सार
दिसंबर महीने की सैलरी रोकने के लिए डीएम करमवीर शर्मा ने जिला ट्रेजरी अधिकारी को आदेश पर अमल का निर्देश दिया। साथ ही डीएम ने कहा कि सीएम हेल्पलाइन या समाधान ऑनलाइन के प्रकरण सभी का निराकरण समय सीमा में करें। अगर इसके बाद भी कामों को निपटाने में देरी हुई तो सभी का भी वेतन रोक दिया जाएगा।
जबलपुर (मध्य प्रदेश). समय से काम पूरा न होने या फिर किसी और अन्य वजह से सरकारी कर्मचारियों की सैलरी रोके जाने की खबरें आती रहती हैं। मध्य प्रदेश के जबलपुर से एक अलग ही हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। जहां जिला कलेक्टर की सैलरी रोक दी गई। यह वेतन किसी और नहीं, बल्कि खुद डीएम साहब ने रोकी है। वजह इतनी सी थी उन्होंने समय पर काम को नहीं खत्म किया था। जिससे आम आदमी को परेशानी हुई। इसलिए उन्होंने खुद को दंड देने के लिए अपनी ही सैलरी रोकने का फैसला किया।
डीएम साहब ने इस वजह से रोक दी अपनी सैलरी
दरअसल, जबलपुर कलेक्टर कर्मवीर शर्मा सोमवार को हेल्पलाइन शिकायतों की विभागवार समीक्षा कर रहे थे। इस दौरान 100 से ज्यादा दिनों तक आम आदमी की शिकायतें पेंडिंग होने पर उन्होंने खुद को यह सजा दी है। डीएम साहब ने अपने साथ कलेक्ट्रेट कुछ अन्य अधिकारियों का दिसंबर महीने वेतन रोक दिया है।
सैलरी ना मिले इसलिए ट्रेजरी विभाग को दिया सख्त आदेश
दिसंबर महीने की सैलरी रोकने के लिए डीएम करमवीर शर्मा ने जिला ट्रेजरी अधिकारी को आदेश पर अमल का निर्देश दिया। डीएम ने अधिकारियों को संवेदनशील बनने का निर्देश दिया। साथ ही डीएम ने कहा कि सीएम हेल्पलाइन या समाधान ऑनलाइन के प्रकरण सभी का निराकरण समय सीमा में करें। अगर इसके बाद भी कामों को निपटाने में देरी हुई तो सभी का वेतन रोक दिया जाएगा।
कई तहसीलदारों का रोका इंक्रीमेंट
डीएम कर्मवीर शर्मा ने साफ-सफाई और हेल्पलाइन से संबंधी मामलों पर ध्यान देने के लिए डिप्टी म्युनिसिपल कमिश्नरों की सैलरी रोकने का आदेश दिया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कुछ तहसीलदारों का इंक्रीमेंट भी रोक दिया जाए। क्योंकि इन तहसीलदारों के खिलाफ रेवेन्यू मामलों में लापरवाही बरतने की शिकायत आई है। वहीं कुछ इंजीनियर का इंक्रीमेंट भी रोक दिया गया।