सार

मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले से अजब प्रेम की गजब कहानी का मामला सामने आया है। यहां समाज विशेष के लड़के को हिंदु लड़की से प्यार हो गया। उससे शादी करने के लिए वह मजहब की दीवार लांघ मंसूरी से कृष्णा बन गया। फिर मंदिर में पहुंच 7 फेरे ले शादी की।

मंदसौर (mandsaur). मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले से हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां प्यार में पड़े मुस्लिम लड़के ने एक हिंदू लड़की से मंदिर में जाकर शादी की। इसके  5 साल बाद अपनी पत्नी की बात मानते हुए महजब की दीवार को लांघते हुए पूरे रीति रिवाज से हिंदू धर्म अपना लिया। हिंदू धर्म अपनाने की सारी विधि गायत्री मंदिर के पंडितों ने पूरी की। सारी विधि पूरी होने के बाद मंसूरी को कृष्णा नाम दिया गया। उसके इस काम की चर्चा पूरे गांव में हो रही है। मामला जिले के नाहरगढ़ क्षेत्र के कचनार गांव का है।

अपने प्यार से शादी करने के लिए बन गया कृष्णा
कचनारा गांव का रहने वाला अफसर के बेटे मंसूरी ने बताया कि वह शूरू से ही वह अपने परिवार से अलग रहता था। इसी दौरान उसकी रुचि सनातन धर्म में बढ़ी। वह मंगलवार का उपवास रखता था और खुद भी हिंदू धर्म अपनाना चाहता था लेकिन यह कैसे करना है इसकी उसे कोई जानकारी नहीं थी। जब वह राधा से मिला और उन दोनो के बीच जान पहचान बढ़ी और वे नजदीक आने लगे। इसके बाद तो उसे अपनाने के लिए वह कुछ भी करने को तैयार हो गया। उसने राधा से मंदिर में शादी की इसके बाद पत्नी की बात मानते हुए 5 साल पहले जो करना चाहता था वह पूरा करते हुए हिंदू धर्म अपना लिया।

इस तरह से मिले राधा और मंसूरी
मंसूरी से कृष्णा बने युवक ने बताया की राधा उसके पड़ोस के गांव कयामपुर की रहने वाली  है। वह खुद ड्राइवरी का काम करता है। इसके चलते वह अलग अलग जगह में लगने वाले मेडिकल कैंप में मरीजों को लाने ले जाने का काम करता था इसी दौरान उसकी मुलाकात राधा नाम की लड़की से हुई। वह उसके काम से प्रभावित हुआ और दोनो में दोस्ती होने के बाद शादी करने का फैसला किया। दोनो के बीच धर्म की दीवार आ रही थी। इसे पार करने के लिए मंसूरी ने हिंदू धर्म अपनाने का निर्णय लिया।

धार्मिक कर्मकांड से धारण करवाया हिंदू धर्म
पत्नी की बात मानकर युवक ने धर्म परिवर्तन का फैंसला किया। वह पत्नी राधा के साथ गायत्री मंदिर गया। वहां के पंडितों ने मंसूरी को धार्मिक कर्मकांड के तहत धर्म अपनाने से पहले गोबर-गौमूत्र, दूध-दही और शहद कराया गया। इसके बाद मंत्रोच्चार करते हुए पंचामृत पिलाया गया। हिंदू धर्म के संस्कारों को निभाते हुए मंसूरी को कृष्णा नाम दिया गया। जानकारी में सामने आया है कि जिले में इससे पहले भी करीब आधा दर्जन लोगों ने रीति रिवाजों को पूरा करते हुए हिंदू धर्म अपनी मर्जी से अपनाया है।