सार
आय से अधिक संपत्ति के मामले में ईओडब्ल्यू जबलपुर ने मंडला जिले में कई जगह छापेमारी की। इस दौरान कई चौंकाने वाले खुलासे हुए। यहां 2 सोसाइटी सगे मैनेजर्स के ठिकानों से आय से लगभग 1100% ज्यादा प्रॉपर्टी मिली है। इसमे एक भाई की महज 9 हजार सैलरी है और उसने लाखों की दौलत बना ली।
जबलपुर (मध्य प्रदेश). आय से अधिक संपत्ति के मामले में आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो द्वारा शनिवार को मध्यप्रदेश के कई जिलों में जबलपुर में छापेमारी की गई। इस दौरान मंडला जिले के 2 सोसाइटी मैनेजर्स के घर पर एजेंसी ने छापमारी की। जहां आय से 1100% ज्यादा संपत्ति मिली। वहीं 11 लाख रुपए कैश और ज्वेलरी भी बरामद की गई। हैरानी की बात यह है कि इसमें से एक की सैलरी तो महज 9 हजार रुपए महीन है।
दोनों सगे भाई...आय इतनी की अधिकारियों के होश उड़े
दरअसल, जबलपुर की EOW ने टीम मंडला जिले में दो भाइयों गणेश जायसवाल और राजू जायसवाल के ठिकानों पर छापमारे की कार्रावई की। एक साथ उनके मकान, गोदाम और दुकानों में रेड डाली। इस ऑपरेशन के इंचार्ज EOW SP जबलपुर देवेंद्र राजपूत ने बताया कि पिछले कुछ दिन से दोनों भाईयों के खिलाफ लगातार शिकायतें मिल रही थीं। रेड के दौरान एक भाई राजू जायसवाल के पास से आय से लगभग 1100% ज्यादा प्रॉपर्टी मिली है। वहीं राजू और उसकी पत्नी के ठिकाने से भी संपत्ति के दस्तावेज बरामद किए गए हैं।
जब लोग सो रहे थे तब हुई छापेमारी
दिलचस्प बात यह है कि टीम के अधिकारियों ने यह छापामारी की कार्रवाई ऐसे समय की जब लोग सो रहे थे। यानि शनिवार तड़के EOW टीम दोनों भाईयों के दरवाजे पर पहुंच गई। जैसे उन्होंने टीम को देखा तो उनके होश उड़ गए। जांच के दौरान पता चला कि दोनों मैनेजर भाइयों ने काली कमाई अपनी पत्नी और बच्चों के नाम करवा रखी थी। हालांकि पत्नी और बच्चों के खिलाफ भी मामला दर्ज कर लिया गया है।
दोनों भाइयों के पास से मिली कई गुना संपत्ति
जांच के दौरान एजेंसी को राजू जायसवाल के ठिकानों से 10 लाख रुपए कैश मिले। तो वहीं इटका, नैनपुर, मंडला में दुकान और एक 5000 स्क्वायर फीट का गोदाम के दस्तावेज भी मिले। वहीं मंडला हाइवे पर भी एक गोदाम की जानकारी मिली है। इसके अलावा वाहनों में 3 पिकअप स्कूटर और बाइक की जानकारी हाथ लगी। साथ ही अलग-अलग जगह पर 5 से 7 प्लॉट भी मिले। इसके आलावा दूसरे भाई गणेश जयसवाल के ठिकानों से 1830 स्क्वायर फीट में मकान और दुकान के साथ गोदाम मिली। साथ कई प्लॉट के दस्तावेज भी मिले। ईओडब्ल्यू अधिकारी दोनों मामलों में प्रकरण दर्ज कर आगे की कार्रवाई में जुट गए हैं।