सार
छतरपुर में एक हाई वोल्टेज ड्रामे का मामला सामने आया है। जहां बहू को देखते ही उसका पति और ससुरालवाले अपने घर में ताला डालकर भाग गए। महिला कड़ाके की ठंड में रात 12 तक घर के बाहर अपना बैग लेकर बैठी रही।
छतरपुर (मध्यप्रदेशः छतरपुर में एक हाई वोल्टेज ड्रामे का मामला सामने आया है। जहां बहू को देखते ही उसका पति और ससुरालवाले अपने घर में ताला डालकर भाग गए। महिला कड़ाके की ठंड में रात 12 तक घर के बाहर अपना बैग लेकर बैठी रही। पुलिस के आने के बाद भी मामला शांत नहीं हुआ।
6 साल पहले धूमधाम से हुई थी शादी
बता दें कि, पीड़िता अर्चना रावत की शादी आज से 6 साल पहले छतरपुर के रहने वाले अभिनव गुप्ता के साथ हुआ था। लेकिन शादी के कुछ दिन बाद ही उसके पति की असलियत महिला के सामने बाहर आ गई। क्योंकि युवक ने झूठ बोलकर यह विवाह किया था।
दहेज के लिए पत्नी को घर से निकाल दिया
पीड़िता ने बताया कि अभिनव ने शादी से पहले बताया था कि वह एक दिल्ली में बड़ी कंपनी में ज़ाब करता है। मेरे पिता ने बड़े धूमधाम से यह विवाह किया था। लेकिन बाद में पता चला कि वह शुरू से ही आवारा और बिगड़ैल है। वो आए दिन शराब पीता है। जब मैंने इसका विरोध किया वह मेरे साथ मारपीट कर दहेज की मांग करने लगा और दहेज न लाने के एवज में घर से निकाल दिया।
5 सालों से दर-दर की ठोकरें खा रही हूं: पीड़िता
पीड़िता अर्चना के मुताबिक. ससुरालियों को इस मामले में 1 वर्ष का कारावास भी हुआ और वह जमानत पर बाहर हैं। इस दौरान मैंने तलाक का केस फाइल किया था। लेकिन उन्होंने कहा अब ऐसा कुछ नहीं होगा, इसलिए हमने तलाक का केस वापस ले लिया। में पिछले 5 सालों से दर-दर की ठोकरें खा रही हूं। मेरे माता-पिता-परिजन बहुत परेशान हो चुके हैं। जब कभी मैं यहां रहने के लिए आती हूं तो वह मुझको घर के अंदर नहीं आने देते हैं।
मैं यहीं रहूंगी, नहीं तो जान दे दूंगी
जब मैं अपने ससुराल बैग लेकर रहने आई तो सास ससुर पति ने मुझे अंदर नहीं आने दिया। सास-ससुर-पति घर में ताला लगाकर भाग गए और मेरा बैग बाहर बरामदे में डाल गए। मकान मालिक भी मुझको अंदर नहीं जाने दे रहा है। अब मैं यहां से जाना नहीं चाहती चाहे जो हो जाए। मैं यहीं रहती थी यो यहीं रहूंगी और किसी भी सूरत में नहीं जाऊंगी में यहां अपनी जान दे दूंगी।
पुलिस ने बताई यह बात...
इस मामले को लेकर पुलिस का कहना है कि शाम 6 बजे से देर रात तकरीबन 12 बजे तक यह ड्रामा चलता रहा। अर्चना घर से जाना नहीं चाहती मकानमालिक हैं कि बाहर निकाल रहे हैं। हम दोनों को समझा रहे हैं पर कोई नहीं समझ पा रहा।