सार
मध्य प्रदेश के रायसेन जिले से एक ह्दय विदारक घटना सामने आई। जहां एक गोल्ड के कारोबारी ने अपनी पत्नी और दो बेटों को जहर देकर खुद फंदे पर लटक गया। जिसमें पति-पत्नी और एक बेटे की मौत हो गई, वहीं एक छोटा बेटा बच गया।
रायसेन (मध्य प्रदेश). परिवार की खुशी के लिए एक इंसान किसी से भी लड़ जाता है, लेकिन परिस्थितियों के सामने कभी-कभी उसको घुटने टेकना पड़ जाता है। मध्य प्रदेश के रायसेन जिले से एक परिवार की बेबसी की कहानी सामने आई है। यह दर्दनाक कहानी हर किसी को हिलाकर रख देने वाली है। सर्राफा कारोबारी जिंदगी से इतना दुखी हो गया कि उसने पत्नी और बेटे की हत्या कर खुद आत्महत्या कर ली। घटना में सोनी परिवार का छोटा बेटा बच गया, लेकिन उसकी हालत गंभीर है। मृतक ने एक सुसाइड नोट लिखा है।
दादा-दादी के पास सोते थे बच्चे, मारने के लिए अपने पास बुलाया
यह शॉकिंग घटना रायसेन जिले के बाड़ी कस्बे की है।मंगलवार शाम ज्वेलर जितेंद्र सोनी (35) का शव उसके घर में फंदे से लटका मिला। पत्नी रिंकी सोनी (32), बेटा वैष्णव सोनी (12) के शव बिस्तर पर पड़े थे। छोटे बेटे कार्तिक सोनी (10) की धड़कने चल रही थीं। आनन-फानन में उसे भोपाल रेफर किया गया। शुरूआती जांच में सामने आया कि मृतक ने पत्नी-बेटे को मारने के लिए पहले जहर दिया था। इससे भी जब उनकी मौत नहीं हुई तो रस्सी से उनका गला घोंट दिया। इसके बाद खुद जहर खाकर फांसी पर लटक गया। बता दें मृतक के बच्चे अक्सर अपने दादा-दादी के पास सोते थे, लेकिन घटना वाली रात उसने बच्चों को अपने पास बुला लिया।
मैं अकेला चला गया तो मेरे परिवार का क्या होगा...
मृतक जितेंद्र ने सुसाइड नोट लिखा-ं मैं अपने परिवार से बेहद प्यार करता हूं। उनकी खुशी के लिए दिन रात एक कर दिया। लेकिन अब उनको अकेला छोड़कर नहीं जा सकता। अगर अकेला चला गया तो मेरे परिवार का क्या होगा। जमाना बहुत बेकार है, पिछले कुछ दिनों से मेरा व्यपार ठीक नहीं चल रहा था। काफी घाटा उठना पड़ा। इससे बाहर निकलना मुश्किल लग रहा था, इसलिए ना चाहकर भी ऐसा कदम उठाने जा रहा हूं।
सरकार के लिए लिखी अपनी दर्दभरी काहनी
मृतक ने लिखा- मेरे पास 7 एकड़ जमीन है, लेकिन काफी समय से इसका मामला हाईकोर्ट में पेंडिग है। इस पर अभी प्रशासन का अधिकार है। जिसे पाने के लिए मैंने बहुत वक्त लगा दिया, लेकिन वो नहीं मिली। इसमें किसी की गलती नहीं है। किसी को भी परेशान नहीं किया जाए। इन सबका जिम्मेदार मैं खुद हूं। बस मेरी बात सरकार तक पहुंचाने में मदद करें। जमीन मेरे परिवार को मिले, जिससे उनकी स्थिति ठीक हो।