष्ण ने कहा कि अगर सीट फिर अनारक्षित रही, तो वे फिर से चुनाव लड़ेंगे।
दिल्ली से आए थे चुनाव लड़ने
बता दें कि सरपंच पद के प्रत्याशी रहे कृष्ण प्रकाश गौतम ने फिलली बार साल 2014 में भी सरपंच पद के लिए चुनाव लड़ा था। हालांकि वह हार गए थे, उन्हें करीब 80 वोट मिले थे। इसके बाद भी उन्होंने पंचायत क्षेत्र में बैंड-बाजे के साथ जुलूस निकाला था। ग्रामीणों ने बताया कि गौतम दिल्ली में रहकर पूजा-पाठ करते हैं। चुनाव के समय ही गांव आते हैं। इस बार भी वे पर्चा भरने के समय ही आए थे। वे दिल्ली से अपने साथ बड़ी संख्या में कंबल भी लाए थे। पर्चा भरने से पहले उन्होंने गांव में कंबल बांटे। लोगों का कहना है कि गौतम को चुनाव लड़ने का शौक है।