सार

संकट के वक्त उम्मीद की किरण जगाने का काम करने वाले किसान चंपालाल गुर्जर हैं। जो कि मूलरूप से नीमच  जिले की जीरन तहसील के छोटे से गांव ग्वाल देवियां का रहने वाले हैं। उन्होंने महामारी से निपटने के लिए जिले के डीएम मयंक अग्रवाल को 2 लाख रुपए का चेक सौंपा है। (प्रतीकात्मक फोटो)

नीमच (मध्य प्रदेश). कोरोना की दूसरी लहर ने सभी  रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। देश में तेजी से संक्रमण का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। कई राज्य सरकारों की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा चुकी हैं। जहां अस्पतालों में ऑक्सीजन, आईसीयू बेड, वेंटिलेटर और दवाओं से जूझते बहुत से मरीज इस बीमारी से हार रहे हैं। इस मुश्किल घड़ी में कई लोग मानवता का धर्म निभाते हुए जरुरतमंदों की मदद करने के लिए आगे आ रहे हैं। निराशा और बेबसी के इस दौर मध्य प्रदेश नीमच के एक किसान ने मानवता की अनोखी मिसाल पेश की है। जिसने अपनी बेटी की शादी करने के लिए जमा करके रखे दो लाख रुपए कोरोना मरीजों की ऑक्सीजन के लिए दान कर दिए हैं। इलाके के लोग किसान की इस जिंदादिली को सलाम कर रहे हैं।

कोरोना ने बदल दिया किसान का मन
दरअसल, संकट के वक्त उम्मीद की किरण जगाने का काम करने वाले किसान चंपालाल गुर्जर हैं। जो कि मूलरूप से नीमच  जिले की जीरन तहसील के छोटे से गांव ग्वाल देवियां का रहने वाले हैं। उन्होंने महामारी से निपटने के लिए जिले के डीएम मयंक अग्रवाल को 2 लाख रुपए का चेक सौंपा है। साथ ही उन्होंने कहा कि इन पैसों से दो ऑक्सीजन कंसंट्रेटर खरीद लीजिए। जिसमें से एक जिला अस्पताल नीमच को और दूसरा जीरन शासकीय अस्पताल को दे दीजिए। 

बेटी ने कहा-मेरी शादी के  लिए जोड़े रुपयों से कई जान बचेंगी
किसान चंपालाल गुर्जर ने बताया है कि 'हर पिता की तरह मेरे भी अरमान थे कि वह अपनी बेटी अनीता की शादी बड़ी धूमधाम से करूं। लेकिन कोरोना वायरस जिस तरह से लोगों की जिंदगियां लील रहा है, उसे देखते हुए यह संभव नहीं हो सका। इसलिए मैंने यह फैसला लिया कि बेटी की शादी को और ज्यादा यादगार बनाया जा सके। इसलिए उसका सारा पैसा कोरोना मरीजों की जिंदगी बचाने वाली ऑक्सीजन के लिए दान कर दूं'। वहीं बेटी ने कहा कि ''मैं अपने पापा के इस फैसले से बहुत खुश हूं। मेरी शादी के  लिए जोड़े रुपये से मरीजों की जान तो बचेंगी''।

डीएम ने भी किसान को किया सलाम
वहीं किसान के इस नेक काम को देखते हुए खुद डीएम ने उनको सलाम किया। डीएम मयंक अग्रवाल ने कहा कि बढ़ते संक्रमण के दौर में ऑक्सीजन की सख्त आवश्यकता है। यदि सभी लोगों की सोच किसान की तरह हो जाए तो निश्चित ही बड़ी मदद हो सकती है। अब किसान के दिए पैसे से ऑक्सीजन कंसंट्रेटर खरीदे जा रहे हैं।