14 जनवरी को विवाद होने पर युवक को जिंदा जलाया गया था। जहां उसकी इलाज के दौरान बुधवार सुबह दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गई।


भोपाल, मध्यप्रदेश के सागर जिले में पिछले सप्ताह कुछ लोगों द्वारा आग लगाने से गंभीर रूप से घायल हुए 24 वर्षीय दलित युवक की गुरुवार सुबह दिल्ली के एक अस्पताल में मौत हो गई। घटना को लेकर प्रदेश में सत्तारूढ़ कांग्रेस और विपक्षी दल भाजपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है।

युवक की मौत पर राजनीति
इस घटना के बाद भाजपा ने आरोप लगाया था कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार की तुष्टिकरण की नीति के चलते इस मामले में दलित युवक की फरियाद पर समय पर कार्रवाई नहीं की गई। वहीं, कांग्रेस ने भाजपा नेताओं पर संवेदनशील मुद्दे पर राजनीति करने का आरोप लगाया।

युवक को किरोसिन डाल लगा दी थी आग
सागर शहर के मोतीनगर थाना क्षेत्र में रहने वाले धनप्रसाद अहिरवार (24) को उसके पड़ोसियों छुट्टू, अज्जू पठान, कल्लू और इरफान ने 14 जनवरी को केरोसिन डाल कर आग लगा दी थी। आरोपी बच्चों के विवाद में धनप्रसाद द्वारा की गई शिकायत के मामले में उस पर राजीनामा करने का दबाव डाल रहे थे। धनप्रसाद ने घटना के पहले पुलिस को कई बार आरोपियों से जान का खतरा होने की शिकायत की थी। लेकिन पुलिस द्वारा उसकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।

70 प्रतिशत जलने के बाद ले गए थे दिल्ली
आरोपियों द्वारा आग लगाने से 70 प्रतिशत जली हालत में अहिरवार को सागर में प्रारंभिक उपचार के बाद भोपाल रेफर किया गया। इसके बाद उसे इलाज के लिये एयर एम्बुलेंस द्वारा दिल्ली ले जाया गया जहां गुरुवार को उसकी मौत हो गई।अहिरवार की मौत की पुष्टि करते हुए सागर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) अमित सांघी ने ‘पीटीआई भाषा’ को बताया कि एफआईआर में नामजद सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।

सीएम कमलनाथ ने ट्वीट कर जताया दुख
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अहिरवार की मौत पर दुख: व्यक्त करते हुए ट्वीट किया, ‘‘सागर निवासी युवक धनप्रसाद अहिरवार की दिल्ली में इलाज के दौरान मृत्यु का समाचार प्राप्त हुआ। परिवार के प्रति मेरी शोक संवेदनाएं। दुःख की इस घड़ी में परिवार के साथ सरकार खड़ी है। परिवार की हर संभव मदद के निर्देश।’’ वहीं दूसरी ओर विधानसभा में विपक्ष के नेता गोपाल भार्गव ने अहिरवार की मौत के लिये प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया। भार्गव ने कहा, ‘‘मैं भोपाल में पीड़ित और परिवार से मिला। वह मदद मांगने के लिए पुलिस के पास गए थे। यदि पुलिस ने समय पर कार्रवाई की होती तो पीड़ित की जान बचाई जा सकती थी। एक गरीब दलित 
परिवार ने प्रशासन और सरकार की उदासीनता के कारण अपने बेटे को खो दिया।

भाजपान ने सरकार पर लगाए ये आरोप
इस घटना के बाद प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष राकेश सिंह ने कहा था कि अहिरवार तीन बार पुलिस के पास गये थे कि उनकी जान को खतरा था लेकिन उन्हें पुलिस की कोई मदद नहीं मिली। सिंह ने आरोप लगाया कि कांग्रेस की नेतृत्व वाली सरकार की वोट बैंक की राजनीति और तुष्टिकरण की नीति के कारण अहिरवार की आशंकाओं पर पुलिस ने कार्रवाई नहीं की।

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